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अजमेर: लॉकडाउन के चलते राष्ट्रीय पक्षी मोर को भी नहीं मिल पा रहा दाना, स्थिति गंभीर - National bird Peacock

अजमेर के माखुपुरा स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में लगातार मोर की आवाजाही बनी रहती है. लॉकडाउन से पहले यहां कोई ना कोई व्यक्ति या कोई भामाशाह मोरों को दाना खिलाता ही रहता था. लेकिन,अब यहां लोग नहीं आ रहे हैं. राष्ट्रीय पक्षी भूख के चलते कहीं मरने ना लग जाए, इसलिए प्रशासन को भी इस ओर भी ध्यान देना चाहिए.

वैश्विक महामारी कोविड-19, Ajmer News
अजमेर राष्ट्रीय पक्षी मोर को नहीं मिल पा रहा दाना
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Published : Apr 23, 2020, 12:51 PM IST

अजमेर. वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते पूरे देश में 3 मई तक लॉकडाउन है. ऐसे वक्त में कई लोगों के सामने भोजन की समस्या है. प्रशासन द्वारा लोगों के लिए खाद्य सामग्री की व्यवस्था करवाई जा रही है. वहीं, राष्ट्रीय पक्षी मोर को बिना दाने के ही अपना जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है. राष्ट्रीय पक्षी भूख के चलते कहीं मरने ना लग जाए, इसलिए प्रशासन को भी इस ओर भी ध्यान देना चाहिए.

एक उदाहरण अजमेर के माखुपुरा स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज के उस मैदान का भी है, जहां लगातार मोर की आवाजाही बनी रहती है. लॉकडाउन से पहले यहां कोई ना कोई व्यक्ति या कोई भामाशाह मोरों को दाना खिलाता ही रहता था. लेकिन, लॉकडाउन के चलते अब यहां लोग नहीं आ रहे हैं. अब यहां ड्यूटी पर तैनात गार्ड ही कुछ मात्रा में हर दिन दाना डालते हैं. लेकिन, मोरों की संख्या अधिक होने के चलते दाने की पूरी भरपाई नहीं हो पाती. इसके चलते मोरों को भी लॉकडाउन के चलते भूखे रहना पड़ रहा है. डर मोरों के भूखे मरने का भी है.

अजमेर में राष्ट्रीय पक्षी मोर को नहीं मिल पा रहा दाना

पढ़ें: जोधपुरः भोपालगढ़ के युवाओं ने बढ़ाए मदद के हाथ, जरूरतमंदों को बांट रहे भुजिया

माखुपुरा के पूर्व सरपंच ने बताया कि शाम के वक्त करीब 100-150 मोर और मोरनी मैदान में एकत्रित हो जाते हैं. गार्ड द्वारा कुछ मात्रा में उन्हें दाना डाल दिया जाता है. लेकिन, आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते गार्ड द्वारा भी पर्याप्त मात्रा में उन्हें दाना नहीं डाला जाता. दाने की कमी के चलते कई मोरों की मौत भी हो सकती है. इसलिए प्रशासन से इस ओर भी ध्यान देने की अपील की है.

अजमेर. वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते पूरे देश में 3 मई तक लॉकडाउन है. ऐसे वक्त में कई लोगों के सामने भोजन की समस्या है. प्रशासन द्वारा लोगों के लिए खाद्य सामग्री की व्यवस्था करवाई जा रही है. वहीं, राष्ट्रीय पक्षी मोर को बिना दाने के ही अपना जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है. राष्ट्रीय पक्षी भूख के चलते कहीं मरने ना लग जाए, इसलिए प्रशासन को भी इस ओर भी ध्यान देना चाहिए.

एक उदाहरण अजमेर के माखुपुरा स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज के उस मैदान का भी है, जहां लगातार मोर की आवाजाही बनी रहती है. लॉकडाउन से पहले यहां कोई ना कोई व्यक्ति या कोई भामाशाह मोरों को दाना खिलाता ही रहता था. लेकिन, लॉकडाउन के चलते अब यहां लोग नहीं आ रहे हैं. अब यहां ड्यूटी पर तैनात गार्ड ही कुछ मात्रा में हर दिन दाना डालते हैं. लेकिन, मोरों की संख्या अधिक होने के चलते दाने की पूरी भरपाई नहीं हो पाती. इसके चलते मोरों को भी लॉकडाउन के चलते भूखे रहना पड़ रहा है. डर मोरों के भूखे मरने का भी है.

अजमेर में राष्ट्रीय पक्षी मोर को नहीं मिल पा रहा दाना

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माखुपुरा के पूर्व सरपंच ने बताया कि शाम के वक्त करीब 100-150 मोर और मोरनी मैदान में एकत्रित हो जाते हैं. गार्ड द्वारा कुछ मात्रा में उन्हें दाना डाल दिया जाता है. लेकिन, आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते गार्ड द्वारा भी पर्याप्त मात्रा में उन्हें दाना नहीं डाला जाता. दाने की कमी के चलते कई मोरों की मौत भी हो सकती है. इसलिए प्रशासन से इस ओर भी ध्यान देने की अपील की है.

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