अजमेर. जिले में कोरोना संक्रमण लगातार अपने पैर पसारता जा रहा है. नए मरीजों में ज्यादातर बिना लक्षण वाले मरीज मिल रहे हैं. जिससे प्रशासन की चिंता और चुनौती दोनों बढ़ गई है. प्रशासन ने सैंपलिंग की संख्या बढ़ा तो दी है, लेकिन बिना लक्षण वाले मरीजों से फैलते संक्रमण ने एक नई समस्या खड़ी कर दी है.
अजमेर में अगस्त महीने में अब तक 1,293 नए मरीज सामने आए हैं. वहीं इस महीने कोरोना से 34 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा धीरे-धीरे स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी बढ़ाता जा रहा है.
जिले में शुरुआत में मार्च महीने में कोरोना के 5 मामले आए थे. उस वक्त लॉकडाउन के अलावा बड़े क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया था, लेकिन आज के हालातों को देखे तो यहां कोरोना अपने पैर जमा चुका है.
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डॉक्टर केके सोनी ने बताया कि जिले में कोरोना से 76.49 फीसदी मरीज ठीक हुए हैं. कोरोना के नए मरीजों में सबसे अधिक संख्या युवाओं की है. उसमें से बिना लक्षण वाले युवा मरीज अधिक हैं. ऐसे में अजमेर प्रशासन कोरोना को काबू करने के लिए जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के माध्यम से टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दे रहा है.
जिले में 2.71 मृत्यु दर
बता दें कि चिकित्सा विभाग कोरोना की चेन तोड़ने में लगा है, लेकिन कोरोना के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा रुक नहीं रहा है. अजमेर में 2.71 मृत्यु दर का आंकड़ा है, जो काफी चिंताजनक है. जुलाई और अगस्त में अब तक सर्वाधिक मौतें हुई हैं. जुलाई महीने में 35 और अगस्त का महीना आधा ही बीता है कि 34 मौतें अब तक हो चुकी है. इतनी मौतों के बाद प्रशासन की नींद उड़ना लाजमी भी है.
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16 से 65 वर्ष की उम्र के लोगों की मृत्यु दर के आंकड़े देखें तो 86 मरीज कोरोना से जान गंवा चुके हैं. इनमें 59 पुरुष और 27 महिलाएं हैं. जिसमें 51 से 60 वर्षीय महिला और 65 से अधिक उम्र के पुरुष मरीजों की मृत्यु सर्वाधिक हुई है.
आमजन को करना होगा प्रशासन का सहयोग
अजमेर में कोरोना का संक्रमण दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. दूसरी तरफ लोगों में कोरोना का भय कम ही नजर आ रहा है. जबकि कोरोना से मृत्यु दर बढ़ने से हालात चिंताजनक हैं. प्रशासन के अपने प्रयास हैं लेकिन सावधानी आमजन को रखनी होगी.
आमजन को अब देखना होगा और कोरोना से बचाव के सारे नियमों की पालना करना होगा. तभी चिकित्सा विभागों के प्रयास सफल होंगे वरना आमजन की लापरवाही जिले में स्थिति को बदतर बना सकती है.