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विधायक वासुदेव देवनानी ने सीएम गहलोत पर बोला हमला, '...चल रहे इंदिरा गांधी के पद चिन्हों पर'

पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को अजमेर शहर के एक होटल में प्रेस वार्ता में सीएम अशोक गहलोत पर जमकर हमला बोला. कहा कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी इंदिरा गांधी के पद चिन्हों पर चल रहे हैं.

On 46th anniversary of Emergency, Ajmer News
विधायक वासुदेव देवनानी की प्रेस कांफ्रेंस
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Published : Jun 25, 2021, 8:14 PM IST

अजमेर. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी इंदिरा गांधी के पद चिन्हों पर चल रहे हैं. इंदिरा गांधी ने अपने पद को बचाने के लिए देश को आपातकाल की आग में झोंक दिया था. इसी तरह से अशोक गहलोत ने भी अपना पद बचाने के लिए 32 दिन बाड़े बंदी की. फोन टैपिंग मामले के अलावा कांग्रेस के विधायक जो बाहर चले गए उन पर राजद्रोह के मुकदमे दर्ज किए गए. ये घटनाएं बताने के लिए काफी हैं कि राजस्थान मिनी आपातकाल की दिशा में बढ़ रहा है. ये गंभीर आरोप पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को शहर के एक होटल में प्रेस वार्ता में लगाए.

देश में 46 वर्ष पहले लगे आपातकाल पर शुक्रवार को आयोजित 'काला दिवस' कार्यक्रम में विधायक देवनानी ने आगे कहा कि आपातकाल में मीडिया पर भी पाबंदी लगाई. अपने पद को बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था, क्योंकि 12 जून 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया था.

पढ़ें: 46th anniversary of Emergency: सांसद कनकमल कटारा का कांग्रेस पर हमला, 'सत्ता के मोह में डूबे कांग्रेसी'

साथ ही छह साल तक वह चुनाव न लड़ सकें इसका भी प्रावधान किया था. इस फैसले के खिलाफ इंदिरा गांधी सुप्रीम कोर्ट गईं, लेकिन 24 जून 1975 को उन्हें कोई राहत नहीं मिली. बाद में आपातकाल के दौरान राष्ट्रीय नेताओं को भी जेल भेज दिया गया. ये सबक है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए उस समय जिस तरह से आंदोलन हुआ, उसी तरह से राजस्थान में भी ऐसे परिदृश्य के विरुद्ध जागरूकता होनी चाहिए. इसके लिए आवश्यक है कि सभी एकजुट होकर गैर कानूनी गतिविधियों को रोकें और जनता को जागरूक बनाएं.

देश की जड़ में लोकतंत्र की आस्था बहुत गहरी

कहा कि जयपुर में बिना सुनवाई के अधिकारी को अपदस्थ करना इसका बड़ा उदाहरण है. मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा कोई मुख्यमंत्री नहीं मिला जो कोरोना से स्वस्थ होने के बाद भी अपने आपको 60 दिन के लिए क्वारंटीन कर ले. गहलोत ने ऐसा किस डॉक्टर से पूछ कर किया उस डॉक्टर का नाम अभी तक सामने नहीं आया है.

गहलोत केवल अंदर बैठ कर बाहर लोगों पर अंकुश लगाने की राजनीति कर रहे हैं, जो कि बेहद निंदनीय और शर्मनाक है. मेरी अपील है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए मीडिया, आमजन और विपक्ष आगे आकर लोकतंत्र की रक्षा करें. देश की जड़ में लोकतंत्र की आस्था बहुत गहरी है. इस प्रकार के कृत्य प्रदेश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. प्रेसवार्ता में शहर भाजपा अध्यक्ष डॉ प्रियशील हाड़ा, नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन, मीडिया प्रभारी अनीश मोयल युवा मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी रचित कच्छावा सहित सही कार्यकर्ता मौजूद रहे.

अजमेर. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी इंदिरा गांधी के पद चिन्हों पर चल रहे हैं. इंदिरा गांधी ने अपने पद को बचाने के लिए देश को आपातकाल की आग में झोंक दिया था. इसी तरह से अशोक गहलोत ने भी अपना पद बचाने के लिए 32 दिन बाड़े बंदी की. फोन टैपिंग मामले के अलावा कांग्रेस के विधायक जो बाहर चले गए उन पर राजद्रोह के मुकदमे दर्ज किए गए. ये घटनाएं बताने के लिए काफी हैं कि राजस्थान मिनी आपातकाल की दिशा में बढ़ रहा है. ये गंभीर आरोप पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने शुक्रवार को शहर के एक होटल में प्रेस वार्ता में लगाए.

देश में 46 वर्ष पहले लगे आपातकाल पर शुक्रवार को आयोजित 'काला दिवस' कार्यक्रम में विधायक देवनानी ने आगे कहा कि आपातकाल में मीडिया पर भी पाबंदी लगाई. अपने पद को बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया था, क्योंकि 12 जून 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया था.

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साथ ही छह साल तक वह चुनाव न लड़ सकें इसका भी प्रावधान किया था. इस फैसले के खिलाफ इंदिरा गांधी सुप्रीम कोर्ट गईं, लेकिन 24 जून 1975 को उन्हें कोई राहत नहीं मिली. बाद में आपातकाल के दौरान राष्ट्रीय नेताओं को भी जेल भेज दिया गया. ये सबक है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए उस समय जिस तरह से आंदोलन हुआ, उसी तरह से राजस्थान में भी ऐसे परिदृश्य के विरुद्ध जागरूकता होनी चाहिए. इसके लिए आवश्यक है कि सभी एकजुट होकर गैर कानूनी गतिविधियों को रोकें और जनता को जागरूक बनाएं.

देश की जड़ में लोकतंत्र की आस्था बहुत गहरी

कहा कि जयपुर में बिना सुनवाई के अधिकारी को अपदस्थ करना इसका बड़ा उदाहरण है. मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा कोई मुख्यमंत्री नहीं मिला जो कोरोना से स्वस्थ होने के बाद भी अपने आपको 60 दिन के लिए क्वारंटीन कर ले. गहलोत ने ऐसा किस डॉक्टर से पूछ कर किया उस डॉक्टर का नाम अभी तक सामने नहीं आया है.

गहलोत केवल अंदर बैठ कर बाहर लोगों पर अंकुश लगाने की राजनीति कर रहे हैं, जो कि बेहद निंदनीय और शर्मनाक है. मेरी अपील है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए मीडिया, आमजन और विपक्ष आगे आकर लोकतंत्र की रक्षा करें. देश की जड़ में लोकतंत्र की आस्था बहुत गहरी है. इस प्रकार के कृत्य प्रदेश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. प्रेसवार्ता में शहर भाजपा अध्यक्ष डॉ प्रियशील हाड़ा, नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन, मीडिया प्रभारी अनीश मोयल युवा मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी रचित कच्छावा सहित सही कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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