अजमेर. तीर्थ नगरी पुष्कर में नए अस्पताल के लिए भूमि विवाद गहरा गया है. पुष्कर का एक बड़ा तबका 100 बेड के अस्पताल पुष्कर में ही बनाने के पक्ष में है, जबकि कुछ नेता करखेड़ी रोड पर अस्पताल बनाने के पक्ष में है. इधर क्षेत्र के विधायक सुरेश सिंह रावत ने सरकार के पाले में गेंद डालते हुए कहा कि यह सरकार तय करेगी, अस्पताल कहां बनवाना है.
रावत ने कहा कि मैं अस्पताल के लिए एक करोड़ विधायक कोष से देने के लिए तैयार हूं. विधायक सुरेश सिंह रावत ने कहा कि जनहित में पुष्कर में 100 बेड का अस्पताल बनाना चाहिए. उसके लिए मैं खुद मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री से भी मिला था. मैंने कहा था कि अस्पताल को लेकर अनुमति मिलने पर मैं विधायक कोष से एक करोड़ रुपए दूंगा. रावत ने कहा कि पुष्कर में एक पक्ष पुष्कर के भीतर अस्पताल बनवाना चाहता है, तो वहीं दूसरी पक्ष घर के बाहर अस्पताल बनवाने के लिए राजी है. मैंने प्रशासन से आग्रह किया है कि ऐसी जगह को चिन्हित करें, जहां लोगों को आने-जाने में कोई असुविधा न हो. साथ ही अस्पताल पुष्कर के नजदीक हो. वहीं अस्पताल के लिए चिन्हित की जाने वाली भूमि विवादास्पद न हो.
रावत ने कहा कि तीर्थराज पुष्कर अंतरराष्ट्रीय जगह है, जहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग आते हैं. ऐसे में पुष्कर के लोगों के साथ-साथ घर के लोगों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले. प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही वह भूमि को चिन्हित कर बताएंगे. उसके बाद मैं भी चिन्हित भूमि का निरीक्षण कर दिशा-निर्देश दूंगा. विधायक सुरेश सिंह रावत ने बातचीत में कहा कि तीर्थ नगरी पुष्कर में लोग पर्यटन पर निर्भर हैं. कोरोना काल में पुष्कर में न पर्यटक आ रहे हैं और न ही श्रद्धालु आ रहे हैं. इस कारण वहां होटल व्यवसाय से जुड़े लोग, आसपास के किसान एवं तीर्थ पुरोहितो को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. मैंने सीएम अशोक गहलोत को पुष्कर के होटल व्यवसाय को राहत देने या सब्सिडी देने के विषय में लिखा था. इसके अलावा उसके आसपास के किसानों और तीर्थ पुरोहितों को मासिक राशि राहत के रूप में देने के लिए लिखा था. उनकी एकमात्र आदमी का साधन पुष्कर में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटक हैं.
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सरकार को तत्काल उनके भरण-पोषण के लिए राहत पहुंचनी चाहिए. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में कितनी छूट दी जाए, यह सरकार को तय करना है, लेकिन मेरा कहना है कि कोरोना अभी पूरी तरह गया नहीं है, वह छुप कर बैठा है. ऐसे ही लोग घरों से बाहर निकलेंगे. कोरोना फिर से अपने पैर पसार लेगा. इसलिए आवश्यक है कि हम सबको कोरोना से लड़ने के लिए मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग रखनी होगी. जब तक कोरोना भाग नही जाए, तब तक अनावश्यक रूप से बाहर नही निकालकर घर पर रहकर ही कोरोना से मुकाबला करना है.