अजमेर. जेएलएन अस्पताल के कोविड वार्ड में शुक्रवार रात ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने की वजह से 2 मरीजों की मौत हो गई थी. इस प्रकरण में गंभीरता दिखाते हुए अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल ने जेएलएन अस्पताल अधीक्षक और मेडिकल कॉलेज प्राचार्य सहित अस्पताल के उच्चाधिकारियों को जमकर आड़े हाथों लिया. अनिता भदेल के ऐसा करने पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है.
जेएलएन के डॉक्टर की ओर से हाथ पर काली पट्टी बांधकर उनका विरोध किया जा रहा है. इस संबंध में जब अनिता भदेल से बातचीत की गई तो उन्होंने सख्त शब्दों में जेएलएन अस्पताल प्रशासन से कुछ सवाल किए उनका कहना है कि क्या जेएलएन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से मरीजों की मौत होने पर जेएलएन प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं है. आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन है इससे पहले जेएलएन हॉस्पिटल में पार्षद भारतीय जांगिड़ की अव्यवस्थाओं के चलते मौत हो चुकी है. भदेल ने कहा कि जेएलएन हॉस्पिटल प्रशासन चाहता है उनकी ओर से की जा रही गंभीर लापरवाही के बारे में कोई उनसे सवाल जवाब ना करें. जबकि लोकतंत्र में जवाबदेही बनती है.
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यदि आप किसी संस्थान के अधीक्षक या प्राचार्य पद पर आसीन हैं तो जनता के सवालों का जवाब देना आपका कर्तव्य है. फिर चाहे आप डॉक्टर ही क्यों ना हो. उन्होंने कहा कि सवाल पूछते वक्त उन्होंने किसी भी तरह की अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं किया बल्कि हाथ जोड़कर अपनी बात कही थी, लेकिन यदि इस बात को मुद्दा बनाकर डॉक्टर काली पट्टी बांधकर विरोध करना चाहते हैं तो यह इस बात का सूचक है कि वह अपनी गलतियों और लापरवाही में किसी तरह का कोई सुधार नहीं करना चाहते. उन्हें पहले उन मरीजों के परिजनों से माफी मांगनी चाहिए जो इस अव्यवस्था का शिकार होकर अपनी जान गवां बैठे हैं. जनप्रतिनिधियों का काम जनता के हित में काम करना होता है, प्रशासन का ध्यान उनकी गलतियों की तरफ आकर्षित करना होता है और वह यह काम हर बार करेंगे.
इस मामले में कांग्रेस की ओर से किए जा रहे विरोध के बारे में अनिता भदेल ने कहा की प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. पूरा प्रदेश कोरोना महामारी से लड़ रहा है. अजमेर तो स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला है, लेकिन फिर भी सरकार ने इस कोरोना काल में अजमेर के लिए कुछ नहीं किया. जेएलएन हॉस्पिटल में छत के प्लास्टर गिरते रहते हैं, ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो जाती है जिसकी वजह से कई मरीजों को नुकसान उठाना पड़ता है, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस संबंध में अब तक कुछ नहीं किया. ऐसे में जो सरकार, उसके मंत्री और अधिकारी अजमेर की जनता के लिए कुछ नहीं कर सकते, वह उन्हें कुछ भी कहने का अधिकार नहीं रखते.