अजमेर. लॉकडाउन की वजह से आम जनता की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गई है. ऐसे में प्रदेश के गरीब किसानों की स्थिति का अंदाजा लगाना भी हमारे लिए मुश्किल है. किसानों को मुफ्त बिजली, पानी मुहैया करवाने का वादा सत्ता में आने वाली हर सरकार की ओर से किया जाता है. इस बात की पूर्ति करने में हर सरकार नाकामयाब रहती है.
महामारी के इस दौर में किसानों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से उनकी फसल भी उचित दामों में नहीं बिक पा रही है. ऐसे में आर्थिक तंगी से जूझते किसान के लिए बिजली का बिल कोढ़ में खाज का काम कर रहा है.
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किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए पुष्कर विधायक सुरेश रावत ने भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर किसानों के लिए बिजली के बिल माफ करने की मांग की है.
हर महीने भेजा जा रहा बिजली का बिल...
पुष्कर विधायक सुरेश रावत ने कहा की लॉकडाउन के इस दौर में जहां हर आदमी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. ऐसे में सरकार को मानवता दिखाते हुए किसानों के साथ-साथ आम जनता के भी बिजली के बिल माफ करने चाहिए थे. लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. बल्कि सरकार की ओर से लोगों को हर महीने बिजली का बिल भेजना शुरू कर दिया गया है. पहले लोगों को बिजली के बिल 2 महीने में मिलते थे. वहीं आम लोग हर महीने बिजली का बिल भरने को मजबूर हैं.
आम जनता की समस्या को लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से जन आंदोलन किया गया था. साथ ही विधानसभा में भी इस मुद्दे को जोरो-शोर से उठाया गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने वापस 2 महीने में ही बिजली के बिल भेजने की घोषणा की थी. इस घोषणा को अब तक अमल में नहीं लाया जा रहा है.
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आम जनता अब भी हर महीने बिजली का बिल भर रही है. कभी फुल चार्ज तो कभी सरचार्ज के माध्यम से बिजली के बिल की राशि में बढ़ोतरी कर दी जाती है. ऐसे में आम जनता अपनी समस्या लेकर किस से गुहार लगाएगी. विधायक सुरेश रावत ने कहा कि इसी वजह से उन्होंने भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर बिजली के बिल माफ करने की गुहार लगाई है.