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Posting cases of Tehsildars: कार्मिक विभाग के आदेशों की उड़ीं धज्जियां, सीएम तक पहुंचा 450 नायब तहसीलदारों के पदोन्नति का मामला

राजस्व मंडल की ओर से 450 नायब तहसीलदारों को नियम विरुद्ध तहसीलदार के पद पर पदोन्नति (Posting cases of Tehsildars) की प्रक्रिया की जा रही है. इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर्स से सूचनाएं भई मांगी गई थी. जबकि कार्मिक विभाग की ओर से पातेय वेतन पर रोक लगाई गई है. बावजूद इसके राजस्व मंडल ने कार्य व्यवस्थार्थ के आधार पर उनका पदस्थापन कर दिया. इस मामले में सीएम को पत्र लिख पदस्थापन पर रोक लगाने की मांग की गई है.

matter of promotion of Tehsildals against the rules reached the CM
तहसीलदालों की नियम विरुद्ध पदोन्नति का मामला सीएम तक पहुंचा
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Published : Dec 15, 2021, 7:39 PM IST

अजमेर. पदस्थापन मामले को लेकर (Posting cases of Tehsildars) सीएम गहलोत को भेजा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पत्र भेजने वाले ने अपना नाम नहीं लिखकर गोपनीय लिखा है. सीएम को लिए गए पत्र में नायब तहसीलदारों की पदोन्नति नियमों के खिलाफ किए जाने का आरोप लगाया गया है.

पत्र में बताया गया है कि कार्मिक विभाग के परिपत्र के बावजूद राजस्व मंडल ने नियम विरुद्ध जाकर कार्य व्यवस्थार्थ के आधार पर 450 नायब तहसीलदारों को उच्च पद पर पदस्थापन करने पर आमादा है. पत्र में यह भी लिखा है कि राजस्व मंडल के कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाना चाह रहे हैं. हाल ही में राजस्व मंडल अजमेर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से रेड में कई अधिकारी पकड़े गए औक कई जांच के दायरे में है.

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इस तरह के नियम विरुद्ध प्रक्रिया से न्यायालय में मुकदमों की संख्या बढ़ रही है और कैडर में विसंगतियां आ रही है. इस प्रकार राजस्व मंडल अजमेर की ओर से राज्य सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. पत्र के माध्यम से सीएम अशोक गहलोत से राजस्व मंडल की ओर से की जा रही नियम विरुद्ध कार्य व्यवस्थार्थ पदोन्नति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की गई है.

साथ ही इसमें लिप्त अधिकारियों के विरुद्ध जांच करवाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी मांग की गई है. पत्र के साथ (स्टॉप गैप) पातेय वेतन आदि कार्य व्यवस्थार्थ के आधार पर नियमित वेतन श्रंखला में पदोन्नति/पदस्थापन नहीं किए जाने के कार्मिक (क-2) के प्रमुख शासन सचिव हेमंत कुमार गेरा के आदेश के प्रति भी साथ में सीएम को भेजी गई है.

450 नायब तहसीलदारों की पदोन्नती सूची हो चुकी है जारी

राजस्व मंडल 450 नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के रिक्त पदों पर कार्य व्यवस्थार्थ प्रतिस्थापन की सूची 26 नवंबर 2021 को जारी कर चुका है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार राज कार्यों के समय पर निष्पादन के दृष्टिगत नायब तहसीलदारों को वरिष्ठता के आधार पर कार्य व्यवस्थास्थार्थ वेतन श्रंखला (पातेय वेतन) में तहसीलदार के रिक्त पदों पर पदस्थापित किया गया है. ऐसे में मामला अब विवादों में उलझता दिख रहा है.

पढ़ें.Cabinet Meeting In Jaipur: कैबिनेट बैठक में तीन साल के कार्यों पर चर्चा, रिपोर्ट कार्ड लेकर प्रभार वाले जिलों में जाएंगे मंत्री: खाचरियावास

पदस्थापन सूची में शामिल नायब तहसीलदारो का कहना है कि सूची सरकार के निर्देशानुसार जारी की गई है. ऐसे में सूची में शामिल नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के रिक्त पदों पर पदस्थापन किया जाना चाहिए.

वहीं इस सूची में 47 नायब तहसीलदारों को सूची से बाहर निकाला जा रहा है. राजस्व मंडल का तर्क है कि गिरदावर से कार्य व्यवस्थार्थ के आधार पर नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थापित कार्मिकों को सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है. राजस्व मंडल इन 47 कार्मिकों को गिरदावर ही मान रहा है.

अजमेर. पदस्थापन मामले को लेकर (Posting cases of Tehsildars) सीएम गहलोत को भेजा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पत्र भेजने वाले ने अपना नाम नहीं लिखकर गोपनीय लिखा है. सीएम को लिए गए पत्र में नायब तहसीलदारों की पदोन्नति नियमों के खिलाफ किए जाने का आरोप लगाया गया है.

पत्र में बताया गया है कि कार्मिक विभाग के परिपत्र के बावजूद राजस्व मंडल ने नियम विरुद्ध जाकर कार्य व्यवस्थार्थ के आधार पर 450 नायब तहसीलदारों को उच्च पद पर पदस्थापन करने पर आमादा है. पत्र में यह भी लिखा है कि राजस्व मंडल के कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाना चाह रहे हैं. हाल ही में राजस्व मंडल अजमेर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से रेड में कई अधिकारी पकड़े गए औक कई जांच के दायरे में है.

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इस तरह के नियम विरुद्ध प्रक्रिया से न्यायालय में मुकदमों की संख्या बढ़ रही है और कैडर में विसंगतियां आ रही है. इस प्रकार राजस्व मंडल अजमेर की ओर से राज्य सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. पत्र के माध्यम से सीएम अशोक गहलोत से राजस्व मंडल की ओर से की जा रही नियम विरुद्ध कार्य व्यवस्थार्थ पदोन्नति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की गई है.

साथ ही इसमें लिप्त अधिकारियों के विरुद्ध जांच करवाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी मांग की गई है. पत्र के साथ (स्टॉप गैप) पातेय वेतन आदि कार्य व्यवस्थार्थ के आधार पर नियमित वेतन श्रंखला में पदोन्नति/पदस्थापन नहीं किए जाने के कार्मिक (क-2) के प्रमुख शासन सचिव हेमंत कुमार गेरा के आदेश के प्रति भी साथ में सीएम को भेजी गई है.

450 नायब तहसीलदारों की पदोन्नती सूची हो चुकी है जारी

राजस्व मंडल 450 नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के रिक्त पदों पर कार्य व्यवस्थार्थ प्रतिस्थापन की सूची 26 नवंबर 2021 को जारी कर चुका है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार राज कार्यों के समय पर निष्पादन के दृष्टिगत नायब तहसीलदारों को वरिष्ठता के आधार पर कार्य व्यवस्थास्थार्थ वेतन श्रंखला (पातेय वेतन) में तहसीलदार के रिक्त पदों पर पदस्थापित किया गया है. ऐसे में मामला अब विवादों में उलझता दिख रहा है.

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पदस्थापन सूची में शामिल नायब तहसीलदारो का कहना है कि सूची सरकार के निर्देशानुसार जारी की गई है. ऐसे में सूची में शामिल नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के रिक्त पदों पर पदस्थापन किया जाना चाहिए.

वहीं इस सूची में 47 नायब तहसीलदारों को सूची से बाहर निकाला जा रहा है. राजस्व मंडल का तर्क है कि गिरदावर से कार्य व्यवस्थार्थ के आधार पर नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थापित कार्मिकों को सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है. राजस्व मंडल इन 47 कार्मिकों को गिरदावर ही मान रहा है.

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