अजमेर. जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 106 पहुंच गई है. मेडिकल टीम संक्रमित क्षेत्रों में लोगों के जांच सैंपल ले रहे हैं. लेकिन उन सैंपल की जांच के लिए अजमेर को अन्य जिलों पर निर्भर रहना पड़ रहा था. अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज में रोज 50 से 60 जांचे ही हो पा रही थी. शुक्रवार को ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जेएलएन मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. संजीव माहेश्वरी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के पास 5 मशीनें जांच के लिए आ चुकी है. शनिवार से 2 मशीन से 350 सैंपल की जांच प्रतिदिन होने लगेगी.
डॉ. माहेश्वरी ने बताया कि कोविड-19 वायरस यह सभी के लिए नया था. इसकी जांच के लिए जेएलएन मेडिकल कॉलेज के पास कोई मशीन नहीं थी. एक मशीन मिली वह भी मैनुअल वर्क करती है, जिसमें 50 से 60 जांच प्रतिदिन की जा सकती है. इसलिए सैंपल अधिक होने की वजह से उन्हें उदयपुर भेजा गया, जहां 24 घंटों में जांच रिपोर्ट मिलने लगी.
आगामी 10 दिनों में शुरू हो जाएगी एक हजार सैंपलों की जांच
माहेश्वरी ने बताया कि अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज में हर तरह की सुविधाएं हैं. एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. संजीव माहेश्वरी ने बताया कि शनिवार से प्रतिदिन साढ़े तीन सौ सैंपल की जांच होने लगेगी, उसके बाद शेष 3 मशीनों को भी जल्दी ही इंस्टॉल करवा लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि आगामी 10 दिनों के भीतर 1000 सैंपल की जांच होनी शुरू हो जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि आवश्यकता पड़ने पर जांच के लिए और भी मशीन खरीदी जा सकती है.
एडिशनल प्रिंसिपल ने बताया कि जांच के सैंपल में जो लोग पॉजिटिव पाए जा रहे हैं, उनमें अधिकांश लोग स्वस्थ प्रतीत हो रहे हैं. जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में यह पता लगाना कि व्यक्ति संक्रमित कैसे हुआ यह हिस्ट्री जानना मुश्किल है. उन्होंने बताया कि सामान्य दिखने वाले व्यक्ति में भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है. यह व्यक्ति की इम्यूनिटी पर निर्भर करता है.
माहेश्वरी ने बताया कि लोग इस भरोसे में ना रहे की, उनमें लक्षण नहीं पाए जा रहे हैं तो वह वायरस के शिकार नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वायरस से बचने के लिए लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.