अजमेर. जन अनुशासन पखवाड़ा के दौरान शराब की दुकान खोले जाने की अनुमति सरकार ने दी है, लेकिन समय सुबह 6 बजे से दोपहर 11 बजे तक दुकान खोलने का दिया गया है. इससे शराब की बिक्री पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है. नुकसान झेल रहे शराब व्यवसायियों के सामने दुकाने सरेंडर करने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है. शराब व्यवसायियों ने शराब की दुकान खुलने का समय परिवर्तन करने की मांग की है. शराब व्यवसायियों का तर्क है कि सुबह चाय दूध पीने का समय शराब कोई नहीं पीता.
अजमेर जिले में 372 शराब की दुकानें हैं. शराब की बिक्री से सरकार द्वारा राजस्व प्राप्त होता है. यही वजह है कि जन अनुशासन पखवाड़ा के दौरान भी सरकार ने शराब की दुकान खोलने की अनुमति दे रखी है. मगर गाइडलाइन में शराब की दुकान खोलने का समय सुबह 6:00 से दोपहर 11:00 बजे तक का ही दिया गया है. इस दौरान शराब की बिक्री नहीं हो रही है.
शराब व्यवसायियों का कहना है कि शराब की दुकानों की नीलामी इस बार करोड़ों रुपए में हुई हैं. वहीं लाखों रुपए गारंटी के लिए गए हैं. बावजूद इसके जिस शराब के ब्रांड की डिमांड नहीं है. वह भी खरीदने को मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि शराब की बिक्री कम हो जाने के बावजूद आबकारी विभाग लक्ष्य के अनुसार शराब खरीदने के लिए दबाव बना रहा हैं. ऐसे में दुकानों पर शराब कास्ट ऑफ बढ़ता जा रहा है और बिक्री नहीं होने से शराब व्यवसायियों को नुकसान हो रहा है.
शराब व्यवसायियों का कहना है कि जब शराब की बिक्री नहीं हो रही है तो फिर दुकानें चलाने का भी कोई औचित्य नहीं है. आबकारी विभाग दुकानों पर जमा स्टॉक को वापस लेकर दुकान की चाबियां संभाल ले. शराब व्यवसायी दुकानें चलाने में असमर्थ हैं. शराब व्यवसायियों का कहना है कि शराब की दुकान खोले जाने के समय में परिवर्तन करने पर ही शराब की बिक्री बढ़ेगी. जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में नहीं होने पर शराब व्यवसाई उन्हें आबकारी विभाग के एक कर्मी को ज्ञापन सौंपा है.