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अजमेरः AAP और क्षेत्रपाल हॉस्पिटल में छिड़ी कानूनी जंग, जानें मामला - अजमेर संभाग प्रभारी कीर्ति पाठक

अजमेर में शनिवार को आम आदमी पार्टी के संभाग प्रभारी कीर्ति पाठक ने पार्टी के विधि सलाहकारों के साथ प्रेस वार्ता आयोजित की. इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रशासन के लगाए गए आरोपों को निराधार बताया.

AAP और क्षेत्रपाल हॉस्पिटल में कानूनी जंग, Legal battle AAP Kshetrapal Hospital
AAP और क्षेत्रपाल हॉस्पिटल में कानूनी जंग
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Published : Nov 21, 2020, 8:56 PM IST

अजमेर. शहर में आम आदमी पार्टी और पंचशील स्थित क्षेत्रपाल अस्पताल के बीच अब कानूनी जंग छिड़ गई है. अस्पताल में धरना देने वाले आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन ने क्रिश्चियन गंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. वहीं आम आदमी पार्टी भी अस्पताल प्रशासन के लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की तैयारी कर रहा है.

AAP और क्षेत्रपाल हॉस्पिटल में कानूनी जंग

आम आदमी पार्टी के संभाग प्रभारी कीर्ति पाठक ने पार्टी के विधि सलाहकारों के साथ प्रेस वार्ता आयोजित की. पार्टी के विधि सलाहकार जिनेश सिंह सोनी ने बताया कि क्षेत्रपाल अस्पताल प्रबंधन ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाते हुए क्रिश्चियन गंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अस्पताल में उस जगह पर शांति पूर्वक धरना दे रहे थे. जहां किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं हो रही थी.

वहीं कार्यकर्ताओं ने धरने के दौरान कोविड-19 की भी पालना की थी. अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट है कि प्रबंधन के साथ जो भी बातचीत हुई, वह सीसीटीवी के सामने हुई है. लिहाजा आम आदमी पार्टी अस्पताल प्रबंधन से पुलिस को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करवाने की मांग कर रही है. उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी की ओर से अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ क्रिश्चियन गंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा.

पार्टी की अजमेर संभाग प्रभारी कीर्ति पाठक ने बताया कि पार्टी के कार्यकर्ता 13 नवंबर को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए 83 वर्षीय बुजुर्ग मूलचंद चौहान को बिना इलाज दिए अस्पताल से रवाना कर देने का कारण जानने की मांग कर रहे थे. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है. बल्कि इलाज के नाम पर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

पढ़ेंः भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण मामला: केंद्र को रिकमेंडेशन लेटर भेजेगी गहलोत सरकार, लेकिन आंदोलन सही नहीं: विश्वेंद्र सिंह

पाठक ने बताया कि कार्यकर्ताओं की ओर से अस्पताल प्रबंधन से मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई. इस कारण कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में धरना दिया, वो उनका लोकतांत्रिक अधिकार है. पाठक का कहना है कि अस्पताल प्रशासन निराधार आरोप लगाकर असल मुद्दे से आम जनता का ध्यान भटकाना चाहता है. उनका कहना है कि यदि अस्पताल में कोविड-19 बुजुर्ग मरीज को इलाज देने की क्षमता नहीं थी तो फिर इतना बड़ा अस्पताल संचालित क्यों किया जा रहा है.

अजमेर. शहर में आम आदमी पार्टी और पंचशील स्थित क्षेत्रपाल अस्पताल के बीच अब कानूनी जंग छिड़ गई है. अस्पताल में धरना देने वाले आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ अस्पताल प्रबंधन ने क्रिश्चियन गंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. वहीं आम आदमी पार्टी भी अस्पताल प्रशासन के लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने की तैयारी कर रहा है.

AAP और क्षेत्रपाल हॉस्पिटल में कानूनी जंग

आम आदमी पार्टी के संभाग प्रभारी कीर्ति पाठक ने पार्टी के विधि सलाहकारों के साथ प्रेस वार्ता आयोजित की. पार्टी के विधि सलाहकार जिनेश सिंह सोनी ने बताया कि क्षेत्रपाल अस्पताल प्रबंधन ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाते हुए क्रिश्चियन गंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अस्पताल में उस जगह पर शांति पूर्वक धरना दे रहे थे. जहां किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं हो रही थी.

वहीं कार्यकर्ताओं ने धरने के दौरान कोविड-19 की भी पालना की थी. अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट है कि प्रबंधन के साथ जो भी बातचीत हुई, वह सीसीटीवी के सामने हुई है. लिहाजा आम आदमी पार्टी अस्पताल प्रबंधन से पुलिस को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध करवाने की मांग कर रही है. उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी की ओर से अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ क्रिश्चियन गंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा.

पार्टी की अजमेर संभाग प्रभारी कीर्ति पाठक ने बताया कि पार्टी के कार्यकर्ता 13 नवंबर को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हुए 83 वर्षीय बुजुर्ग मूलचंद चौहान को बिना इलाज दिए अस्पताल से रवाना कर देने का कारण जानने की मांग कर रहे थे. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है. बल्कि इलाज के नाम पर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

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पाठक ने बताया कि कार्यकर्ताओं की ओर से अस्पताल प्रबंधन से मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई. इस कारण कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में धरना दिया, वो उनका लोकतांत्रिक अधिकार है. पाठक का कहना है कि अस्पताल प्रशासन निराधार आरोप लगाकर असल मुद्दे से आम जनता का ध्यान भटकाना चाहता है. उनका कहना है कि यदि अस्पताल में कोविड-19 बुजुर्ग मरीज को इलाज देने की क्षमता नहीं थी तो फिर इतना बड़ा अस्पताल संचालित क्यों किया जा रहा है.

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