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SPECIAL : कोरोना से डरें नहीं...अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत रखें - डॉ संजीव महेश्वरी

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Published : Apr 19, 2021, 7:14 PM IST

कोविड-19 की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के बीच कई तरह की बाते भी कोरोना वायरस के संदर्भ में आ रही हैं. सोशल मीडिया पर कई भ्रामक जानकारियां मिल रही हैं. इससे तनाव होना लाजिमी है. ईटीवी भारत ने जेएलएन मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राचार्य डॉ संजीव महेश्वरी से उनकी राय जानी.

Doctor's advice on Corona
मन को रखें मजबूत- डॉ संजीव महेश्वरी

अजमेर. कोविड-19 की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के बीच कई तरह की बाते भी कोरोना वायरस के संदर्भ में आ रही हैं. सोशल मीडिया पर कई भ्रामक जानकारियां मिल रही हैं. इससे तनाव होना लाजिमी है. ईटीवी भारत ने जेएलएन मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राचार्य डॉ संजीव महेश्वरी से उनकी राय जानी. डॉ माहेश्वरी मार्च 2020 से लगातार कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज करते आ रहे हैं.

मन को रखें मजबूत- डॉ संजीव महेश्वरी (भाग 1)

कोरोना की दूसरी लहर गांव ढाणियों को भी गिरफ्त में ले रही है. इस बार कोरोना का वायरस ज्यादा घातक है. जेएलएन मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राचार्य डॉ संजीव महेश्वरी ने बताया कि एक समय के बाद कोई भी वायरस अपनी प्रकृति बदलने लगता है. वायरस को एक से लाखों होने में कुछ घंटे लगते हैं. जो चीज जितनी तेजी से पनपती है उतनी ही तेजी से म्यूटेंट होती है. म्यूटेंट शब्द का मतलब अपनी प्रकृति बदलने से है. कोरोनावायरस ने भी अपनी प्रकृति बदली है. इस वायरस की संक्रमण करने की क्षमता और मारक क्षमता दोनों ही बढ़ गई है.

इस बार ज्यादा घातक है ये वायरस

पहले जितनी तेजी से कोरोनावायरस संक्रमित करता था, उससे कई गुना तेजी से अब यह लोगों को संक्रमित कर रहा है. साथ ही यह बहुत घातक भी है. डॉ माहेश्वरी ने बताया कि पहली लहर में बुजुर्ग और बीमार ज्यादा प्रभावित हो रहे थे. दूसरी लहर में जवान और स्वस्थ लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय बहुत ही सावधानी रखने की जरूरत है.

पढ़ें -SPECIAL : डरना जरूरी है...क्योंकि : अप्रैल के 18 दिनों में 335 मरीजों की मौत...अस्पताल हो रहे फुल, दोगुनी गति से फैल रहा वायरस

खुद सावधान रहें, नाक मुंह ढंक कर रखें

डॉ महेश्वरी ने कहा कि लोग इस गलतफहमी में न रहें कि चिकित्सक भगवान है. अस्पताल में आने के बाद भी नुकसान हो सकता है. इसलिए खुद अपनी सावधानी रखना बहुत जरूरी है. वायरस नाक और मुंह के माध्यम से ही फेफड़ों तक पहुंचता है. इसलिए नाक और मुंह को हर वक्त ढंक कर रखें. इस बार हमारे पास वैक्सीन है. जिनको वैक्सीन के दोनों टीके लग चुके हैं उनमें एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है. ऐसे लोग संक्रमित हो भी रहे हैं तो संक्रमण उतना प्रभाव नहीं डाल पा रहा है.

डॉ महेश्वरी ने कहा कि दूसरी लहर की जद में बच्चे भी आ रहे हैं. बच्चों को भी यह सिखाना पड़ेगा कि वह जब भी किसी दूसरे व्यक्ति से संपर्क में आएं उससे पहले मास्क जरूर लगाएं.

तीन बातों का रखें ख्याल

कोरोनावायरस से बचने के लिए सेल्फ इम्यूनिटी, सेल्फ केयर, मानसिक स्थिति को मजबूत रखना जरूरी है. बीमारी से डरना नहीं है बल्कि इसको समझना है. अस्पताल से लोग ठीक होकर घर जा रहे हैं. गंभीर रोगियों का इलाज किया जा रहा है. कोरोना पॉजीटिव होने पर घबराएं नहीं. बल्कि चिकित्सकीय निर्देशों की पालना करें. मन को मजबूत रखें.

पढ़ें- राजस्थान का सबसे बड़ा COVID डेडिकेटेड अस्पताल RUHS फुल, बरामदों में बेड्स लगाकर किए जा रहे मरीज भर्ती

डरें नहीं, मानसिक स्थिति को रखें मजबूत

डॉ महेश्वरी ने बताया कि सबसे जरूरी है कि लोग अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत रखें. उन्होंने यह भी बताया कि लोगों को खान-पान, व्यायाम पर ध्यान देना चाहिए. ऐसे व्यायाम करने चाहिए जिससे श्वास तंत्र मजबूत बने.

कोरोना संक्रमित लोगों के लिए आवश्यक सलाह

डॉ महेश्वरी ने बताया कि यदि किसी को कोरोना हो भी गया है तो ऐसी स्थिति में कई लोगों के फेफड़े पीछे की ओर से पिचके रह जाते हैं. ऐसी स्थिति में मरीज को छाती के बल लेट कर गहरी गहरी सांसें लेनी चाहिए. ऐसे फेफड़े पूरी तरह से फूलेंगे और ऑक्सीजन की पूरी मात्रा शरीर में जाएगी. यह बात हर कोरोना संक्रमित व्यक्ति को जानना आवश्यक है.

अजमेर. कोविड-19 की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के बीच कई तरह की बाते भी कोरोना वायरस के संदर्भ में आ रही हैं. सोशल मीडिया पर कई भ्रामक जानकारियां मिल रही हैं. इससे तनाव होना लाजिमी है. ईटीवी भारत ने जेएलएन मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राचार्य डॉ संजीव महेश्वरी से उनकी राय जानी. डॉ माहेश्वरी मार्च 2020 से लगातार कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज करते आ रहे हैं.

मन को रखें मजबूत- डॉ संजीव महेश्वरी (भाग 1)

कोरोना की दूसरी लहर गांव ढाणियों को भी गिरफ्त में ले रही है. इस बार कोरोना का वायरस ज्यादा घातक है. जेएलएन मेडिकल कॉलेज के सहायक प्राचार्य डॉ संजीव महेश्वरी ने बताया कि एक समय के बाद कोई भी वायरस अपनी प्रकृति बदलने लगता है. वायरस को एक से लाखों होने में कुछ घंटे लगते हैं. जो चीज जितनी तेजी से पनपती है उतनी ही तेजी से म्यूटेंट होती है. म्यूटेंट शब्द का मतलब अपनी प्रकृति बदलने से है. कोरोनावायरस ने भी अपनी प्रकृति बदली है. इस वायरस की संक्रमण करने की क्षमता और मारक क्षमता दोनों ही बढ़ गई है.

इस बार ज्यादा घातक है ये वायरस

पहले जितनी तेजी से कोरोनावायरस संक्रमित करता था, उससे कई गुना तेजी से अब यह लोगों को संक्रमित कर रहा है. साथ ही यह बहुत घातक भी है. डॉ माहेश्वरी ने बताया कि पहली लहर में बुजुर्ग और बीमार ज्यादा प्रभावित हो रहे थे. दूसरी लहर में जवान और स्वस्थ लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समय बहुत ही सावधानी रखने की जरूरत है.

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खुद सावधान रहें, नाक मुंह ढंक कर रखें

डॉ महेश्वरी ने कहा कि लोग इस गलतफहमी में न रहें कि चिकित्सक भगवान है. अस्पताल में आने के बाद भी नुकसान हो सकता है. इसलिए खुद अपनी सावधानी रखना बहुत जरूरी है. वायरस नाक और मुंह के माध्यम से ही फेफड़ों तक पहुंचता है. इसलिए नाक और मुंह को हर वक्त ढंक कर रखें. इस बार हमारे पास वैक्सीन है. जिनको वैक्सीन के दोनों टीके लग चुके हैं उनमें एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है. ऐसे लोग संक्रमित हो भी रहे हैं तो संक्रमण उतना प्रभाव नहीं डाल पा रहा है.

डॉ महेश्वरी ने कहा कि दूसरी लहर की जद में बच्चे भी आ रहे हैं. बच्चों को भी यह सिखाना पड़ेगा कि वह जब भी किसी दूसरे व्यक्ति से संपर्क में आएं उससे पहले मास्क जरूर लगाएं.

तीन बातों का रखें ख्याल

कोरोनावायरस से बचने के लिए सेल्फ इम्यूनिटी, सेल्फ केयर, मानसिक स्थिति को मजबूत रखना जरूरी है. बीमारी से डरना नहीं है बल्कि इसको समझना है. अस्पताल से लोग ठीक होकर घर जा रहे हैं. गंभीर रोगियों का इलाज किया जा रहा है. कोरोना पॉजीटिव होने पर घबराएं नहीं. बल्कि चिकित्सकीय निर्देशों की पालना करें. मन को मजबूत रखें.

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डरें नहीं, मानसिक स्थिति को रखें मजबूत

डॉ महेश्वरी ने बताया कि सबसे जरूरी है कि लोग अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत रखें. उन्होंने यह भी बताया कि लोगों को खान-पान, व्यायाम पर ध्यान देना चाहिए. ऐसे व्यायाम करने चाहिए जिससे श्वास तंत्र मजबूत बने.

कोरोना संक्रमित लोगों के लिए आवश्यक सलाह

डॉ महेश्वरी ने बताया कि यदि किसी को कोरोना हो भी गया है तो ऐसी स्थिति में कई लोगों के फेफड़े पीछे की ओर से पिचके रह जाते हैं. ऐसी स्थिति में मरीज को छाती के बल लेट कर गहरी गहरी सांसें लेनी चाहिए. ऐसे फेफड़े पूरी तरह से फूलेंगे और ऑक्सीजन की पूरी मात्रा शरीर में जाएगी. यह बात हर कोरोना संक्रमित व्यक्ति को जानना आवश्यक है.

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