अजमेर. पुलिस ने प्राइवेट नामी कंपनियों में नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये ऐंठने वाले गिरोह का खुलासा किया है. आरोपियों ने अजमेर में अपना ऑफिस डाल रखा था और अखबारों में विज्ञापन देकर (Unemployed Cheated in Ajmer) बेरोजगारों को निशाना बनाते थे. ऑफिस के पते पर इंटरव्यू के लिए दिल्ली और गुड़गांव से भी युवकों को बुलाया जाता था.
सीओ नॉर्थ प्रियंका रघुवंशी ने बताया कि जिला भिवाड़ी के तिजारा तहसील के गांव बिरामपुर निवासी मनीष यादव नाम के एक युवक ने क्रिश्चियन में थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. पीड़ित का आरोप था कि जुलाई माह में उसने अखबार में एचडीएफसी बैंक में सीधी भर्ती निकलने क विज्ञापन पढ़ा था, जिसमें अजमेर बीके कौल नगर का पता दे रखा था.
उस पते पर पहुंचने पर उसे वहां प्रमोद सिंह तंवर और पुरखाराम जाट मिले, जिन्होंने बीके कॉल नगर में एसएचसीटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से प्राइवेट लिमिटेड ऑफिस खोल रखा था. ऑफिस में रजिस्ट्रेशन करने के बाद ट्रेनिंग और एचडीएफसी बैंक में जॉइनिंग के बहाने दोनों आरोपियों ने उससे दो लाखों रुपये ले लिए. इसके बाद दोनों आरोपियों ने एचडीएफसी बैंक का ऑफर लेटर ओरी कंफर्मेशन लेटर दे दिया, जिसे एचडीएफसी बैंक में चेक करवाया तो वह फर्जी निकला.
मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले में तहकीकात शुरू की. पुलिस ने (Rajasthan Police) बीके कौल नगर में आरोपियों के ऑफिस पर दबिश दी, जहां पर पता चला कि ऑफिस काफी समय से बंद हो गया है. पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण के आधार पर गुलाब बाड़ी स्थित पीली कोठी में यूनाइटेड पीएमएस प्राइवेट लिमिटेड ऑफिस पर दबिश दी, जहां आरोपियों ने ऑफिस खोल रखा था. पुलिस ने यहां से (Ajmer Police Big Action) पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
यह हैं आरोपी...
सीकर जिले के नीमकाथाना में श्यामपुर गांव निवासी 26 वर्षीय प्रमोद सिंह तंवर, चूरू जिले में सुजानगढ़ तहसील के कोडासर कैट 24 वर्षीय पुरखाराम जाट, गंगानगर के सूरतगढ़ निवासी 24 वर्षीय चंद्रपाल जाट, सीकर जिले के नीमकाथाना क्षेत्र में श्यामपुर गांव निवासी 26 वर्षीय पवन कुमार और चूरू जिले के रतनगढ़ तहसील में आलासल गांव के 20 वर्षीय नरेंद्र सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
आरोपी ऐसे बनाते थे बेरोजगार युवाओं को शिकार...
सीओ नॉर्थ प्रियंका रघुवंशी ने बताया कि गिरोह के सदस्य बेरोजगार युवकों को ठगने के लिए (Fraud in the Name of Job) अखबार में नामी कंपनियों में नौकरी लगाने का विज्ञापन जारी कर अपना मोबाइल नंबर दिया करते हैं. इस पर बेरोजगार युवक उनसे संपर्क करते हैं, तब गिरोह के सदस्य इन्हें अपने द्वारा बनाए गए ऑफिस के पते पर इंटरव्यू के लिए दिल्ली गुड़गांव में बुलाते हैं. साथ ही इंटरव्यू के दौरान ही नामी कंपनियों के ब्रांच मैनेजर लगाने के एवज में 2 लाख रुपये, सहायक ब्रांच मैनेजर के डेढ़ लाख रुपये ओर क्लर्क की पोस्ट के लिए 50 से 30 हजार रुपये की मांग करते हैं. बेरोजगार युवकों की ओर से उनकी डिमांड पर रुपयों की पूर्ति की जाती है.
इंटरव्यू के पश्चात गिरोह के सदस्य अपने रीजनल ब्रांच में इन युवकों को पोस्ट की ट्रेनिंग करवाने के लिए भिजवा देते हैं. जहां पर गिरोह के अन्य सदस्य इनको ट्रेनिंग के नाम पर प्रोडक्ट की मार्केटिंग करवाते हैं, जहां पर यूको से ट्रेनिंग के नाम पर और रुपयों की ठगी की जाती है. सीओ नॉर्थ प्रियंका रघुवंशी ने बताया कि शिकार बेरोजगार युवकों को बताया जाता है कि यदि ट्रेनिंग में असफल रहोगे तो किसी प्रकार से नौकरी नहीं मिलेगी. गिरोह के शिकार में फंसे युवकों से घटिया प्रोडक्ट की मार्केटिंग करवाई जाती है. यदि गिरोह के चुंगल में फंसा बेरोजगार युवक उन प्रोडक्ट को मार्केट में विक्रय नहीं कर पाता है तो गिरोह के सदस्य उनको ट्रेनिंग में असफल बता कर वापस भेज देते हैं. उन्होंने बताया कि गिरोह के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. अजमेर के अलावा अन्य स्थानों पर भी आरोपियों के ऑफिस हैं, इस बारे में भी तफ्तीश की जा रही है.
पुलिस ने आमजन से की अपील...
नौकरी का झांसा देने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के साथ ही पुलिस ने आमजन से भी अपील की है कि इस प्रकार के लोगों के झांसे में नहीं आएं. नामी कंपनियों में नौकरी की जानकारी के लिए संबंधित ऑफिस में संपर्क करें, साथ ही उनकी ऑफिशियल वेबसाइट से जानकारी प्राप्त करें.