अजमेर. जिले में पुजारी के आत्मदाह के मामले ने तूल पकड़ लिया है. गुरुवार रात्रि को पुजारी की इलाज के दौरान मौत के बाद से ब्राह्मण समाज के लोगों में आक्रोश है. राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा और मसूदा विधायक राकेश पारीक ब्राह्मणों के सभी घटकों के पदाधिकारियों के साथ कैसरबाग चौकी परिसर में समाज की जाजम पर बैठ गए. ब्राह्मण समाज की मांग है कि पहले वृद्ध पुजारी को आत्मदाह के लिए मजबूर करने वाले मंदिर ट्रस्ट के चार सदस्यों को तत्काल पुलिस गिरफ्तार (Demand of arrest of accused of Pujari death) करे. इसके बाद ही पुजारी के शव का पोस्टमार्टम होगा. लोगों ने बजरंगगढ़ चौराहे पर शाम को जाम लगा दिया.
ऋषि घाटी स्थित जगन्नाथ मंदिर के 90 वर्षीय पुजारी गोविंद नारायण शर्मा के आत्मदाह के मामले में ब्राह्मण समाज उद्वेलित है. गुरुवार देर शाम से ही इस घटना के विरोध में ब्राह्मण समाज लामबंद हो चुका है. अगले दिन शुक्रवार को बड़ी संख्या में समाज के लोग जेएलएन अस्पताल के समीप केसरबाग चौकी परिसर में एकत्रित हो गए. पुलिस चौकी परिसर में समाज के लोगों ने जाजम बिछा दी है. पुजारी की आत्महत्या के मामले को राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा और मुसदा से कांग्रेस के विधायक राकेश पारीक भी जाजम बैठ गए हैं.
पढ़ें: अजमेर: जगन्नाथ मंदिर के पुजारी की इलाज के दौरान मौत, आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
समाज ने शासन और प्रशासन से 4 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की अपील की है. इनमें पुजारी के परिजनों को मुआवजा देने और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और कोर्ट का निर्णय नहीं आ जाने तक मंदिर में ही परिजन को रहने की स्वीकृति देने की मांग शामिल है. पुजारी को मंदिर से बेदखल करने के लिए डराने—धमकाने और उसे प्रताड़ित करने वाले मंदिर ट्रस्ट के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है.
पढ़ें: राजस्थानः 90 वर्षीय पुजारी ने खुद को लगाई आग, मंदिर कमेटी पर प्रताड़ित करने का आरोप
इधर एडीएम प्रशासन कैलाश चंद शर्मा केसर बाग पुलिस चौकी पर मौजूद रहकर ब्राह्मण समाज की जाजम पर बैठे लोगों से संपर्क में हैं. विधायक राकेश पारीक ने बताया कि पुजारी के जीवित रहते यदि उनकी फरियाद को सुनकर पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई की होती, तो पुजारी को आत्मदाह के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता. उन्होंने कहा कि पुजारी ने आत्मदाह से पहले सुसाइड नोट लिखा था. वहीं अस्पताल में इलाज के दौरान पुलिस ने धारा 164 के बयान भी दर्ज किए थे. उसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ आत्मदाह के लिए उकसाने और मजबूर करने के आरोप में धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है.
पारीक ने कहा कि गंज थाने के उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की गई जिन्होंने दबंगो के प्रभाव में आकर पुजारी की फरियाद को अनसुना किया था. पारीक ने कहा कि यह समाज की जाजम है, कोई धरना नहीं है. यहां समाज के बीच बैठकर आरोपियों की गिरफ्तारी का निर्णय लिया गया है. ब्राह्मण समाज में पुजारी के आत्मदाह करने से काफी आक्रोश है. पुजारी के आत्मदाह का मामला आवश्यकता पड़ी तो विधानसभा में भी उठाया जाएगा.
पढ़ें: अवैध खनन के खिलाफ आंदोलन : धरना स्थल पर एक संत ने की आत्मदाह की कोशिश, अस्पताल में भर्ती
पुलिस आरोपियों के खिलाफ करे कार्रवाई: महेश शर्मा ने कहा कि बोर्ड पुजारी के परिवार और ब्राह्मण समाज के साथ लगातार संपर्क में है. समाज की पहली मांग है कि जिन आरोपियों की वजह से यह दुखद घटना हुई है. उन आरोपियों को पुलिस तत्काल गिरफ्तार करे. ताकि पुजारी के शव का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हो सके.प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार वार्ता का दौर भी हो चुका है. ब्राह्मण समाज अपनी मांग पर अड़ा हुआ है.
लगाया जाम: शुक्रवार शाम को पुलिस चौकी के बंद कमरे में एडीएम प्रशासन कैलाश चंद शर्मा से वार्ता हुई. पुलिस चौकी के बाहर जमे समाज के लोग सड़क पर आ गए और बजरंगगढ़ चौराहे पर जाम लगा दिया. इससे बजरंगगढ़ चौराहे के दो रास्ते पर वाहनों की कतारें लग गई. लोगों ने आधा घंटे तक जाम लगा रास्ता रोके रखा. राजस्थान ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष सुदामा शर्मा ने कहा कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है. प्रशासन से शाम को हुई वार्ता विफल रही. ब्राह्मण समाज के लोग अभी भी केसर बाग पुलिस चौकी पर जुटे हुए हैं.