ETV Bharat / city

MSP छलावा है, लाभकारी मूल्य के लिए होगा एकदिवसीय धरना प्रदर्शन- अंबालाल - न्यूनतम समर्थन मूल्य

भारतीय किसान संघ राजस्थान 8 सितंबर को होने वाले देशव्यापी किसान आंदोलन में हिस्सा लेगा. किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य देने की मांग पर यह एकदिवसीय आंदोलन पूरे भारत में होगा. भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री अंबालाल शर्मा ने समस्त ग्राम इकाइयों से आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है.

भारतीय किसान संघ राजस्थान 8 सितंबर आंदोलन
भारतीय किसान संघ राजस्थान 8 सितंबर आंदोलन
author img

By

Published : Sep 3, 2021, 3:59 PM IST

Updated : Sep 3, 2021, 5:00 PM IST

अजमेर. एक दिवसीय किसान आंदोलन के तहत समस्त जिलों में जिला कलेक्टर के माध्यम से पीएम और कृषि मंत्री को मांग पत्र भेजे जाएंगे. शर्मा ने कहा कि कृषि कानून में चार संशोधन की भी मांग की जाएगी.

भारतीय किसान संघ राजस्थान प्रदेश के चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री अंबालाल शर्मा ने बताया कि किसानों को उनकी उपज का मूल्य नहीं मिलने से गरीब किसान और भी गरीब एवं कर्जदार होता जा रहा है. सरकार अपने तरीके से किसानों की दशा सुधारने का प्रयास कर रही है लेकिन क्षणिक सांत्वना से किसान की दशा सुधारना असंभव है. संगठन ने केंद्र सरकार को 11 अगस्त 2021 को पत्र देकर आग्रह किया था कि किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें.

किसान 8 सितंबर को करेंगे आंदोलन

भारतीय किसान संघ ने सरकार को 31 अगस्त 2021 तक का समय दिया था. लेकिन नियत तिथि गुजर जाने के बाद भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक वार्ता की पहल नहीं की गई. लिहाजा भारतीय किसान संघ संगठन अखिल भारतीय स्तर पर विशाल आंदोलन के पथ पर अग्रसर है. इस कड़ी में 3 सितंबर को संभाग स्तर पर प्रेस वार्ता के माध्यम से सरकार को चेतावनी दी जा रही है कि पूर्व के तीन कृषि कानूनों में संगठन आवश्यक संशोधन की मांग साथ तीनों कानून को स्वीकार करता है.

सभी प्रकार की खरीद समर्थन मूल्य पर होने का कानूनी प्रावधान किया जाए. निजी व्यापारियों का राज्य व केंद्र सरकार की ओर से पंजीयन कर बैंक की ओर से सिक्योरिटी दी जाए. किसानों को न्याय दिलाने के लिए किसानों के गृह जिला में स्वतंत्र न्यायालय की स्थापना की जाए. कॉरपोरेट कंपनियां किसानों की परिभाषा में आ रही है, इसे तर्कसंगत बनाया जाए. जो केवल कृषि पर निर्भर है, परिभाषा में किसान माना जाए.

एमएसपी के सवाल पर भारतीय किसान संघ के चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री अंबा लाल शर्मा ने कहा कि (एमएसपी) समर्थन मूल्य छलावा है. गरीब किसान को बाजार के भरोसे छोड़ना ही नहीं बल्कि उसकी उपज के मूल्य पर सरकार की ओर से नियंत्रण रखना जानबूझकर उसका मनुष्य जीवन बर्बाद करना है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं बल्कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देना होगा. एक बार घोषित मूल्य के बाद उसके आधारों में होने वाली महंगाई का भुगतान का समय पर समायोजन कर महंगाई के अनुपात में वास्तविक मूल्य देकर चुकाना होगा.

पढ़ें- बिजली संकट : कब सुधरेगी डिस्कॉम और सरकार की चाल...मंत्री बोले- केंद्र सुधरे, तो हम भी करें सुधार

घोषित मूल्य पर किसान की उपज का बेचान भी हो फिर मंडी, बाहर या सरकार खरीदे लेकिन वह एक मूल्य से कम पर विक्रय को अपराध माना जाए. उन्होंने कहा कि 8 सितंबर 2021 को पूरे देश में समस्त जिला मुख्यालयों पर संगठन के माध्यम से किसान लोकतांत्रिक पद्धति से अवैध गाइडलाइन की पालना करते हुए पूरे देश में धरना प्रदर्शन कर पीएम और कृषि मंत्री के नाम कलेक्टर को मांग पत्र सौंपेंगे. इस दिन ही आंदोलन की अगली रणनीति तैयार की जाएगी. 8 सितंबर चित्तौड़ प्रांत के 12 जिलों में होने वाले धरना प्रदर्शन के लिए भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत के पदाधिकारी तैयारियों में जुट गए हैं.

पंजाब-हरियाणा में आंदोलनरत किसानों से भारतीय किसान संघ ने लिया समर्थन वापस

भारतीय किसान संघ के चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री अंबालाल शर्मा ने बताया कि 26 जनवरी से पहले तक कृषि कानून को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को भारतीय किसान संघ ने समर्थन दिया था. लेकिन 26 जनवरी को अलोकतांत्रिक घटना दिल्ली में हुई इसके बाद से ही भारतीय किसान संघ ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. भारतीय किसान संघ केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए तीनों कृषि कानून का समर्थन करता है लेकिन इसमें 4 संशोधन होने की भी मांग रखता है.

यह रहे मौजूद

अजमेर में पुलिस लाइन के समीप भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री अंबालाल शर्मा के अलावा संभाग अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा और जिला अध्यक्ष राजेश शर्मा सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे.

अजमेर. एक दिवसीय किसान आंदोलन के तहत समस्त जिलों में जिला कलेक्टर के माध्यम से पीएम और कृषि मंत्री को मांग पत्र भेजे जाएंगे. शर्मा ने कहा कि कृषि कानून में चार संशोधन की भी मांग की जाएगी.

भारतीय किसान संघ राजस्थान प्रदेश के चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री अंबालाल शर्मा ने बताया कि किसानों को उनकी उपज का मूल्य नहीं मिलने से गरीब किसान और भी गरीब एवं कर्जदार होता जा रहा है. सरकार अपने तरीके से किसानों की दशा सुधारने का प्रयास कर रही है लेकिन क्षणिक सांत्वना से किसान की दशा सुधारना असंभव है. संगठन ने केंद्र सरकार को 11 अगस्त 2021 को पत्र देकर आग्रह किया था कि किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें.

किसान 8 सितंबर को करेंगे आंदोलन

भारतीय किसान संघ ने सरकार को 31 अगस्त 2021 तक का समय दिया था. लेकिन नियत तिथि गुजर जाने के बाद भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक वार्ता की पहल नहीं की गई. लिहाजा भारतीय किसान संघ संगठन अखिल भारतीय स्तर पर विशाल आंदोलन के पथ पर अग्रसर है. इस कड़ी में 3 सितंबर को संभाग स्तर पर प्रेस वार्ता के माध्यम से सरकार को चेतावनी दी जा रही है कि पूर्व के तीन कृषि कानूनों में संगठन आवश्यक संशोधन की मांग साथ तीनों कानून को स्वीकार करता है.

सभी प्रकार की खरीद समर्थन मूल्य पर होने का कानूनी प्रावधान किया जाए. निजी व्यापारियों का राज्य व केंद्र सरकार की ओर से पंजीयन कर बैंक की ओर से सिक्योरिटी दी जाए. किसानों को न्याय दिलाने के लिए किसानों के गृह जिला में स्वतंत्र न्यायालय की स्थापना की जाए. कॉरपोरेट कंपनियां किसानों की परिभाषा में आ रही है, इसे तर्कसंगत बनाया जाए. जो केवल कृषि पर निर्भर है, परिभाषा में किसान माना जाए.

एमएसपी के सवाल पर भारतीय किसान संघ के चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री अंबा लाल शर्मा ने कहा कि (एमएसपी) समर्थन मूल्य छलावा है. गरीब किसान को बाजार के भरोसे छोड़ना ही नहीं बल्कि उसकी उपज के मूल्य पर सरकार की ओर से नियंत्रण रखना जानबूझकर उसका मनुष्य जीवन बर्बाद करना है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं बल्कि लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देना होगा. एक बार घोषित मूल्य के बाद उसके आधारों में होने वाली महंगाई का भुगतान का समय पर समायोजन कर महंगाई के अनुपात में वास्तविक मूल्य देकर चुकाना होगा.

पढ़ें- बिजली संकट : कब सुधरेगी डिस्कॉम और सरकार की चाल...मंत्री बोले- केंद्र सुधरे, तो हम भी करें सुधार

घोषित मूल्य पर किसान की उपज का बेचान भी हो फिर मंडी, बाहर या सरकार खरीदे लेकिन वह एक मूल्य से कम पर विक्रय को अपराध माना जाए. उन्होंने कहा कि 8 सितंबर 2021 को पूरे देश में समस्त जिला मुख्यालयों पर संगठन के माध्यम से किसान लोकतांत्रिक पद्धति से अवैध गाइडलाइन की पालना करते हुए पूरे देश में धरना प्रदर्शन कर पीएम और कृषि मंत्री के नाम कलेक्टर को मांग पत्र सौंपेंगे. इस दिन ही आंदोलन की अगली रणनीति तैयार की जाएगी. 8 सितंबर चित्तौड़ प्रांत के 12 जिलों में होने वाले धरना प्रदर्शन के लिए भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत के पदाधिकारी तैयारियों में जुट गए हैं.

पंजाब-हरियाणा में आंदोलनरत किसानों से भारतीय किसान संघ ने लिया समर्थन वापस

भारतीय किसान संघ के चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री अंबालाल शर्मा ने बताया कि 26 जनवरी से पहले तक कृषि कानून को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को भारतीय किसान संघ ने समर्थन दिया था. लेकिन 26 जनवरी को अलोकतांत्रिक घटना दिल्ली में हुई इसके बाद से ही भारतीय किसान संघ ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. भारतीय किसान संघ केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए तीनों कृषि कानून का समर्थन करता है लेकिन इसमें 4 संशोधन होने की भी मांग रखता है.

यह रहे मौजूद

अजमेर में पुलिस लाइन के समीप भारतीय किसान संघ चित्तौड़ प्रांत के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में चित्तौड़ प्रांत के महामंत्री अंबालाल शर्मा के अलावा संभाग अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा और जिला अध्यक्ष राजेश शर्मा सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे.

Last Updated : Sep 3, 2021, 5:00 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.