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बहुमत के बाद भी भाजपा को मिली शिकस्त, कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय सुशील कंवर पलाड़ा बनीं जिला प्रमुख

भाजपा की बागी निर्दलीय उम्मीदवार सुशील कंवर पलाड़ा ने जिला प्रमुख चुनाव में जीत हासिल की है. पलाड़ा को 23 मत मिले हैं, जबकि भाजपा उम्मीदवार महेंद्र सिंह मझेवला को 9 मत मिले हैं. जिला परिषद में 21 सदस्य भाजपा से जीत कर आए थे. बहुमत के बावजूद भाजपा जिला परिषद में अपना कब्जा बरकरार नहीं रख पाई है.

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कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय सुशील कंवर पलाड़ा बनी जिला प्रमुख
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Published : Dec 10, 2020, 9:15 PM IST

अजमेर. जिला प्रमुख के चुनाव को लेकर मतदान संपन्न हो गए हैं. भाजपा से बागी निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व विधायक एवं पूर्व जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा ने जीत हासिल की है. पलाड़ा को 23 मत मिले हैं, जबकि भाजपा उम्मीदवार महेंद्र सिंह मझेवला को 9 मत मिले हैं. जिला परिषद में 21 सदस्य भाजपा के जीत कर आए थे. बहुमत के बावजूद भाजपा जिला परिषद में अपना कब्जा बरकरार नहीं रख पाई है. जिला प्रमुख चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है. जिला परिषद में 32 सदस्य हैं, जिसमें से भाजपा को 21 सदस्य जीत कर आए थे. बहुमत के बावजूद भाजपा बगावत को नहीं थाम पाई है. वरिष्ठता को भी नजरअंदाज कर दिया गया है. बल्कि नए चेहरे महेंद्र सिंह मझेवला पर दांव खेला है. पूर्व विधायक एवं सुशील कंवर पलाड़ा ने चुनाव में निर्दलीय ताल ठोकी और कांग्रेस का समर्थन हासिल कर लिया है. पलाड़ा ने जिला परिषद सदस्य के मतदान से पहले ही भाजपा के कई उम्मीदवारों की बड़े बंद ही कर ली थी.

कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय सुशील कंवर पलाड़ा बनी जिला प्रमुख

पलाड़ा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह चुनाव लड़ेंगी. पार्टी ने उन्हें सिंबल नहीं दिया. ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने नामांकन दाखिल किया. साथ ही रणनीति के तहत पलाड़ा कांग्रेस का समर्थन भी हासिल हो करने में कामयाब हो गई. पलाड़ा के समर्थन में कांग्रेस प्रत्याशी श्रीलाल गुर्जर ने अपना नामांकन वापस ले लिया. पलाड़ा भाजपा कीमतों में भी सेंध लगाने में कामयाब हो गई. निर्दलीय उम्मीदवार सुशील कंवर पलाड़ा को 23 मत मिले है, जबकि 21 मतों से जीत दर्ज करवाने वाली भाजपा के उम्मीदवार महेंद्र सिंह मझेवला को 9 मत ही प्राप्त हो सके.

यह भी पढ़ें- दबंगों ने दूल्हे को घोड़ी से नीचे उतारकर पीटा, शिकायत पर तीन आरोपी गिरफ्तार

पलाड़ा को कांग्रेस के 11 और भाजपा के 12 मत प्राप्त हुए. भाजपा में चल रहा अंतर्द्वंद परिणाम के रूप में सामने आया है. भाजपा के 12 सदस्यों ने पार्टी के खिलाफ मतदान किया है. सुशील कंवर पलाड़ा दूसरी बार जिला प्रमुख बनी है. बातचीत में उन्होंने कहा कि जिला परिषद को माता पिता मानकर उन्होंने पूर्व में सेवा की थी, उसी का ही परिणाम है कि लोगों ने उन पर भरोसा जताया है और इस बार भी वह उसी प्रकार से सेवा करेंगी. वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि निर्दलीय उम्मीदवार सुशील कंवर पलाड़ा को 23 और भाजपा उम्मीदवार को 9 मत प्राप्त हुए हैं.

जिला प्रमुख बनने के बाद पलाड़ा ने कहा

अजमेर में जिला प्रमुख चुनाव में पूर्व विधायक एवं जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा ने शानदार जीत दर्ज करवाई है. पलाड़ा दूसरी बार जिला प्रमुख बनी है. उनका पहला कार्यकाल उनकी ईमानदारी की वजह से काफी चर्चा में रहा था. ईटीवी भारत से बातचीत में पलाड़ा ने कहा कि पूर्व कार्यकाल में उनकी ईमानदारी और सेवा भावना की वजह से ही उन्हें फिर से जनता का आशीर्वाद मिला है. ईटीवी भारत से बातचीत में जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा ने कहा कि उनकी जीत उनकी इमानदारी का ही परिणाम है. उन्होंने कहा कि जिला प्रमुख रहते हुए उन्होंने इमानदारी से काम किया है, यह जनता भी जानती है. जिला परिषद को माता पिता के रूप में मानकर जनता की सेवा की थी उसी का ही परिणाम है कि जनता ने उन पर दोबारा भरोसा जताया है.

कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय सुशील कंवर पलाड़ा बनी जिला प्रमुख

उन्होंने कहा कि सत्य के साथ ईश्वर रहता है यह भोलेनाथ का ही आशीर्वाद है कि मुझे दोबारा जिला प्रमुख बनने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी सदस्यों ने उनको समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि जिला प्रमुख पद की उन्होंने ने शपथ ली है. मुझे पैसे या किसी चीज लोभ लालच नहीं है. उन्होंने कहा कि पूर्व कार्यकाल की तरह ही इस बार भी उन्हें जो भी वेतन मिलेगा, उसका उपयोग वह विधवा या गरीब बेटियों के विवाह में खर्च करेंगी. बता दें कि पिछले कार्यकाल में भी सुशील कंवर पलाड़ा ने अपने वेतन का इस्तेमाल जनकल्याण के कार्यों में ही किया था. सुशील कंवर पलाड़ा धर्म परायण महिला है. जीत दर्ज करवाने के बाद उन्होंने जिला परिषद में भगवान भोलेनाथ के मंदिर में पूजा अर्चना की. उसके बाद अपने पति भंवर सिंह पलाड़ा के साथ जिला परिषद की दहलीज पर मत्था टेका.

यह भी पढ़ें- बड़ा हादसाः कोटा में निर्माणाधीन फ्लाई ओवर की स्लैब गिरी, करीब 18 मजदूर घायल

बता दें कि भाजपा ने वरिष्ठता को दरकिनार किया वही बगावती सुर को भी नजरअंदाज कर दिया. भाजपा का यही ओवर कॉन्फिडेंस का ही परिणाम रहा कि जिला परिषद में कुल 32 वार्ड सदस्य में से 21 भाजपा के सदस्यों की जीत होने के बावजूद भी, भाजपा प्रत्याशी को 9 ही मत मिले. बता दें कि भाजपा के 11 जिला परिषद सदस्य ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ क्रॉस वोटिंग की है. वहीं भाजपा के गढ़ को कांग्रेस ने प्रत्यक्ष रूप से ढहा कर अप्रत्यक्ष रूप से जिला परिषद में गिराने में सफलता पा ली है. सुशील कंवर पलाड़ा कांग्रेस समर्थित जिला प्रमुख बनी है. कांग्रेस के 11 जिला परिषद सदस्यों ने पलाड़ा के समर्थन में मतदान किया है.

अजमेर. जिला प्रमुख के चुनाव को लेकर मतदान संपन्न हो गए हैं. भाजपा से बागी निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व विधायक एवं पूर्व जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा ने जीत हासिल की है. पलाड़ा को 23 मत मिले हैं, जबकि भाजपा उम्मीदवार महेंद्र सिंह मझेवला को 9 मत मिले हैं. जिला परिषद में 21 सदस्य भाजपा के जीत कर आए थे. बहुमत के बावजूद भाजपा जिला परिषद में अपना कब्जा बरकरार नहीं रख पाई है. जिला प्रमुख चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है. जिला परिषद में 32 सदस्य हैं, जिसमें से भाजपा को 21 सदस्य जीत कर आए थे. बहुमत के बावजूद भाजपा बगावत को नहीं थाम पाई है. वरिष्ठता को भी नजरअंदाज कर दिया गया है. बल्कि नए चेहरे महेंद्र सिंह मझेवला पर दांव खेला है. पूर्व विधायक एवं सुशील कंवर पलाड़ा ने चुनाव में निर्दलीय ताल ठोकी और कांग्रेस का समर्थन हासिल कर लिया है. पलाड़ा ने जिला परिषद सदस्य के मतदान से पहले ही भाजपा के कई उम्मीदवारों की बड़े बंद ही कर ली थी.

कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय सुशील कंवर पलाड़ा बनी जिला प्रमुख

पलाड़ा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह चुनाव लड़ेंगी. पार्टी ने उन्हें सिंबल नहीं दिया. ऐसे में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने नामांकन दाखिल किया. साथ ही रणनीति के तहत पलाड़ा कांग्रेस का समर्थन भी हासिल हो करने में कामयाब हो गई. पलाड़ा के समर्थन में कांग्रेस प्रत्याशी श्रीलाल गुर्जर ने अपना नामांकन वापस ले लिया. पलाड़ा भाजपा कीमतों में भी सेंध लगाने में कामयाब हो गई. निर्दलीय उम्मीदवार सुशील कंवर पलाड़ा को 23 मत मिले है, जबकि 21 मतों से जीत दर्ज करवाने वाली भाजपा के उम्मीदवार महेंद्र सिंह मझेवला को 9 मत ही प्राप्त हो सके.

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पलाड़ा को कांग्रेस के 11 और भाजपा के 12 मत प्राप्त हुए. भाजपा में चल रहा अंतर्द्वंद परिणाम के रूप में सामने आया है. भाजपा के 12 सदस्यों ने पार्टी के खिलाफ मतदान किया है. सुशील कंवर पलाड़ा दूसरी बार जिला प्रमुख बनी है. बातचीत में उन्होंने कहा कि जिला परिषद को माता पिता मानकर उन्होंने पूर्व में सेवा की थी, उसी का ही परिणाम है कि लोगों ने उन पर भरोसा जताया है और इस बार भी वह उसी प्रकार से सेवा करेंगी. वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी एवं अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि निर्दलीय उम्मीदवार सुशील कंवर पलाड़ा को 23 और भाजपा उम्मीदवार को 9 मत प्राप्त हुए हैं.

जिला प्रमुख बनने के बाद पलाड़ा ने कहा

अजमेर में जिला प्रमुख चुनाव में पूर्व विधायक एवं जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा ने शानदार जीत दर्ज करवाई है. पलाड़ा दूसरी बार जिला प्रमुख बनी है. उनका पहला कार्यकाल उनकी ईमानदारी की वजह से काफी चर्चा में रहा था. ईटीवी भारत से बातचीत में पलाड़ा ने कहा कि पूर्व कार्यकाल में उनकी ईमानदारी और सेवा भावना की वजह से ही उन्हें फिर से जनता का आशीर्वाद मिला है. ईटीवी भारत से बातचीत में जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा ने कहा कि उनकी जीत उनकी इमानदारी का ही परिणाम है. उन्होंने कहा कि जिला प्रमुख रहते हुए उन्होंने इमानदारी से काम किया है, यह जनता भी जानती है. जिला परिषद को माता पिता के रूप में मानकर जनता की सेवा की थी उसी का ही परिणाम है कि जनता ने उन पर दोबारा भरोसा जताया है.

कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय सुशील कंवर पलाड़ा बनी जिला प्रमुख

उन्होंने कहा कि सत्य के साथ ईश्वर रहता है यह भोलेनाथ का ही आशीर्वाद है कि मुझे दोबारा जिला प्रमुख बनने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी सदस्यों ने उनको समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि जिला प्रमुख पद की उन्होंने ने शपथ ली है. मुझे पैसे या किसी चीज लोभ लालच नहीं है. उन्होंने कहा कि पूर्व कार्यकाल की तरह ही इस बार भी उन्हें जो भी वेतन मिलेगा, उसका उपयोग वह विधवा या गरीब बेटियों के विवाह में खर्च करेंगी. बता दें कि पिछले कार्यकाल में भी सुशील कंवर पलाड़ा ने अपने वेतन का इस्तेमाल जनकल्याण के कार्यों में ही किया था. सुशील कंवर पलाड़ा धर्म परायण महिला है. जीत दर्ज करवाने के बाद उन्होंने जिला परिषद में भगवान भोलेनाथ के मंदिर में पूजा अर्चना की. उसके बाद अपने पति भंवर सिंह पलाड़ा के साथ जिला परिषद की दहलीज पर मत्था टेका.

यह भी पढ़ें- बड़ा हादसाः कोटा में निर्माणाधीन फ्लाई ओवर की स्लैब गिरी, करीब 18 मजदूर घायल

बता दें कि भाजपा ने वरिष्ठता को दरकिनार किया वही बगावती सुर को भी नजरअंदाज कर दिया. भाजपा का यही ओवर कॉन्फिडेंस का ही परिणाम रहा कि जिला परिषद में कुल 32 वार्ड सदस्य में से 21 भाजपा के सदस्यों की जीत होने के बावजूद भी, भाजपा प्रत्याशी को 9 ही मत मिले. बता दें कि भाजपा के 11 जिला परिषद सदस्य ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ क्रॉस वोटिंग की है. वहीं भाजपा के गढ़ को कांग्रेस ने प्रत्यक्ष रूप से ढहा कर अप्रत्यक्ष रूप से जिला परिषद में गिराने में सफलता पा ली है. सुशील कंवर पलाड़ा कांग्रेस समर्थित जिला प्रमुख बनी है. कांग्रेस के 11 जिला परिषद सदस्यों ने पलाड़ा के समर्थन में मतदान किया है.

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