अजमेर. शहर के सांसद भागीरथ चौधरी ने लोकसभा बजट सत्र 2021-22 के दौरान नियम 377 के तहत् अविलम्बनीय लोक महत्व के बिंदु पर चर्चा के दौरान फुलेरा जंक्शन से रेवाड़ी जंक्शन तक के 213 किलोमीटर रेलखण्ड मार्ग का दोहरीकरण कार्य वित्तीय वर्ष 2021-22 की विभागीय कार्य योजनाओं में स्वीकृत कराने का मुद्दा सदन में रखा. सांसद भागीरथ चौधरी ने सदन को लिखित में बताया कि उत्तर पश्चिमी रेल्वे के जयपुर मंडल में अहमदाबाद-अजमेर-जयपुर रेलमार्ग पर स्थित फुलेरा रेल्वे स्टेशन राजस्थान का सबसे बडा और पुराना रेल्वे जंक्शन है. जिससे जयपुर को अजमेर और अहमदाबाद के साथ-साथ फुलेरा-मेडता रेल लाइन से जोडते हुए जोधपुर भी जुड़ता है.
वर्तमान में यहां 10 ट्रेक स्थापित हैं. जिसमें से 5 प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल नियमित रूप से हो रहा है. वर्तमान में फुलेरा से रेवाड़ी रेलखंड मार्ग की दूरी लगभग 213 किमी है. जिसपर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन अब इसके दोहरीकरण की महती आवश्यकता वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अति महत्वपूर्ण है.
वहीं, वर्तमान में उक्त रेलखंड मार्ग से मध्य राजस्थान का उत्तरी राजस्थान के शेखावटी क्षेत्र के सीकर, झूंझुनू , चूरू और नागौर जिले का सीधा जुड़ाव होने के साथ-साथ देशभर की धार्मिक आस्था का केंद्र रिंगस खाटू श्याम जी, सालासर के बालाजी धाम और शाकम्भरी माताजी भी जुड़ा हुआ है. यदि इस फुलेरा से रेवाड़ी रेलखंड मार्ग का दोहरीकरण कार्य आगामी बजट वर्ष 2021-22 के रेल बजट प्रावधानों में स्वीकृत कर दिया जाता है, तो देश भर के सैनिक भाइयों, विद्यार्थीयों और व्यापारियों को हरियाणा और दिल्ली से ज्यादा सम्पर्कता मिलेगी.
दूसरी ओर वर्तमान में जयपुर अलवर रेवाड़ी रेलखंड मार्ग पर चलने वाला रेल यातायात भार भी कम हो जाएगा. इसके अलावा भविष्य में व्यावसायिक और औद्योगिक गतिविधियों के बढ़ने से अतिरिक्त नवीन रेल मालगाडियों के संचालन का मार्ग भी प्रशस्त होगा.
साथ ही अजमेर रेलवे स्टेशन से दिल्ली तक के इस रेलमार्ग पर भविष्य में नई रेलगाडियों के संचालन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने केन्द्रिय रेलमंत्री से आग्रह किया है कि फुलेरा से रेवाड़ी रेलखण्ड मार्ग के 213 किमी का दोहरीकरण कार्य आगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 की रेलमंत्रालय विभागीय योजना के अंतर्गत स्वीकृत कराने कराएं.