अजमेर. जताई दरबार काफी अनूठा है. जहां मां वैष्णो का मंदिर गुफा में स्थित है. इस गुफा को तैयार होने में लगभग पांच साल का समय लगा. साथ ही वैष्णो धाम से पवित्र ज्योति को यहां लाकर स्थापित किया गया है, जिसको लेकर यहां पूजा-अर्चना की जाती है. नगीना बाग स्थित जतोई दरबार स्थित वैष्णो देवी मंदिर पूरे देश भर में एक अपना अनूठा स्थान रखता है. जहां पहाड़ों के बीच में देवी मां को स्थापित किया गया है.
नवरात्र के मौके पर सुबह-शाम माता की महाआरती का आयोजन किया जाता है. लेकिन इस बार सामूहिक कार्यक्रम नहीं किए जा रहे हैं. जिस तरह से धारा- 144 को लागू किया गया है, उसको देखते हुए कम संख्या में लोगों की आवक मंदिर में रहती है. नवरात्र के मौके पर गुफा से होकर ही देवी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु की भीड़ जमा रहती है.
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वैष्णो देवी मंदिर का स्वरूप जतोई दरबार के सेवादारी फतनदास ने बताया कि दरबार में बने माता के मंदिर को वैष्णो देवी के दरबार का रूप दिया गया है. ट्रस्टी मोहन इदनानी के प्रयासों से मंदिर का निर्माण करवाया गया है. वहीं गुफा बनाने में लगभग 5 साल का समय लगा. इस कार्य को करने के लिए अजमेर के अलावा गुड़गांव पिलानी तथा दिल्ली के कारीगरों को बुलाया गया था. गुफा को असली रूप देने के लिए हरिद्वार से ही पत्थर मंगवाया गया था.
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वैष्णो देवी धाम से आई मां की ज्योति माता के तीन रूपों की प्राण प्रतिष्ठा के लिए वैष्णोधाम कटरा से माता की पवित्र ज्योति को यहां पर लाया गया है. इसके अलावा विधिवत रूप से मंत्रोच्चारण के साथ देवियों की स्थापना भी की गई है. इस मौके पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कई धर्मों के लोग शामिल हुए थे. फतनदास बताते हैं जतोई दरबार काफी अनूठा धाम है. सबसे बड़ी बात गुफा में झरना बहता रहता है, जो की काफी अलौकिक और सुंदर नजारा देखने को यहां मिलता है.
वहीं फतनदास बताते हैं कि जतोई दरबार मंदिर से लगभग 1,500 लोगों का सीधा तौर पर जुड़ाव है. जहां काफी संख्या में लोग दरबार में पहुंचते हैं. नगीना बाग जतोई दरबार अपने आप में एक अलग स्थान रखता है. जहां देश के कोने-कोने से लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.