अजमेर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन का कई सारी चीजों पर व्यापक असर पड़ा है. देश में एक ऐसा भी तबका है जो अपने छोटे कारोबार से नशे के शौकीन लोगों के शौक को पूरा करते हैं. इन्ही छोटे व्यापार में आता है बीड़ी व्यापार.
बीड़ी व्यापार की बात करें तो राजस्थान सरकार की ओर से अबतक किसी तरह की राहत प्रदान नहीं की गई है. अजमेर शहर में बीड़ी व्यापार का कारोबार काफी किया जाता है, लेकिन कोरोना का डंक इस व्यापार से जुड़े उन लोगों पर पड़ा है जो बीड़ी बनाने के कार्य से जुड़े हुए हैं.
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बता दें कि अजमेर में कोली समाज का एक बहुत बड़ा हिस्सा बीड़ी व्यापार से जुड़ा हुआ है. कोली समाज से जुड़े लोग अधिकतर बीड़ी बनाने का कार्य करते हैं और उससे ही उनकी रोजी-रोटी भी चलती है. लेकिन जब देश में लॉकडाउन किया गया तो बीड़ी व्यापार से जुड़े आश्रितों की रोजी-रोटी पर संकट छा गया है. बीड़ी व्यापारियों की मानें तो यह व्यापार पूरी तरह से चौपट हो चुका है, जिससे उबरने में भी काफी समय लगेगा.
अजमेर के इस क्षेत्र में होता है बीड़ी व्यापार
अजमेर में लगभग 8 हजार लोग इस व्यापार से जुड़े हैं. शहर के कई क्षेत्रों में बीड़ी व्यापार का कार्य होता है, जिनमें मुख्य तौर से पहाड़गंज, बैरवा बस्ती, मिस्त्री मोहल्ला, पाल बिछला, गौतम नगर, रामबाग, धोला भाटा, भजनगंज, झलकारी बाई नगर, अशोक नगर भट्टा सहित कई इलाके के लोग बीड़ी बनाने का कार्य करते हैं. बता दें कि ये लोग कई सालों से इस बीड़ी उद्योग से जुड़े हुए हैं. लेकिन लॉकडाउन के बाद बीड़ी व्यापार सहित श्रमिकों की आर्थिक स्थिति पर काफी प्रभाव पड़ा है.
6 राज्यों को बीड़ी उद्योग शुरू करने की अनुमति
बीड़ी व्यापारी हेमंत भाटी ने बताया कि दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के काफी लोग इस व्यापार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने 6 राज्यों को बीड़ी व्यापार फिर से शुरू करने के आदेश दे दिए हैं, लेकिन राजस्थान में अबतक कोई भी आदेश जारी नहीं की गई है.
भाटी का कहना है कि इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र लिखा है. उनका कहना है कि बीड़ी व्यापार से काफी श्रमिक जुड़े हैं और अभी इनके रोजी-रोटी पर संकट आ चुका है. उन्होंने बताया कि बीड़ी बनाने का कार्य घर से ही होता है, इसलिए सरकार से मांग की गई है कि राजस्थान में भी इसे शुरू करने की अनुमति दी जाए, जिससे लोगों के सामने से आर्थिक संकट दूर हो सके.
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बीड़ी व्यापारी हेमंत भाटी का कहना है कि राजस्थान में करीब 90 हजार लोग इस व्यापार से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि एक श्रमिक अनुमानित तौर पर इस व्यापार से करीब 250 रुपए रोज कमाता है. अगर श्रमिक का बड़ा परिवार है तो वह करीब 600 रुपए बीड़ी बनाने के कार्य से कमाता है. उनका कहना है कि ऐसे लोगों पर अब रोजी-रोटी का संकट आ गया है.
बता दें कि अजमेर शहर में लगभग 30 से 35 लाख प्रतिदिन बीड़ी बनती है, लेकिन इस समय व्यापार पूरी तरह से ठप है. अजमेर के एक बीड़ी कंपनी में करीब 6 से 7 हजार लोग काम करते हैं. लेकन लॉकडाउन के कारण और राजस्थान सरकार के पूर्ण प्रतिबंध के बाद पूरी तरह व्यापार बंद है.
श्रमिकों का दर्द
श्रमिकों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि प्रशासन और भामाशाह की ओर से खाद्य सामग्री वितरण से ही उनकी रोजी-रोटी चल रही है. उनका कहना है कि कमाई तो बिल्कुल खत्म हो चुकी है. अब ऐसे में परिवार का पेट पालना भी पहाड़ तोड़ने के समान लग रहा है क्योंकि पता नहीं कि फिर से यह वापस शुरू भी हो पाएगा कि नहीं. उनका कहना है कि सरकार की ओर से धूम्रपान पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है, इस कारण उनके पूरे परिवार पर संकट खड़ा हो गया है.