अजमेर. सरकारी स्कूलों की हालात किसी से छुपी हुई नहीं है. कई सरकारी स्कूलों के हालात में सुधार आया है, लेकिन आज भी कई ऐसे स्कूल हैं जो सरकारी अव्यवस्था का शिकार हो रहे हैं. कोटडा में स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय 3 वार्डों के गरीब बच्चों के लिए शिक्षा का मंदिर है, लेकिन क्षेत्र के लापरवाह लोग और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के चलते ये शिक्षा का मंदिर दुर्दशा का शिकार हो रहा है.
कोटडा में सरकारी स्कूल की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है. स्कूल के बाहर देखे तो कचरे का ढेर जमा है. वहीं, बरसात का पानी स्कूल में भर जाने से स्कूल के भीतर जाना भी मुश्किल है. इस स्कूल में वार्ड 1, 2 और 3 के गरीब तबके बच्चे पढ़ते हैं. यही वजह है कि स्कूल की दुर्दशा पर जिम्मेदारों ने कभी ध्यान नहीं दिया. क्षेत्र के लापरवाह लोगों ने भी स्कूल के बाहर की जगह को कचरा डिपो में बदल दिया. स्कूल के बाहर गंदगी का आलम है.
क्षेत्र के जागरूक लोग बताते हैं कि 3 वार्ड का कचरा यहां डाला जाता है. जहां दिन भर गंदगी में सुअर मंडराते रहते हैं. इसके अलावा बारिश के दिनों में और भी ज्यादा हालात खराब हो जाते हैं. क्षेत्र की सड़कों से पानी बहकर यही आता है और अपने साथ कचरा भी लेकर आता है. स्कूल के मुख्य दरवाजे पर रैम्प नहीं होने से पानी के साथ कचरा स्कूल परिसर में घुस जाता है.
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क्षेत्र के लोगों ने मांग की है कि स्कूल की मुख्य दरवाजे पर ऊंचा रैम्प बनाया जाए. ताकि क्षेत्र का पानी स्कूल परिसर में ना घुस सके. इसके अलावा स्कूल के पास से कचरा डिपो हटाया जाए. साथ ही स्कूल की भवन की मरम्मत करवाई जाए. ताकि स्कूल खुलने पर गरीब बच्चों को स्कूल में स्वच्छ वातावरण मिल सके. लोगों ने बताया कि क्षेत्र में सीसी सड़क ऊंची बनने से स्कूल और क्षेत्र के कई मकान नीचे होने से बरसात के दिनों में पानी भीतर घुस जाता है.
बता दें कि कोरोना महामारी के चलते अभी स्कूल बंद है. ऐसे में क्षेत्र के लोगों की दरकार है कि जब तक स्कूल नहीं खुल जाते तब तक स्कूल की दुर्दशा को सुधारने का प्रशासन जतन करें.