अजमेर. अजमेरु जिला फोटोग्राफर संस्था ने राज्य सरकार से पांच सूत्रीय मांग की है. संस्था के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता में बताया कि राजस्थान सरकार को कलेक्टर के माध्यम से पहले भी अपनी मांग भेजी जा चुकी है,लेकिन अभी तक उनकी मांगों को लेकर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हुआ है. संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की तो जिला मुख्यालय पर फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे.
अजमेरु जिला फोटोग्राफर संस्था के अध्यक्ष नितिन सिंह ने बताया कि जिले में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कारोबार से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 5000 लोग जुड़े हुए हैं. इन लोगों के पीछे इनका परिवार है. सिंह ने बताया कि 22 मार्च से लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी, तभी से शादियों का भी सीजन शुरू हुआ था. शादियों का सीजन लगभग समाप्त हो चुका है. लॉकडाउन के अंतराल में फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर सभी बेरोजगार होकर घर बैठे हैं. इनमें कई फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर की आर्थिक हालात बहुत ही कमजोर हो गई है. वह अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे हैं.
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वहीं फोटोग्राफर संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि काम नहीं होने के कारण दुकानों का किराया, लाइटों का बिल, बच्चों की स्कूल फीस, कैमरे और अन्य उपकरण के लिए लिए गए लोन की किस्तों का भुगतान करना बहुत ही मुश्किल हो रहा है. लॉकडाउन में दोहरी मार झेल रहे हैं. राज्य सरकार ने 15 मई को राशन के लिए खाद्य सामग्री वितरण के आदेश दिए थे, लेकिन इसमें भी फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर से जुड़े लोगों का कहीं उल्लेख नहीं किया गया. अजमेरु जिला फोटोग्राफर संस्था ने सरकार से 5,000 हजार रुपए आर्थिक सहयोग प्रति फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर को देने की मांग की है.
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अजमेरु जिला फोटोग्राफर संस्था ने यह पांच सूत्रीय मांग की है....
- फोटोग्राफी व्यवसाय को कला का दर्जा दिया जाए
- फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर्स को सरकारी बैंक से मिलने वाले ऋण आसानी से मिले
- सरकार की ओर से विवाह समारोह में 50 व्यक्तियों की अनुमति है, इनके साथ फोटोग्राफर वीडियोग्राफर को कार्य करने की अनुमति दी जाए
- सरकार की ओर से दी जाने वाली खाद्य वितरण योजना की सूची में फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर्स को भी शामिल किया जाए
- फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर ने पूर्व में बैंक से जो ऋण लेकर कैमरे और अन्य उपकरण खरीदे हैं, वर्तमान में इनके किस्त चुकाना संभव नहीं है. हमें ऋण चुकाने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए. साथ ही गैर सरकारी संस्थाएं जो कि इस विकट समय में भी हम से ऋण वसूल रहे हैं उन्हें पाबंद किया जाए.