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अजमेर: 5 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर किसानों का प्रदर्शन, राज्य सरकार पर लगाए लापरवाही के आरोप

किसान महापंचायत ने अजमेर जिला मुख्यालय पर विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार किसानों के मामलों में हर बार सिर्फ केंद्र को ही कौसती हुई नजर आ रही है लेकिन खुद किसानों के लिए कुछ भी नहीं करती.

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अजमेर में किसानों का प्रदर्शन
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Published : Dec 24, 2020, 1:17 AM IST

अजमेर. किसान महापंचायत के जिलाध्यक्ष बालूराम भींचर ने बताया कि विभिन्न मांगों को लेकर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश की गहलोत सरकार किसानों के मामलों में हर बार सिर्फ केंद्र को ही कौसती हुई नजर आ रही है लेकिन खुद किसानों के लिए कुछ भी नहीं करती. केंद्र ने तो स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश अनुसार कुल उपज के 25 प्रतिशत की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है परंतु इसी आयोग के अनुसार राज्य सरकार को भी 15 प्रतिशत खरीद करनी चाहिए जो राज्य सरकार नहीं कर रही.

अजमेर में किसानों का प्रदर्शन

पढ़ें: बीटीपी ने सरकार से समर्थन वापस लिया, लेकिन जो आरोप मालवीय ने लगाए थे उसकी सरकार कराए जांच: बीजेपी

भींचर ने कहा कि राजस्थान में किसानों को इस भरी सर्दी में भी दिन में बिजली नहीं मिल रही है. उल्टे पहले जहां 2 महीने के बिल आने पर 260 रुपये चार्ज लिया जाता था. वही अब हर महीने बिल आ रहा है, विधुत चार्ज भी यथावत है तो किसानों के चारे में आग बारिश के कारण नुकसान हो जाने पर गिरदावरी तहसीलदार के यहां पड़ी रहती है परंतु मुआवजा तत्काल नहीं मिल पाता. इससे किसानों को बहुत नुकसान होता है.

बीमा क्लेम मिलने में परेशानी

किसानों का कहना है कि फसल का बीमा कंपनियां प्रीमियम तो बहुत ज्यादा लेती हैं पर नुकसान होने पर वो भी तुरंत क्लेम पास नहीं करती. प्रदेश का भोला किसान इंतजार ही करता रहता है. बालूराम ने बताया कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ भी छोटी मोटी नाम की त्रुटियों के चलते प्रदेश के किसानों को नहीं मिल पा रहा है, अगर गहलोत सरकार चाहे तो केंद्र को कोसने की जगह इन कमियों को दूर कर किसानों का भला कर सकती है क्योंकि खेती राज्य अनुसूची का विषय है. यदि अब भी हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो मजबूर होकर अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ रोड और रेल रोको प्रदर्शन करना पड़ेगा.

अजमेर को गंदा किया तो भरना होगा जुर्माना

अजमेर शहर स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में भाग ले रहा है. गत वर्ष अजमेर शहर स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में 178वें पायदान पर था. शहर को टॉप 50 में लाने की कवायद नगर निगम अजमेर ने जोरों-शोरों से शुरू कर दी है. इसी क्रम में निगम ने अजमेर वासियों को सफाई के प्रति जागरूक करने के लिए इस अभियान से जोड़ने हेतु कई गतिविधियों के द्वारा प्रयास किया जा रहा है.

नगर निगम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब शहर में गंदगी फैलाने वालों की खैर नहीं. होटल व रेस्टोरेन्ट द्वारा कचरा फैलाने पर निगम द्वारा प्रतिदिन 2000 रुपए वसूला जायेगा और सड़क पर गोबर फैलाने पर निगम 5000 का जुर्माना वसूलने की तैयारी में हैं.

अजमेर. किसान महापंचायत के जिलाध्यक्ष बालूराम भींचर ने बताया कि विभिन्न मांगों को लेकर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश की गहलोत सरकार किसानों के मामलों में हर बार सिर्फ केंद्र को ही कौसती हुई नजर आ रही है लेकिन खुद किसानों के लिए कुछ भी नहीं करती. केंद्र ने तो स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश अनुसार कुल उपज के 25 प्रतिशत की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है परंतु इसी आयोग के अनुसार राज्य सरकार को भी 15 प्रतिशत खरीद करनी चाहिए जो राज्य सरकार नहीं कर रही.

अजमेर में किसानों का प्रदर्शन

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भींचर ने कहा कि राजस्थान में किसानों को इस भरी सर्दी में भी दिन में बिजली नहीं मिल रही है. उल्टे पहले जहां 2 महीने के बिल आने पर 260 रुपये चार्ज लिया जाता था. वही अब हर महीने बिल आ रहा है, विधुत चार्ज भी यथावत है तो किसानों के चारे में आग बारिश के कारण नुकसान हो जाने पर गिरदावरी तहसीलदार के यहां पड़ी रहती है परंतु मुआवजा तत्काल नहीं मिल पाता. इससे किसानों को बहुत नुकसान होता है.

बीमा क्लेम मिलने में परेशानी

किसानों का कहना है कि फसल का बीमा कंपनियां प्रीमियम तो बहुत ज्यादा लेती हैं पर नुकसान होने पर वो भी तुरंत क्लेम पास नहीं करती. प्रदेश का भोला किसान इंतजार ही करता रहता है. बालूराम ने बताया कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ भी छोटी मोटी नाम की त्रुटियों के चलते प्रदेश के किसानों को नहीं मिल पा रहा है, अगर गहलोत सरकार चाहे तो केंद्र को कोसने की जगह इन कमियों को दूर कर किसानों का भला कर सकती है क्योंकि खेती राज्य अनुसूची का विषय है. यदि अब भी हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो मजबूर होकर अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ रोड और रेल रोको प्रदर्शन करना पड़ेगा.

अजमेर को गंदा किया तो भरना होगा जुर्माना

अजमेर शहर स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में भाग ले रहा है. गत वर्ष अजमेर शहर स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में 178वें पायदान पर था. शहर को टॉप 50 में लाने की कवायद नगर निगम अजमेर ने जोरों-शोरों से शुरू कर दी है. इसी क्रम में निगम ने अजमेर वासियों को सफाई के प्रति जागरूक करने के लिए इस अभियान से जोड़ने हेतु कई गतिविधियों के द्वारा प्रयास किया जा रहा है.

नगर निगम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब शहर में गंदगी फैलाने वालों की खैर नहीं. होटल व रेस्टोरेन्ट द्वारा कचरा फैलाने पर निगम द्वारा प्रतिदिन 2000 रुपए वसूला जायेगा और सड़क पर गोबर फैलाने पर निगम 5000 का जुर्माना वसूलने की तैयारी में हैं.

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