ब्यावर (अजमेर). राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय की मदर चाइल्ड विंग के गायनिक वार्ड में भर्ती गर्भवती महिला के मृत बच्चा पैदा होने की जानकारी के बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया. काफी देर तक चले हंगामे के कारण अस्पताल परिसर में अफरातफरी का माहौल हो गया.बड़ी संख्या में पीड़ित के परिजन तथा रिश्तेदार अस्पताल में एकत्रित हो गए. काफी देर तक चले हंगामे के दौरान पीड़ित के परिजनों तथा वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स ने एक दूसरे के खिलाफ बदसलूकी का आरोप लगाया.
इस दौरान मौके पर पहुंचे कार्यवाहक पीएमओ डॉ. दिलीप चौधरी तथा अन्य चिकित्सकों ने पीडि़त परिजनों से बातचीत करते हुए वस्तुस्थिति जानने के बाद लिखित शिकायत देने की बात कहीं. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन तथा सिटी थाना पुलिस को लिखित में शिकायत दी है. जानकारी के अनुसार कोटडा निवासी शंकरसिंह की पुत्री किरण को प्रसव पीडा के बाद शनिवार अलसुबह राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय की मदर चाइल्ड विंग के गायनिक वार्ड में भर्ती करवाया गया था.
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इस दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉ. विद्या सक्सैना ने गर्भवती की जांच करने के बाद परिजनों को बताया कि वर्तमान स्थिति में सीजेरियन से प्रसव किया जा सकता है अगर नॉर्मल डिलेवरी करवाना चाहते हो तो इंतजार करना पडेगा. चिकित्सक की सलाह पर परिजनों ने इंतजार करने की बात कही. बताया जा रहा है कि थोड़ी ही देर बाद किरण की प्रसव पीडा बढ़ गई और बच्चा बच्चेदानी से बाहर आने लगा. जानकारी के बाद परिजन डॉ. के पास पहुंचे तथा सारी जानकारी दी. इस दौरान वार्ड में उपस्थित स्टाफ नर्स मंजू गुप्ता ने किरण की डिलेवरी करवाई, लेकिन गर्भवती ने मृत बच्चें को जन्म दिया. मृत बच्चा पैदा होने की जानकारी के बाद अस्पताल में उपस्थित परिजनों ने चिकित्सक तथा स्टाफ नर्स पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा कर दिया.
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गर्भवती किरण की मां मीना देवी ने बताया कि डॉक्टरों की लापरवाहीं से बच्चे की मौत हुई है. समय पर जानकारी देने के बाद भी कोई भी डॉक्टर लेबर रूम में नहीं आया और इस दौरान हुई देरी के कारण बच्चें की मौत हो गई. मीना ने बताया कि किरण को प्रसव पीडा होने के बाद कई बार डॉक्टर को बुलाने के बाद भी उसे देखने नहीं आया.
इस मामले में वरिष्ठ गायनिक चिकित्सक विद्या सक्सैना ने बताया कि गर्भवती को लेबर रूम में ले जाया गया जहां पर कार्यरत स्टाफ नर्स ने सावधानी से प्रसव करवाया, लेकिन गर्भवती ने मृत बच्चें को जन्म दिया. उन्होंने बताया कि इसमें किसी भी प्रकार की कोई लापरवाहीं नहीं बरती गई है.
लेबर रूम में तैनात स्टाफ नर्स श्रीमती मंजू गुप्ता ने बताया कि परिजनों की जानकारी के बाद उसने हाथों-हाथ मरीज को अटेंड किया तथा लेबर रूम में ले जाकर उसका प्रसव करवाया. प्रसव से पूर्व बच्चा बच्चेंदानी से बाहर आ चुका था तथा उसकी सांसे नहीं चल रही थी. इस दौरान बच्चें को रोने की आवाज भी नहीं आई. उसने सावधानी से किरण की डिलेवरी करवाई लेकिन बच्चा मृत पैदा हुआ. मृत बच्चा पैदा होने की जानकारी मिलते ही गर्भवती के कुछ रिश्तेदारों ने उसके साथ बदसलूकी करते हुए मारपीट तक कर डाली.
पूरे मामले में परिजनों ने सब कुछ स्टाफ की नजर में होते हुए भी लापरवाही बरतने पर आक्रोश प्रकट किया है. अस्पताल प्रशाशन ने गम्भीरता से नहीं लिया, उल्टा ताने मारकर गलत शब्दो का प्रयोग भी किया. फिलहाल दोनों पक्षो की शिकायत दर्ज कर ली गयी है.