Arthritis Causes Symptoms : गठिया रोग लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि यह समस्या बच्चों और वयस्कों में भी देखी जा रही है. लक्षणों का समय पर पता लगने और उपचार से राहत मिलती है. डॉक्टरों का कहना है कि देश में गठिया रोग से पीड़ित लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. चिकित्सा विशेषज्ञ इस बीमारी की गंभीरता के बारे में चेतावनी दे रहे हैं.
गठिया रोग के प्रकार: गठिया रोग कई प्रकार का होता है. डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्गों में ऑस्टियोआर्थराइटिस अधिक आम है. बताया जाता है कि गठिया रोग महिलाओं और युवतियों को ल्यूपस रोग की तरह प्रभावित करता है. इससे चेहरे पर तितली के आकार के लाल धब्बे हो जाते हैं. अन्य लोग जो गठिया (Gout) रोग से पीड़ित होते हैं, उन्हें हाथ-पैर में दर्द और सूजन जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
गठिया के कुछ मुख्य प्रकार
- ऑस्टियोआर्थराइटिस: यह गठिया आमतौर पर बुढ़ापे में होता है. इसमें हड्डियां कमजोर और खोखली हो जाती हैं.
- रूमटाइड आर्थराइटिस: यह गठिया तब होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आपके जोड़ों पर हमला करती है.
- गाउट : रक्त में यूरिक एसिड का उच्च स्तर (हाइपरयूरिसीमिया) गाउटी गठिया का कारण बन सकता है.
- सोरियाटिक अर्थराइटिस : गठिया जो सोरायसिस से पीड़ित लोगों को प्रभावित करता है.
- पेरीआर्थराइटिस: यह गठिया 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और किशोरों को प्रभावित करता है.
ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण हड्डियों को नुकसान होता है और जोड़ों में तेज दर्द होता है. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है. यह स्वास्थ्य समस्या तब होती है जब हमारा इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) शरीर पर दोबारा हमला करता है. इससे बच्चों में जुवेनाइल आर्थराइटिस भी होता है. डॉक्टरों से सलाह और उपचार लेकर दीर्घकालिक समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. गठिया से छुटकारा पाने के लिए रोग का जल्द से जल्द इलाज करना बेहतर है.
गठिया के लक्षण
- आंख-मुंह का सूखना और त्वचा का सूखना.
- लंबे समय तक बुखार.
- 6 सप्ताह से अधिक समय तक जोड़ों में दर्द और सूजन बनी रहे.
- धूप में निकलने पर त्वचा पर दाने.
- जोड़ों में दर्द और मुंह के छाले होना आम समस्या है.
- वजन में बहुत अधिक कमी, भूख न लगना.
- सुबह 45 मिनट से अधिक समय तक पीठ या गर्दन में बहुत अधिक दर्द.
- आंख-मुंह का सूखना और त्वचा का सूखना.
- छोटे बच्चों में जोड़ों का दर्द परेशान कर रहा है.
- जोड़ों में दर्द, रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना.
- मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द.
किम्स के रुमेटोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ वी शरतचंद्रमौली ने बताया कि "आजकल गठिया की समस्या के लिए आधुनिक उपचार पद्धतियां उपलब्ध हैं. पारंपरिक गोलियों से लेकर उन्नत जैविक इंजेक्शन तक, कॉर्टिसोल थेरेपी भी उपलब्ध है. गठिया के उपचार में स्टेरॉयड के उपयोग के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. स्टेरॉयड का उपयोग डॉक्टरों की देखरेख में थोड़े समय के लिए छोटी खुराक में किया जा सकता है. Dr. V. Saratchandramouli ने बताया कि यदि लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें नजरअंदाज किए बिना तुरंत रुमेटोलॉजिस्ट से परामर्श लेना चाहिए. टेस्ट यह निर्धारित करने में मदद करेंगे कि गठिया किस प्रकार का है"