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अजमेर की बड़ी सब्जी मंडी पर ETV Bharat की विशेष पड़ताल, अव्यवस्थाओं से परेशान किसान, रिटेलर-व्यापारियों की चांदी

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Published : Apr 26, 2020, 12:41 AM IST

Updated : Apr 26, 2020, 12:46 PM IST

अजमेर में कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन में फल-सब्जी की सप्लाई जारी रखने के सरकार ने निर्देश दिए थे. ऐसे में बड़ी सब्जी मंडी बंद होने के कारण फुटकर सब्जी वाले आमजन से सब्जियों के 4 गुना दाम वसूल रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने बंद सब्जी मंडी और रिटेलर सब्जी विक्रेताओं की कालाबाजारी की पड़ताल की. देखिए यह रिपोर्ट.....

बड़ी मंडी पर अव्यवस्था, Clutter on the big market
बड़ी सब्जी मंडी पर ईटीवी भारत की बड़ी पड़ताल

अजमेर. शहर की सबसे बड़ी सब्जी मंडी पिछले 3 दिनों से बंद है. बावजूद इसके शहर के गली-कूचों में फुटकर सब्जी विक्रेताओं के पास सब्जियां मौजूद है, लेकिन सब्जियों के भाव तीन से चार गुना बढ़े हुए हैं. लॉकडाउन के चलते पहले ही कई लोगों का रोजगार छीन चुका है. ऐसे में सब्जियों की 4 गुना कीमत आमजन के लिए बड़ी परेशानी बनती जा रही है.

बड़ी सब्जी मंडी पर ईटीवी भारत की बड़ी पड़ताल

पढ़ेंः राजस्थान के किसान ने मरुधरा में उगा दी 'कश्मीरी केसर'

ईटीवी भारत की पड़ताल

ऐसे में ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि बड़ी सब्जी मंडी के बंद होने के बाद अजमेर में सब्जियों की कमी हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं सब्जी मंडी के बंद हो जाने की आड़ में रिटेलर व्यापारी सीधे किसानों से सब्जियां सस्ते दामों पर खरीद रहे हैं. खराब मौसम और सब्जियों का स्टॉक नहीं कर पाने की वजह से किसान बहुत ही सस्ते दामों पर सब्जी बेचने को मजबूर हैं.

बड़ी मंडी पर अव्यवस्था, Clutter on the big market
बंद पड़ी बड़ी सब्जी मंडी

व्यापारी उठा रहे फायदा

बता दें कि मंडी बंद होने का फायदा रिटेलर ही नहीं बल्कि गली-मोहल्लों में सब्जियां बेचने वाले लोग भी उठा रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान आम दिनों में आलू 15 रुपए किलो बिक रहा था, वहीं अब आलू 30 रुपए किलो बिक रहा है. इसके अलावा अन्य सब्जियों के दाम 3 से 4 गुना बढ़ चुके हैं. किसानों की तरह मजबूर आमजन भी महंगी सब्जियां खरीदने को विवश हैं.

पढ़ेंः कपासन में पुलिस के रूट मार्च का लोगों ने किया स्वागत, सोशल डिस्टेंसिंग का भी रखा गया ध्यान

प्रशासनिक लापरवाही भी है कारण

वहीं, बड़ी सब्जी मंडी के बंद होने का कारण प्रशासनिक लचरता सामने आई है. बड़ी सब्जी मंडी में होलसेल का काम होता है. होलसेल दुकानों में सब्जियों का भाव सस्ता होता है. यही वजह है कि आसपास क्षेत्र के लोग दीवारें फांदकर मंडी में घुस जाते हैं. हालांकि मंडी के मुख्य द्वार पर पुलिस लगाई जाती है, लेकिन मंडी के चारों ओर सुरक्षा नहीं रहती हैं. यही वजह है कि मंडी में भीड़ लग जाती है और कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है.

अव्यवस्थाओं से व्यापारी भी परेशान

इन अव्यवस्थाओं के चलते मंडी के व्यापारी भी परेशान हैं. मंडी व्यापारी खुलकर अव्यवस्थाओं के बारे में बोल नहीं पा रहे हैं, लेकिन मंडी व्यापारियों ने स्वतः लॉकडाउन करके प्रशासन को चेता दिया है. मंडी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष भैरूलाल के पुत्र उमेश ने बताया कि मंडी में व्याप्त अव्यवस्थाओं की वजह से व्यापारी भी चिंतित हैं. उन्होंने बताया कि जिले से ही नहीं अन्य जिलों के अलावा अन्य राज्यों से भी अजमेर की बड़ी सब्जी मंडी में सब्जियां आ रही थी.

पढ़ेंः बानसूर: विधायक ने करोना योद्धाओं का माला और साफा पहनाकर किया स्वागत

बता दें कि लॉकडाउन की वजह से जिले में सभी छोटी मंडियां पहले ही बंद हो चुकी है. बड़ी सब्जी मंडी बंद होने के कारण जहां किसानों को नुकसान हो रहा है, तो वहीं आमजन भी महंगे भाव में सब्जियां खरीदने को मजबूर हैं. मंडी में कुछ व्यापारियों के पास आलू और प्याज का स्टॉक है, वही स्टॉक का माल कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र में भेजा जा रहा है. ऐसे में बड़ी सब्जी मंडी को जल्द ही शुरू नहीं किया गया, तो जिले में सब्जियों की सप्लाई पूरी तरह से बाधित हो जाएगी. इससे किसानों के साथ आमजन में भी रोष व्याप्त होगा.

अजमेर. शहर की सबसे बड़ी सब्जी मंडी पिछले 3 दिनों से बंद है. बावजूद इसके शहर के गली-कूचों में फुटकर सब्जी विक्रेताओं के पास सब्जियां मौजूद है, लेकिन सब्जियों के भाव तीन से चार गुना बढ़े हुए हैं. लॉकडाउन के चलते पहले ही कई लोगों का रोजगार छीन चुका है. ऐसे में सब्जियों की 4 गुना कीमत आमजन के लिए बड़ी परेशानी बनती जा रही है.

बड़ी सब्जी मंडी पर ईटीवी भारत की बड़ी पड़ताल

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ईटीवी भारत की पड़ताल

ऐसे में ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया कि बड़ी सब्जी मंडी के बंद होने के बाद अजमेर में सब्जियों की कमी हो जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं सब्जी मंडी के बंद हो जाने की आड़ में रिटेलर व्यापारी सीधे किसानों से सब्जियां सस्ते दामों पर खरीद रहे हैं. खराब मौसम और सब्जियों का स्टॉक नहीं कर पाने की वजह से किसान बहुत ही सस्ते दामों पर सब्जी बेचने को मजबूर हैं.

बड़ी मंडी पर अव्यवस्था, Clutter on the big market
बंद पड़ी बड़ी सब्जी मंडी

व्यापारी उठा रहे फायदा

बता दें कि मंडी बंद होने का फायदा रिटेलर ही नहीं बल्कि गली-मोहल्लों में सब्जियां बेचने वाले लोग भी उठा रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान आम दिनों में आलू 15 रुपए किलो बिक रहा था, वहीं अब आलू 30 रुपए किलो बिक रहा है. इसके अलावा अन्य सब्जियों के दाम 3 से 4 गुना बढ़ चुके हैं. किसानों की तरह मजबूर आमजन भी महंगी सब्जियां खरीदने को विवश हैं.

पढ़ेंः कपासन में पुलिस के रूट मार्च का लोगों ने किया स्वागत, सोशल डिस्टेंसिंग का भी रखा गया ध्यान

प्रशासनिक लापरवाही भी है कारण

वहीं, बड़ी सब्जी मंडी के बंद होने का कारण प्रशासनिक लचरता सामने आई है. बड़ी सब्जी मंडी में होलसेल का काम होता है. होलसेल दुकानों में सब्जियों का भाव सस्ता होता है. यही वजह है कि आसपास क्षेत्र के लोग दीवारें फांदकर मंडी में घुस जाते हैं. हालांकि मंडी के मुख्य द्वार पर पुलिस लगाई जाती है, लेकिन मंडी के चारों ओर सुरक्षा नहीं रहती हैं. यही वजह है कि मंडी में भीड़ लग जाती है और कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है.

अव्यवस्थाओं से व्यापारी भी परेशान

इन अव्यवस्थाओं के चलते मंडी के व्यापारी भी परेशान हैं. मंडी व्यापारी खुलकर अव्यवस्थाओं के बारे में बोल नहीं पा रहे हैं, लेकिन मंडी व्यापारियों ने स्वतः लॉकडाउन करके प्रशासन को चेता दिया है. मंडी व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष भैरूलाल के पुत्र उमेश ने बताया कि मंडी में व्याप्त अव्यवस्थाओं की वजह से व्यापारी भी चिंतित हैं. उन्होंने बताया कि जिले से ही नहीं अन्य जिलों के अलावा अन्य राज्यों से भी अजमेर की बड़ी सब्जी मंडी में सब्जियां आ रही थी.

पढ़ेंः बानसूर: विधायक ने करोना योद्धाओं का माला और साफा पहनाकर किया स्वागत

बता दें कि लॉकडाउन की वजह से जिले में सभी छोटी मंडियां पहले ही बंद हो चुकी है. बड़ी सब्जी मंडी बंद होने के कारण जहां किसानों को नुकसान हो रहा है, तो वहीं आमजन भी महंगे भाव में सब्जियां खरीदने को मजबूर हैं. मंडी में कुछ व्यापारियों के पास आलू और प्याज का स्टॉक है, वही स्टॉक का माल कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र में भेजा जा रहा है. ऐसे में बड़ी सब्जी मंडी को जल्द ही शुरू नहीं किया गया, तो जिले में सब्जियों की सप्लाई पूरी तरह से बाधित हो जाएगी. इससे किसानों के साथ आमजन में भी रोष व्याप्त होगा.

Last Updated : Apr 26, 2020, 12:46 PM IST
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