अजमेर. जिले में प्रथम पूज्य गणपति जन्मोत्सव के मौके पर देशभर में विभिन्न तरह से गणेश चतुर्थी मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में अजमेर में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए गेहूं, चना, मसूर, अरहर, मूंग की दाल, काजू, बादाम, पिस्ता और सिक्कों से गणेश जी की अद्भुत प्रतिमा तैयार किया गया है. बता दें कि आगरा गेट स्थित बालूगोमा स्तिथ कार्य सिद्धि गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग दालों से निर्मित इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा भक्तों के दर्शन के लिए बनाई गई है, इसे बनाने में 10 दिन का समय लगा.
मंदिर के पुजारी कैलाश गुप्ता ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए पिछले 25 सालों से विभिन्न प्रकार की मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
बावजूद इसके प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी प्रतिमाओं का अभी भी सर्वाधिक चलन है. अजमेर में भी 20 से 25 हजार के करीब गणेश प्रतिमाएं बनाई गई है. जिसमें बमुश्किल 1 प्रतिशत प्रतिमा ही प्लास्टर ऑफ पेरिस के अलावा अन्य चीजों की बनी हुई होंगी.
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151 किलो का तिरंगा लड्डू बनाया गया
गणेश प्रतिमा के अलावा बालुगोमा कार्य सिद्धि गजानन मंदिर में 151 किलो का तिरंगा लड्डू भी बनाया जा रहा है, यह लड्डू सूजी, बेसन, चावल आदि से बनाया गया है. इसे ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा के साथ रखा जाएगा. अनंत चतुर्दशी के दिन इस प्रसाद का वितरण होगा. खास बात ये कि इस इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा के विसर्जन से किसी प्रकार का जल प्रदूषण भी नहीं होगा और इससे प्ररेणा लेकर सभी को ऐसे तरीके अपनाने चाहिए.