अजमेर. जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा की हठधर्मिता और तुगलकी फरमान जारी करने का आरोप जड़ते हुए नगर निगम के पार्षद जिला मुख्यालय के बाहर एकत्रित हुए. जहां उन्होंने जिला कलेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पार्षद की प्रदर्शन की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और उनसे समझाइश करने लगे, लेकिन पार्षद प्रदर्शन कर रहे.
पार्षदों को नहीं मानने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया. जहां सभी 60 पार्षदों को हिरासत में लेकर पुलिस सिविल लाइन थाना लेकर गई और वहां जाकर उन्हें छोड़ा गया.
जानकारी मिलते ही पूर्व मंत्री और विधायक वासुदेव देवनानी, अनिता भदेल, पुष्कर विधायक सुरेश रावत, कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विजय जैन, पूर्व मंत्री ललित भाटी,पूर्व विधायक गोपाल बाहेती सहित काफी लोग जिला कलेक्टर के पास पहुंचे. उनसे बातचीत की कि आखिर क्यों ऐसे समय में अक्षय पात्र की ओर से दिए जाने वाले खाने को बंद कर दिया गया.
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देवनानी ने कहा कि जिला कलेक्टर ने अक्षय पात्र की ओर से दिए जाने वाले खाने को बंद कर दिया है. बीएलओ के जरिए खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए थे. अब ऐसे में जरूरतमंद भूखे मरने पर मजबूर है. जहां बीएलओ ने 100 लोगों के स्थान पर केवल मात्र 10 लोगों को भी चिन्हित किया है. जिसमें से 90 लोग भूखे मरने को मजबूर है. ऐसे में पार्षद के घर पर वह लोग धरना दे रहे हैं. वहीं जिला कलेक्टर को अपनी हठधर्मिता छोड़कर मुख्यमंत्री के आव्हान पर सबको पूर्व की तरह भोजन उपलब्ध करवाना चाहिए.
वहीं कांग्रेस के शहर अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों के ही पार्षद जिला कलेक्टर के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं. इस पर सभी लोग वहां पहुंचे और जिला कलेक्टर से मुलाकात की. साथ ही फिर से अक्षय पात्र की ओर से दिए जाने वाले खाने को शुरू करवाया गया है. जबकि अक्षय पात्र फाउंडेशन की ओर से दिए जाने वाला खाना काफी का मूल्य का पड़ता है. ऐसे में जहां देश भर में कोरोना महामारी से लोग परेशान हैं और उन्हें भोजन भी समय पर उपलब्ध नहीं होगा तो हालात बिगड़ जाएंगे.