अजमेर. जिला परिषद एवं पंचायत समिति चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. जिला परिषद में भाजपा फिर से अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. इस बार जिला प्रमुख की सीट सामान्य हैं. अब तक एक दर्जन से ज्यादा दावेदार सामने आ चुके हैं. खास बात यह है कि इस पद के लिए दो पूर्व जिला प्रमुख भी फिर ताल ठोक रहे हैं.
अजमेर जिले में पंचायती राज चुनाव के तहत जिला प्रमुख और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव की घोषणा के साथ ही जिला प्रमुख पद के लिए भी सियासत तेज हो गई है. भाजपा में दावेदारों की तादाद हर रोज बढ़ रही है. जिला प्रमुख पद के अतीत पर गौर करें तो कांग्रेस के हिस्से में यह पद 4 बार आया है. जबकि भाजपा 6 बार इस पर कब्जा जमा चुकी है. विगत जिला परिषद चुनाव में भाजपा का बेहतर प्रदर्शन रहा है. यही वजह है कि भाजपा इस बार भी जिला परिषद में काबिज होने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है.
![Struggle for district head started](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9440117_ajmr.jpg)
यह भी पढ़ें: Special : पटरियों पर गुर्जर आंदोलनकारी...लेकिन बेपटरी हुई इनकी दुनिया
जिले में परिसीमन के बाद पंचायत समिति की संख्या 11 हो गई है. विगत चुनाव में परिसीमन नहीं होने से 9 पंचायत समितियों में भाजपा के प्रधान थे. चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी रणनीति बना ली है. दावेदारों का पैनल तैयार कर प्रदेश भाजपा मुख्यालय भेजा जा चुका है. वहीं प्रत्येक चुनावी क्षेत्र में टिकट पर निर्णय लेने के लिए भाजपा ने गोपनीय सर्वे के लिए समिति बनाई है. भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी मोहित जैन ने दावा किया है कि इस बार भी भाजपा जिला परिषद पर पुनः काबिज होगी.
कई दिग्गज मैदान में
भाजपा सूत्रों की मानें तो अब तक 12 नाम जिला प्रमुख के दावेदारों के रूप में सामने आ चुके हैं. इनके अलावा दो पूर्व जिला प्रमुखों ने भी अपनी दावेदारी ठोकी है. पुखराज पहाड़िया एवं सुशील कंवर पलाड़ा पूर्व में जिला प्रमुख रह चुके हैं. उनके अलावा पूर्व जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा के पति और भाजपा के दिग्गज नेता भंवर सिंह पलाड़ा, उनके पुत्र शिवराज सिंह पलाड़ा, ओमप्रकाश बढ़ाना विकास चौधरी, सुरेश सिंह रावत भी मैदान में हैं. वहीं भाजपा में आगामी दिनों में जिला प्रमुख के दावेदारों की फेहरिस्त और भी बढ़ सकती है. जिला परिषद की 32 सदस्य की सीटों पर दावेदारों की संख्या बढ़ने से टिकट को लेकर जोर आजमाइश तेज हो गई है. भाजपा देहात मीडिया प्रभारी मोहित जैन बताते हैं कि टिकट मांगने का लोकतांत्रिक अधिकार सभी को है. इसके लिए किसी को रोका नहीं जा सकता है.
यह भी पढ़ें: Special: गुलाबी नगरी में इस बार यंगिस्तान की शहरी सरकार, 3 पार्षद महज 21 साल के
भाजपा का देहात में रहा है दबदबा
सन 1959 में अजमेर जिला परिषद में पहले जिला प्रमुख कांग्रेस से वीएन भार्गव निर्वाचित हुए थे, जो 2 अक्टूबर सन 1959 से 8 अगस्त 1976 तक जिला प्रमुख रहे. उसके बाद पांच प्रशासनिक अधिकारियों में जिला प्रमुख का पद संभाला. सन 1982 में हुए चुनाव में कांग्रेस से हनुमान सिंह रावत जिला प्रमुख बने. उसके बाद एक बार फिर प्रशासनिक अधिकारी ने पद संभाला. सन 1988 में कांग्रेस के सत्य किशोर सक्सेना के जिला प्रमुख बनने के बाद लगातार चार प्रशासनिक अधिकारियों ने यह पद संभाला. सन 1995 में पहली बार जिला परिषद में भाजपा का कब्जा हुआ. अजमेर जिला परिषद से पुखराज पहाड़िया भाजपा से जिला प्रमुख बने. पहाड़िया के बाद कांग्रेस ने फिर से जिला परिषद में कब्जा जमा लिया. सन 2000 के चुनाव में रामस्वरूप चौधरी जिला प्रमुख बने. सन 2005 से लेकर अभी तक जिला परिषद में भाजपा का ही कब्जा है. या यूं कहें कि भाजपा का देहात की सियासत में दबदबा है.