अजमेर. शहर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में लॉकडाउन से पहले हर रोज हजारों लोग का आना जाना रहता था. लॉकडाउन के दौरान भी हजारों जायरीन आए हुए थे. शुरुआती दौर में जो जायरीन अपने निजी साधनों से निकल सकते थे को निकल गए और जो रह गए वह अभी तक फंसे हुए हैं.
ऐसे फंसे हुए जायरीन की संख्या 4 हजार करीब है. यहां रहते-रहते जायरीन के पास पैसे खत्म हो गए. वहीं उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि दरगाह के खादिम और दरगाह कमेटी की ओर से उनके भोजन की व्यवस्था की जा रही है. लेकिन इसके अलावा भी इंसान की आवश्यक जरूरते होती है.
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कांग्रेस से पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जायरीन को घर भेजने को लेकर फोन पर बातचीत की है. सिवनी इस मामले में बहुत ही सकारात्मक रूप का अपनाया है. बाहेती ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि 2 दिन के बाद जायरीन अपने घर लौट सकेंगे.
साथ ही बाहेती ने कहा कि रमजान का महीना है सभी जायरीन चाहते हैं कि आगामी आने वाली ईद वह अपने परिवार अपने घर पर मनाए. बाहेती ने सरकार से यह भी मांग की है कि अजमेर में अन्य राज्यों से फंसे हुए विद्यार्थियों को भी भेजने की व्यवस्था की जाए.