अजमेर. दोराई स्थित कृषि मंडी में किसान दूर-दूर से अपनी उपज लेकर बेचने आते हैं. किसान अपनी उपज आढ़तियों को बेचने के लिए भी आते हैं. नियमानुसार किसान मंडी में ही बने किसान प्लेटफार्म पर बैठकर बेच भी सकता है. लेकिन कुछ लोगों की दबंगई के चलते किसानों को रोज समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
जब किसान प्लेटफार्म पर बैठकर उपज बेचता है तो वहां मंडी के कुछ प्रभावशाली लोग दबंगई कर उनके सब्जियों को बिखेर देते हैं. ताकि किसान प्लेटफार्म पर अपनी उपज बेच ना सके. दबंगों का मकसद होता है कि जो भी उपज किसान मंडी लेकर आए वह सिर्फ मंडी में बैठे दलालों के माध्यम से ही बेची जाए.
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केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए कृषि बिल लागू हो चुके हैं. जिसके तहत किसान चाहे तो सीधे ही अपनी उपज को बेच सकता है. जिसके लिए उसे किसी भी मंडी में दलाल से संपर्क करने की कोई आवश्यकता नहीं है. इन कानून के खिलाफ प्रदेश सरकार ने भी तीन बिलों को लागू करवाने का प्रयास किया है, जो राज्यपाल की स्वीकृति के लिए अटके हुए हैं.
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वर्तमान में पूरे भारत में केंद्र सरकार के कृषि कानून ही लागू हैं. जिसके तहत किसानों को सीधे उपज बेचने का अधिकार है, लेकिन अजमेर दौराई स्थित कृषि मंडी में आढ़तियों की ओर से सीधे विरोध नहीं किया जा रहा बल्कि प्रभावशाली लोगों के माध्यम से किसानों को डराने का प्रयास किया जा रहा है.
इसी के संबंध में कुछ किसानों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला कलेक्टर को इस संबंध में शिकायत दी है. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने कृषि मंडी सचिव से इस मामले में फोन पर जानकारी ली. साथ ही कहा कि ऐसे में किसानों को किसी प्रकार से परेशान किया गया तो कार्रवाई की जाएगी.
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किसानों ने बताया कि 1 दिन भी सब्जियां रुक जाती है तो वह जल्दी ही खराब हो जाती हैं. इसलिए किसानों को भी सब्जी बेचने की फिक्र रहती है. जिसके चलते वह जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर वापस मंडी की ओर रवाना हो गए. जिला परिषद के पूर्व सदस्य राजेंद्र रावत ने कहा यदि मामले में प्रशासन की ओर से समाधान नहीं किया जाता है तो फिर आगे आंदोलन किया जाएगा.