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मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए आदत, क्वारेंटाइन से स्वयं और दूसरों को मिलती है सुरक्षा: डॉ. सोनी

अजमेर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन सख्त है. वहीं, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सैंपलिंग पर जोर दिया गया है. डॉ. केके सोनी ने लोगों से अपील की है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को अपनी आदत बना लें.

Rajasthan News,  Corona case is increasing in Ajmer
डॉ. केके सोनी
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Published : Apr 8, 2021, 3:59 PM IST

अजमेर. जिले में गुरुवार को कोरोना के 87 नए मरीज मिले हैं. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जहां प्रशासन सख्त है तो वहीं जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से निपटने के लिए सैंपलिंग बढ़ा दी है.

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए आदत

पढ़ें- कोरोना को लेकर दौसा प्रशासन सख्त, 7 दुकानें सीज, दो दर्जन अधिक का चालान कटा

जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अधिकारी डॉ. केके सोनी ने बताया कि विभाग प्रशासन और पुलिस की मदद से लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल नहीं तोड़ने की आदत बना रहा है. इसके लिए सख्ती भी की जा रही है. प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए 9 इंसीडेंट कमांडर नियुक्त किए गए हैं, जो विभिन्न विभागों के अधिकारी हैं.

इसके अलावा शहरी और ग्रामीण सभी डिस्पेंसरियों में सैंपलिंग बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति डिस्पेंसरी में जाकर अपनी कोरोना जांच करवा सकता है. सोनी ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मरीज को गंभीर नहीं होने की स्थिति में घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. नजदीकी डिस्पेंसरी से मरीज को दवा भिजवाई जा रही है.

पढ़ें- नाइट कर्फ्यू की अवहेलना करने पर जयपुर पुलिस सील कर रही दुकानें

केके सोनी ने कहा कि क्वॉरेंटाइन हुए मरीज अपने आप को कैदी ना समझे. यह उनके और दूसरों के स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है. उन्होंने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए आखिरी हथियार वैक्सीन लगाने का कार्य भी लगातार जारी है. 45 की उम्र तक के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. अजमेर में करीब पौने 3 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. उन्होंने बताया कि घर पर क्वॉरेंटाइन हुए मरीजों की मॉनिटरिंग का जिम्मा पुलिस के बीट कांस्टेबल को दिया गया है. एक घर से यदि 5 सदस्यों से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उस घर को माइक्रो कंट्रोल में जोन बनाया जा रहा है.

अजमेर. जिले में गुरुवार को कोरोना के 87 नए मरीज मिले हैं. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जहां प्रशासन सख्त है तो वहीं जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से निपटने के लिए सैंपलिंग बढ़ा दी है.

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए आदत

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जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अधिकारी डॉ. केके सोनी ने बताया कि विभाग प्रशासन और पुलिस की मदद से लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल नहीं तोड़ने की आदत बना रहा है. इसके लिए सख्ती भी की जा रही है. प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए 9 इंसीडेंट कमांडर नियुक्त किए गए हैं, जो विभिन्न विभागों के अधिकारी हैं.

इसके अलावा शहरी और ग्रामीण सभी डिस्पेंसरियों में सैंपलिंग बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति डिस्पेंसरी में जाकर अपनी कोरोना जांच करवा सकता है. सोनी ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मरीज को गंभीर नहीं होने की स्थिति में घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. नजदीकी डिस्पेंसरी से मरीज को दवा भिजवाई जा रही है.

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केके सोनी ने कहा कि क्वॉरेंटाइन हुए मरीज अपने आप को कैदी ना समझे. यह उनके और दूसरों के स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है. उन्होंने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए आखिरी हथियार वैक्सीन लगाने का कार्य भी लगातार जारी है. 45 की उम्र तक के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. अजमेर में करीब पौने 3 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. उन्होंने बताया कि घर पर क्वॉरेंटाइन हुए मरीजों की मॉनिटरिंग का जिम्मा पुलिस के बीट कांस्टेबल को दिया गया है. एक घर से यदि 5 सदस्यों से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उस घर को माइक्रो कंट्रोल में जोन बनाया जा रहा है.

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