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अजमेर सरस डेयरी के नए संयंत्र का सीएम गहलोत 18 दिसंबर को करेंगे वर्चुअल उद्घाटन

सरस डेयरी के नए संयंत्र का शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्चुअल उद्घाटन करेंगे. अजमेर सरस डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने बताया कि अजमेर सरस डेयरी के 42 दुग्ध उत्पाद अमूल डेयरी के उत्पादों को टक्कर दे रहे हैं.

cm gehlot to inaugurate new plant
अजमेर सरस डेयरी के नए संयंत्र का सीएम गहलोत कल करेंगे वर्चुअल उद्घाटन
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Published : Dec 17, 2020, 9:17 PM IST

अजमेर. सरस डेयरी के नए संयंत्र का शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्चुअल उद्घाटन करेंगे. अजमेर सरस डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने बताया कि अजमेर सरस डेयरी के 42 दुग्ध उत्पाद अमूल डेयरी के उत्पादों को टक्कर दे रहे हैं. चौधरी ने दावा किया है कि अजमेर सरस डेयरी में सफेद मक्खन का उत्पादन उत्तर भारत में सबसे ज्यादा होता है. अजमेर सरस डेयरी के प्रशासनिक भवन के सभागार में प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने बताया कि नए संयंत्र के लिए राजस्थान और भारत सरकार की एनसीडीसी ने 164.23 करोड़ रुपए दिए हैं.

अजमेर सरस डेयरी के नए संयंत्र का सीएम गहलोत कल करेंगे वर्चुअल उद्घाटन

इसमें 39.48 का अनुदान मिला है. एनसीडीसी ने कुल 203.71 करोड़ रुपए दिए हैं, जबकि डेयरी की दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने 109.40 करोड़ रुपए दिए हैं. चौधरी ने बताया कि यह अपने आप में राजस्थान में पहला उदाहरण है, जब किसी संस्था ने संयंत्र के लिए 109.40 करोड़ रुपए का सहयोग किया है. चौधरी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 2 रुपए प्रति किलो मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना को फिर से शुरू किया है. वहीं पशुओं के लिए सभी पंचायतों में डिस्पेंसरी खोली है. चौधरी ने बताया कि नए संयंत्र की प्रतिदिन दुग्ध की क्षमता 8 लाख लीटर है. साथ ही 30 मैट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का पाउडर प्लांट राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से टर्नकी आधार पर निर्मित किया गया है.

चौधरी ने बताया कि अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. राजस्थान सहकारी अधिनियम 1965 के अंतर्गत वर्ष 1972 में पंजीकृत भोकर अजमेर जिले में दुग्ध संकलन प्रसकरण एवं विपणन का कार्य आरंभ किया था. आरंभिक अवस्था में 25000 लीटर प्रतिदिन क्षमता के दुग्ध संयंत्र को विभिन्न चरणों में उत्तरोत्तर विस्तारित करते हुए वर्तमान में अजमेर डेयरी दुग्ध संघ में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का प्लांट कार्यरत है. उन्होंने बताया कि जिले में कुल 1099 गांव में से दुग्ध संघ की ओर से 866 गांव से 727 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां पंजीकृत है.

यह भी पढ़ें- गहलोत सरकार का बड़ा फैसला...पायलट, ओम माथुर सहित 150 लोगों की VIP सुरक्षा में नहीं होगी कटौती

भौगोलिक दृष्टि से अजमेर जिला दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राज्य में दूसरे स्थान पर आता है. चौधरी ने बताया कि संकलित दुग्ध प्रसकरण की सीमित क्षमता के मद्देनजर दुग्ध संकलन को सीमित मात्रा में ही संकलन किया गया. दुग्ध संकलन की उत्तरोत्तर वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए एक नया संयंत्र 8 से 10 लाख लीटर क्षमता प्रतिदिन एवं 30 मेट्रिक टन दूध पाउडर उत्पादन के लिए संयंत्र की आवश्यकता महसूस की गई है. इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए प्रयास किए गए और आज अजमेर सरस डेयरी को नया अत्याधुनिक संयंत्र मिल गया है. इससे जिले के पशुपालकों को लाभ मिलेगा वही डेयरी भी पशुपालकों से पहले से ज्यादा क्षमता से दूध खरीद पाएगी.

अजमेर. सरस डेयरी के नए संयंत्र का शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्चुअल उद्घाटन करेंगे. अजमेर सरस डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने बताया कि अजमेर सरस डेयरी के 42 दुग्ध उत्पाद अमूल डेयरी के उत्पादों को टक्कर दे रहे हैं. चौधरी ने दावा किया है कि अजमेर सरस डेयरी में सफेद मक्खन का उत्पादन उत्तर भारत में सबसे ज्यादा होता है. अजमेर सरस डेयरी के प्रशासनिक भवन के सभागार में प्रेस वार्ता में जानकारी देते हुए अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने बताया कि नए संयंत्र के लिए राजस्थान और भारत सरकार की एनसीडीसी ने 164.23 करोड़ रुपए दिए हैं.

अजमेर सरस डेयरी के नए संयंत्र का सीएम गहलोत कल करेंगे वर्चुअल उद्घाटन

इसमें 39.48 का अनुदान मिला है. एनसीडीसी ने कुल 203.71 करोड़ रुपए दिए हैं, जबकि डेयरी की दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने 109.40 करोड़ रुपए दिए हैं. चौधरी ने बताया कि यह अपने आप में राजस्थान में पहला उदाहरण है, जब किसी संस्था ने संयंत्र के लिए 109.40 करोड़ रुपए का सहयोग किया है. चौधरी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 2 रुपए प्रति किलो मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना को फिर से शुरू किया है. वहीं पशुओं के लिए सभी पंचायतों में डिस्पेंसरी खोली है. चौधरी ने बताया कि नए संयंत्र की प्रतिदिन दुग्ध की क्षमता 8 लाख लीटर है. साथ ही 30 मैट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता का पाउडर प्लांट राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से टर्नकी आधार पर निर्मित किया गया है.

चौधरी ने बताया कि अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. राजस्थान सहकारी अधिनियम 1965 के अंतर्गत वर्ष 1972 में पंजीकृत भोकर अजमेर जिले में दुग्ध संकलन प्रसकरण एवं विपणन का कार्य आरंभ किया था. आरंभिक अवस्था में 25000 लीटर प्रतिदिन क्षमता के दुग्ध संयंत्र को विभिन्न चरणों में उत्तरोत्तर विस्तारित करते हुए वर्तमान में अजमेर डेयरी दुग्ध संघ में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का प्लांट कार्यरत है. उन्होंने बताया कि जिले में कुल 1099 गांव में से दुग्ध संघ की ओर से 866 गांव से 727 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां पंजीकृत है.

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भौगोलिक दृष्टि से अजमेर जिला दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में राज्य में दूसरे स्थान पर आता है. चौधरी ने बताया कि संकलित दुग्ध प्रसकरण की सीमित क्षमता के मद्देनजर दुग्ध संकलन को सीमित मात्रा में ही संकलन किया गया. दुग्ध संकलन की उत्तरोत्तर वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए एक नया संयंत्र 8 से 10 लाख लीटर क्षमता प्रतिदिन एवं 30 मेट्रिक टन दूध पाउडर उत्पादन के लिए संयंत्र की आवश्यकता महसूस की गई है. इस आवश्यकता की पूर्ति के लिए प्रयास किए गए और आज अजमेर सरस डेयरी को नया अत्याधुनिक संयंत्र मिल गया है. इससे जिले के पशुपालकों को लाभ मिलेगा वही डेयरी भी पशुपालकों से पहले से ज्यादा क्षमता से दूध खरीद पाएगी.

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