अजमेर. खस्ता कचौरी के तीखे और चटपटे स्वाद के साथ चुनावी चटकारे में ब्यावर के मतदाताओं ने अपनी परेशानियां ईटीवी भारत पर जाहिर की. जिसमें सामने आया वो लोगों की सबसे बड़ी और पुरानी मांग ब्यावर को जिला बनाने की है. तमाम साधन और उपक्रम होने के बाद ब्यावर को जिले का दर्जा नहीं मिल रहा. जिससे ब्यावर का उतना विकास नहीं हो पा रहा है. जितनी ब्यावर में विकास की उम्मीद लोगों ने लगा रखी है.
नेताओं से भी जनता की नाराजगी है. नाराजगी की वजह लोग बताते हैं कि चुनाव के बाद नेता उनके बीच नहीं आते. स्थानीय समस्याओं के लिए नेताओं को खोजना पड़ता है. सांसदीय क्षेत्र को लेकर भी ब्यावर के लोग दुविधा में रहते है. दरअसल, ब्यावर अजमेर जिले का हिस्सा है. लेकिन, सांसदीय क्षेत्र राजसमन्द में पड़ता है. यानी सांसद से काम पड़े तो राजसमंद जाओ और स्थानीय प्रशासन की अनसुनी पर अजमेर जाओ.
वहीं ब्यावर में स्थानीय मुद्दे काफी है. मगर लोगों ने सिर्फ एक मुद्दा ही पकड़ रखा है कि ब्यावर को जिला बनाया जाए ताकि उनकी समस्या का स्थायी समाधान हो सकें. ब्यावर का विकास के लिए वित्तीय स्वीकृति अन्य जिलों की तरह मिल सके.