अजमेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से संत सूफी हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें सालाना उर्स के मौके पर दरगाह पर चादर पेश की गई. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष कानू खान जयपुर से मुख्यमंत्री की ओर से भेजी गई चादर को लेकर अजमेर ख्वाजा साहब के दर पर पहुंचे और चादर पेश की.
इस दौरान कानू खान ने मुख्यमंत्री की तरफ से जारी किए गए पैगाम को भी पढ़कर सुनाया. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लिखा कि "मुझे यह जानकर खुशी है कि सूफी संत हजरत ख्वाजा नईमुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें सालाना उर्स का आगाज चांद दिखने के साथ हो गया. राजस्थान की सरजमी सूफी संतों और औलियाओं से हमेशा फैजयाब रही है. हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अल खलीफा सानी सूफीवाद के बड़े वली है.
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आपकी सारी जिंदगी खिदमते - कलक में गुजरी. सभी मजहबों के लोग अपनी मुरादें लेकर गरीब नवाज के आस्ताने पर हाजिर होते हैं. मुझे उम्मीद है कि उर्स के मुबारक मौके पर तशरीफ लाने वाले तमाम जायरीन ख्वाजा साहब के आस्ताने से उनकी तालीमात के साथ ही अमन चैन खुशहाली भाईचारे का पैगाम लेकर जाएंगे. मैं उर्स की मुबारकबाद के साथ हजरत के आस्ताना - ए - औलिया पर खिराजे अकीदत पेश करते हुए मुल्क और सूबे में अमन चैन खुशहाली के लिए दुआ करता हूं."
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मुख्यमंत्री के संदेश के साथ ख्वाजा के दर पर चादर पेश करने के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन कानू खान ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमेशा से ही गांधीवादी विचार कर रहे हैं. उन्होंने देश और राज्य में अमन भाईचारा और शांति की कामना की है. जिस तरह से चंद लोग राजनीतिक स्वार्थ के चलते देश में भाईचारे का माहौल बिगाड़ रहे उसको लेकर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जाहिर की और ख्वाजा साहब से गुजारिश की है कि देश में और सूबे में अमन चैन खुशहाली का माहौल बनाये. लोगों में आपसी भाईचारा बना कर रहे. कानू खान ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस पैगाम के साथ ख्वाजा साहब की दरगाह पर चादर पेश की गई.