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अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने प्राइवेट स्कूलों पर लगाये सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दरकिनार करने के आरोप, कलेक्टर से कार्रवाई की मांग

अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने कलेक्टर से शिक्षण संस्थानों की ओर से अभिभावकों को फीस के लिए प्रताड़ित और परेशान किए जाने की शिकायत की है. निवर्तमान शहर अध्यक्ष विजय जैन का आरोप है कि शिक्षण संस्थानों ने विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम फीस नहीं देने पर रोक दिए हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना भी शिक्षण संस्थान कर रहे हैं.

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अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने प्राइवेट स्कूलों पर लगाये सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दरकिनार करने के आरोप, कलेक्टर से कार्रवाई की मांग
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Published : Apr 9, 2021, 7:53 PM IST

अजमेर. अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने कलेक्टर से शिक्षण संस्थानों की ओर से अभिभावकों को फीस के लिए प्रताड़ित और परेशान किए जाने की शिकायत की है. निवर्तमान शहर अध्यक्ष विजय जैन का आरोप है कि शिक्षण संस्थानों ने विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम फीस नहीं देने पर रोक दिए हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना भी शिक्षण संस्थान कर रहे हैं. अभिभावकों पर एक साथ पूरी फीस जमा करवाने का दबाव बनाया जा रहा है.

पढे़ं: स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच समन्वय बैठाने का निर्णय ले राज्य सरकार: अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी

विजय जैन के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात की. जैन ने अभिभावकों पर पूरी फीस एक साथ जमा करवाने का दबाव बना रहे शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है. जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संपूर्ण फीस 6 किश्तों में लेने के लिए शिक्षण संस्थानों को आदेश दिए थे. इसकी मियाद अगस्त 2021 तक है. इस संदर्भ में किसी भी तरह से शिक्षण संस्थानों की ओर से अभिभावकों को स्कूल फीस जमा कराए जाने को लेकर प्रताड़ित एवं परेशान नहीं किया जा सकता है.

स्कूल फीस विवाद

वहीं विद्यार्थी को फीस जमा नहीं करवाने पर स्कूल से भी नहीं निकाला जा सकता है और ना ही ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लासों को बाधित किया जा सकता है. इतना ही नहीं परीक्षा में बैठने से भी विद्यार्थी को वंचित नहीं किया जा सकता. बावजूद इसके सैंट एंसेल्म स्कूल, आल सेंट स्कूल, सोफिया स्कूल सहित कई बड़े शिक्षण संस्थानों की ओर से विद्यार्थियों का रिजल्ट रोक कर अभिभावकों पर जबरन संपूर्ण फीस तुरंत जमा कराए जाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है.

जैन ने कहा कि अभिभावको की ओर से प्रिंसिपल से मिलकर अपनी बात रखने के लिए समय चाहने पर भी उन्हें स्कूल परिसर में घुसने नहीं दिया जाता. कोरोना काल में कई अभिभावकों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है. वह एक साथ पूरी फीस जमा करवा पाने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में अभिभावक किश्तों में फीस जमा कराने के लिए राजी हैं. बावजूद उन्हें स्कूल संचालकों की ओर से परेशान किया जा रहा है.

अजमेर. अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने कलेक्टर से शिक्षण संस्थानों की ओर से अभिभावकों को फीस के लिए प्रताड़ित और परेशान किए जाने की शिकायत की है. निवर्तमान शहर अध्यक्ष विजय जैन का आरोप है कि शिक्षण संस्थानों ने विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम फीस नहीं देने पर रोक दिए हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना भी शिक्षण संस्थान कर रहे हैं. अभिभावकों पर एक साथ पूरी फीस जमा करवाने का दबाव बनाया जा रहा है.

पढे़ं: स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच समन्वय बैठाने का निर्णय ले राज्य सरकार: अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी

विजय जैन के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात की. जैन ने अभिभावकों पर पूरी फीस एक साथ जमा करवाने का दबाव बना रहे शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है. जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संपूर्ण फीस 6 किश्तों में लेने के लिए शिक्षण संस्थानों को आदेश दिए थे. इसकी मियाद अगस्त 2021 तक है. इस संदर्भ में किसी भी तरह से शिक्षण संस्थानों की ओर से अभिभावकों को स्कूल फीस जमा कराए जाने को लेकर प्रताड़ित एवं परेशान नहीं किया जा सकता है.

स्कूल फीस विवाद

वहीं विद्यार्थी को फीस जमा नहीं करवाने पर स्कूल से भी नहीं निकाला जा सकता है और ना ही ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लासों को बाधित किया जा सकता है. इतना ही नहीं परीक्षा में बैठने से भी विद्यार्थी को वंचित नहीं किया जा सकता. बावजूद इसके सैंट एंसेल्म स्कूल, आल सेंट स्कूल, सोफिया स्कूल सहित कई बड़े शिक्षण संस्थानों की ओर से विद्यार्थियों का रिजल्ट रोक कर अभिभावकों पर जबरन संपूर्ण फीस तुरंत जमा कराए जाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है.

जैन ने कहा कि अभिभावको की ओर से प्रिंसिपल से मिलकर अपनी बात रखने के लिए समय चाहने पर भी उन्हें स्कूल परिसर में घुसने नहीं दिया जाता. कोरोना काल में कई अभिभावकों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है. वह एक साथ पूरी फीस जमा करवा पाने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में अभिभावक किश्तों में फीस जमा कराने के लिए राजी हैं. बावजूद उन्हें स्कूल संचालकों की ओर से परेशान किया जा रहा है.

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