अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह से सोमवार को शानो-शौकत के साथ सरवाड़ के लिए चादर रवाना की (Chadar leaves for Sarwad from Khwaja Garib Nawaz dargah) गई. दरगाह के खादिम, आम जायरीन के साथ मलंग चादर के साथ जुलूस के रूप में पैदल रवाना हुए. बता दें कि सरवाड़ में ख्वाजा गरीब नवाज के बेटे सैयद फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह है. जहां उनका सालाना उर्स मनाया जा रहा है.
सरवाड़ में उर्स के मौके पर अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से चादर ले जाने का सिलसिला एक सदी से भी अधिक समय से चला आ रहा है. सोमवार को ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से शानो-शौकत के साथ चादर का जुलूस रवाना हुआ. दरगाह के खादिम और आम जायरीन के साथ मलंग भी चादर के जुलूस में शामिल हुए. इस दौरान शाही कव्वालों ने कव्वालियां पेश कीं. वहीं मलंगों ने हैरतअंगेज कारनामे दिखाकर अपनी अकीदत पेश की.
चादर के जुलूस की शुरुआत से ही चादर को छूने और चूमने की होड़ मची रही. दरगाह के निजाम गेट पर जायरीन का हुजूम लग गया. हजारों लोग सरवाड़ दरगाह के लिए रावना हुई चादर को देखने के लिए उमड़ पड़े. यहां से चादर का जुलूस नला बाजार होते हुए मदार गेट पहुंचा. मार्ग में कई जगह पर चादर के जुलूस पर फूलों की वर्षा की गई. यहां से चादर के साथ सैकड़ों लोग पैदल ही सरवाड़ के लिए रवाना हो गए.
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दरगाह के खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि सरवाड़ में ख्वाजा गरीब नवाज के साहबजादे सैयद फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह में सालाना उर्स मनाया जा रहा है. सोमवार को गरीब नवाज की दरगाह से चादर रवाना की गई. यह चादर बुधवार को सरवाड़ दरगाह में पेश की जाएगी. इसके बाद जायरीन के लिए दुआ की जाएगी. वही मुल्क में अमन चैन, भाईचारा और खुशहाली के लिए भी खुद्दामें ख्वाजा दुआ करेंगे.