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अजमेर : BMS ने श्रम कानून में संशोधन और निजीकरण का जताया विरोध

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Published : Oct 28, 2020, 5:29 PM IST

अजमेर में बुधवार को विभिन्न सरकारी महकमों के कर्मचारी और श्रमिकों ने श्रम संहिता में श्रमिक विरोधी प्रावधानों को हटाने की मांग की. इसके साथ ही कर्मचारियों ने श्रम कानून में संशोधन और निजीकरण का विरोध जताया.

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BMS ने जताया श्रम कानून में संशोधन का विरोध

अजमेर. भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले विभिन्न सरकारी महकमों के कर्मचारी और श्रमिकों ने श्रम कानून में संशोधन और निजीकरण का विरोध जताया है. जिला मुख्यालय के बाहर बीएमएस के बैनर तले कर्मचारियों और श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया. भारतीय मजदूर संघ जिला अजमेर शाखा के बैनर तले कर्मचारियों ने हाल ही में पारित श्रम संहिता में श्रमिक विरोधी प्रावधानों को हटाने की मांग की.

BMS ने जताया श्रम कानून में संशोधन का विरोध

बीएमएस प्रदेश उपाध्यक्ष भोलानाथ आचार्य ने बताया कि केंद्र सरकार ने तीन श्रम सही टाइम पारित की है. इन संस्थाओं में बहुत से प्रावधान ऐसे हैं जो श्रमिक विरोधी हैं इनके कारण श्रमिकों के अधिकारों में बहुत कमी आएगी और उनका जीवन निर्वाह करना भी मुश्किल हो जाएगा.

पढ़ें- कर विभाग की वेबसाइट हैक कर सरकार को लगाया करोड़ों रुपये का चूना...ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे

आचार्य ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले 20 सूत्रीय मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से की गई है. उसके अलावा निजीकरण का भी भारतीय मजदूर संघ ने विरोध जताया है. विरोध प्रदर्शन में अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ, राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन, भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ सहित कई कर्मचारी और श्रमिक संगठन से जुड़े पदाधिकारी मौजूद रहे. इन सभी संगठनों ने भी अपने विभाग से संबंधित समस्याओं को लेकर भी मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे.

अजमेर. भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले विभिन्न सरकारी महकमों के कर्मचारी और श्रमिकों ने श्रम कानून में संशोधन और निजीकरण का विरोध जताया है. जिला मुख्यालय के बाहर बीएमएस के बैनर तले कर्मचारियों और श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया. भारतीय मजदूर संघ जिला अजमेर शाखा के बैनर तले कर्मचारियों ने हाल ही में पारित श्रम संहिता में श्रमिक विरोधी प्रावधानों को हटाने की मांग की.

BMS ने जताया श्रम कानून में संशोधन का विरोध

बीएमएस प्रदेश उपाध्यक्ष भोलानाथ आचार्य ने बताया कि केंद्र सरकार ने तीन श्रम सही टाइम पारित की है. इन संस्थाओं में बहुत से प्रावधान ऐसे हैं जो श्रमिक विरोधी हैं इनके कारण श्रमिकों के अधिकारों में बहुत कमी आएगी और उनका जीवन निर्वाह करना भी मुश्किल हो जाएगा.

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आचार्य ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले 20 सूत्रीय मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से की गई है. उसके अलावा निजीकरण का भी भारतीय मजदूर संघ ने विरोध जताया है. विरोध प्रदर्शन में अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ, राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन, भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ सहित कई कर्मचारी और श्रमिक संगठन से जुड़े पदाधिकारी मौजूद रहे. इन सभी संगठनों ने भी अपने विभाग से संबंधित समस्याओं को लेकर भी मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे.

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