अजमेर. देशभर में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है. राजस्थान के अजमेर में भी स्थिति बिगड़ती ही जा रही है. जहां कोरोना संक्रमित मामलों की संख्या 106 तक पहुंच चुकी है. वहीं कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में खाद्य सामग्री पूर्ण रूप से नहीं पहुंच पा रही है, जिसको लेकर भाजपा विधायक अनिता भदेल, पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा से मुलाकात की. विधायक अनिता भदेल और वासुदेव देवनानी जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा के पास पहुंचे, जहां उन्होंने प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा से बातचीत की.
बैठक के दौरान जिला पुलिस कप्तान कुंवर राष्ट्रदीप और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे. वहीं बैठक में दोनों ही विधायकों ने अपने क्षेत्र में होने वाली परेशानियों से उन्हें अवगत करवाया और जल्द से जल्द उसका निस्तारण करने के लिए भी कहा गया है. जिसके बाद प्रभारी सचिव ने दोनों ही विधायकों को संतुष्ट कर जल्दी व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए आश्वस्त किया है.
कर्फ्यू ग्रस्त इलकों में खाद्य आपूर्ति बेहतर हो
वहीं देवनानी ने जानकारी देते हुए बताया कि कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में खाद्य सामग्री पूर्ण रूप से नहीं पहुंच पा रही है. अब प्रशासन द्वारा कर्फ्यू क्षेत्र का दायरा भी बढ़ा दिया गया है. जिसके चलते रामनगर हाथीखेड़ा गांव तक कर्फ्यू क्षेत्र को घोषित किया गया है. जहां लोगों को समय पर राशन सामग्री नहीं मिल पा रही है. इसलिए देवनानी ने कहा कि कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में डोर टू डोर खाद्य सामग्री के वितरण की व्यवस्था की जाए, जिससे लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े.
शहर से दूर किया जाए शेल्टर होम
वहीं अनिता भदेल ने भी जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह से प्रशासन द्वारा शहर के बीचोबीच स्कूलों में शेल्टर होम और क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं, जिसका लगातार लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है, जिसमें रहने वाले खानाबदोश या संक्रमित व्यक्ति आसपास रहने वाले लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके चलते उन्होंने आग्रह किया कि शहर से दूर उन्हें रखा जाए, जैसे कायड़ विश्राम स्थली, संस्कृति स्कूल, प्रसिडेंसी स्कूल, डीपीएस स्कूल, यह सभी जगह शहर से बाहर है जिन्हें आसानी से रखा जा सकता है. अगर उसके बाद जगह कम रहती है, तो हम शहर में उन्हें रख सकते हैं, लेकिन पहले ही शहर के बीचों बीच उन्हें रखना लोगों के लिए खतरा बनता जा रहा है.
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वहीं अनिता भदेल ने कहा जिला कलेक्टर की कार्यशैली के चलते ही अजमेर रेड जोन में आ चुका है. उनके सवाल उठाने के बाद ही प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया है, जो भी कमियां इस महामारी के बीच जिला कलेक्टर द्वारा रखी जा रही है. उन कमियों को पूरा करने का उनसे आग्रह किया है.