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EXCLUSIVE : कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखकर किया जाएगा क्रिसमस सेलिब्रेट: बिशप दरबारा सिंह

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Published : Dec 18, 2020, 5:27 AM IST

डायसिस ऑफ राजस्थान सीएनएन के बिशप दरबारा सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा है कि कोरोना को देखते हुए क्रिसमस सेलिब्रेशन सरकार की गाइडलाइन के अनुसार किया जाएगा और सभी चर्चों को गाइडलाइन की पालना के लिए निर्देश भी दिए गए हैं. बिशप ने कोरोना के मद्देनजर क्रिसमस पर चर्चों की तैयारियों को लेकर क्या कहा पढ़े पूरी रिपोर्ट...

bishop darbara singh,  Christmas day
बिशप दरबारा सिंह

अजमेर. देश और दुनिया में क्रिसमस डे को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. ईसा मसीह के जन्म की खुशी में क्रिसमस दुनिया भर में मनाया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना के चलते धार्मिक त्योहारों और पर्वों का सेलिब्रेशन प्रभावित हुआ है. ऐसे में क्रिसमस कैसे मनाया जाएगा इसको लेकर ईटीवी भारत ने डायसिस ऑफ राजस्थान सीएनएन के बिशप दरबारा सिंह से खास बातचीत की.

बिशप दरबारा सिंह EXCLUSIVE INTERVIEW

अजमेर में मौजूद डायसिस ऑफ राजस्थान सीएनएन प्रदेश के 66 चर्चों की एक महत्वपूर्ण संस्था है. इन समस्त चर्चों का संचालन, प्रबंधन और धार्मिक कार्य डायसिस ऑफ राजस्थान सीएनएन के बिशप दरबारा सिंह के नेतृत्व में किए जाता हैं. बिशप दरबारा सिंह ने बताया कि कोरोना में हर धर्म के त्योहार प्रभावित हुए हैं. कोरोना से पूरी दुनिया परेशान है. दिसंबर साल का आखिरी महीना है. इस अंतिम महीने की 1 तारीख से ही पूरी दुनिया में मसीही समाज में उत्साह का माहौल रहता है और क्रिसमस का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

क्रिसमस पर नहीं होंगे बड़े आयोजन

कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने बड़े कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा रखी है. ऐसे में कोरोना गाइडलाइन के चलते क्रिसमस पर बड़े आयोजन नहीं हो पाएंगे. इस बार गली-मोहल्लों में कैरोल सिंगिंग की आवाजें भी सुनाई नहीं दे रही हैं. कैरोल सिंगिंग पर पाबंदी है. बिशप दरबरा सिंह ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के साथ सभी चर्च खड़े हुए हैं. संस्था की ओर से लोगों को यह सुझाव भी दिया जा रहा है कि क्रिसमस के जश्न के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें. स्वयं की सुरक्षा के साथ दूसरे की जान को भी बचाना है.

पढ़ें: दो साल तक विवादों में ही उलझी रही सरकार, कभी कुर्सी बचाने में तो कभी विपक्ष से जूझते दिखे गहलोत

छोटी प्रार्थना सभाएं आयोजित होंगी

बिशप दरबरा सिंह ने कहा कि क्रिसमस पर खुशियां मनाई जाएंगी लेकिन वो हर्षोल्लास नहीं होगा जो पहले हुआ करता था. लोग पहले पूरी-पूरी रात जश्न मनाते थे. दिसंबर का महीना शुरू होने के साथ ही कैरोल सिंगिंग भी शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. पहले की तरह बड़ी-बड़ी सभाएं नहीं हो रही हैं. इस बार क्रिसमस के पर्व पर चर्चों में छोटी प्रार्थना सभाएं आयोजित होंगी.

कोरोना गाइडलाइन की पालना की जाएगी सुनिश्चित

बिशन ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार और एडीएम से स्वीकृति से सारे काम हो रहे हैं. प्रशासन और पुलिस के साथ पूरी तरह सहयोग किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 21 दिसंबर को समस्त चर्चों के पादरियों को बैठक के लिए अजमेर बुलाया गया है. बैठक में कोरोना गाइडलाइन की पालना को लेकर चर्चा की जाएगी. साथ ही सभी पादरी और एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्यों को बताया जाएगा कि कोविड-19 के नियमों की पालना करने में सरकार का सहयोग करें.

वर्चुअली आयोजित की जा रही हैं प्रार्थना सभाएं

दरबरा सिंह ने कहा कि क्रिसमस पर्व को लेकर लोग अंदर की खुशी को कम ना होने दें. भले ही खुशी को बाहर प्रदर्शित ना कर सकें. प्रार्थना सभाओं में भीड़ ना जुटे इसके लिए चर्च में ऑनलाइन प्रार्थना सभा पहले से की जा रही हैं. वही वर्चुअल इबादत भी की जा रही है. प्रार्थना सभाओं में कम ही लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जा रही है. चर्चों में 100 लोगों से ज्यादा को अनुमति नहीं दी जाएगी, वहीं उनके बैठने की व्यवस्था भी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही की जाएगी.

अजमेर. देश और दुनिया में क्रिसमस डे को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. ईसा मसीह के जन्म की खुशी में क्रिसमस दुनिया भर में मनाया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना के चलते धार्मिक त्योहारों और पर्वों का सेलिब्रेशन प्रभावित हुआ है. ऐसे में क्रिसमस कैसे मनाया जाएगा इसको लेकर ईटीवी भारत ने डायसिस ऑफ राजस्थान सीएनएन के बिशप दरबारा सिंह से खास बातचीत की.

बिशप दरबारा सिंह EXCLUSIVE INTERVIEW

अजमेर में मौजूद डायसिस ऑफ राजस्थान सीएनएन प्रदेश के 66 चर्चों की एक महत्वपूर्ण संस्था है. इन समस्त चर्चों का संचालन, प्रबंधन और धार्मिक कार्य डायसिस ऑफ राजस्थान सीएनएन के बिशप दरबारा सिंह के नेतृत्व में किए जाता हैं. बिशप दरबारा सिंह ने बताया कि कोरोना में हर धर्म के त्योहार प्रभावित हुए हैं. कोरोना से पूरी दुनिया परेशान है. दिसंबर साल का आखिरी महीना है. इस अंतिम महीने की 1 तारीख से ही पूरी दुनिया में मसीही समाज में उत्साह का माहौल रहता है और क्रिसमस का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

क्रिसमस पर नहीं होंगे बड़े आयोजन

कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने बड़े कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा रखी है. ऐसे में कोरोना गाइडलाइन के चलते क्रिसमस पर बड़े आयोजन नहीं हो पाएंगे. इस बार गली-मोहल्लों में कैरोल सिंगिंग की आवाजें भी सुनाई नहीं दे रही हैं. कैरोल सिंगिंग पर पाबंदी है. बिशप दरबरा सिंह ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के साथ सभी चर्च खड़े हुए हैं. संस्था की ओर से लोगों को यह सुझाव भी दिया जा रहा है कि क्रिसमस के जश्न के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखें. स्वयं की सुरक्षा के साथ दूसरे की जान को भी बचाना है.

पढ़ें: दो साल तक विवादों में ही उलझी रही सरकार, कभी कुर्सी बचाने में तो कभी विपक्ष से जूझते दिखे गहलोत

छोटी प्रार्थना सभाएं आयोजित होंगी

बिशप दरबरा सिंह ने कहा कि क्रिसमस पर खुशियां मनाई जाएंगी लेकिन वो हर्षोल्लास नहीं होगा जो पहले हुआ करता था. लोग पहले पूरी-पूरी रात जश्न मनाते थे. दिसंबर का महीना शुरू होने के साथ ही कैरोल सिंगिंग भी शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. पहले की तरह बड़ी-बड़ी सभाएं नहीं हो रही हैं. इस बार क्रिसमस के पर्व पर चर्चों में छोटी प्रार्थना सभाएं आयोजित होंगी.

कोरोना गाइडलाइन की पालना की जाएगी सुनिश्चित

बिशन ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार और एडीएम से स्वीकृति से सारे काम हो रहे हैं. प्रशासन और पुलिस के साथ पूरी तरह सहयोग किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 21 दिसंबर को समस्त चर्चों के पादरियों को बैठक के लिए अजमेर बुलाया गया है. बैठक में कोरोना गाइडलाइन की पालना को लेकर चर्चा की जाएगी. साथ ही सभी पादरी और एग्जीक्यूटिव कमेटी के सदस्यों को बताया जाएगा कि कोविड-19 के नियमों की पालना करने में सरकार का सहयोग करें.

वर्चुअली आयोजित की जा रही हैं प्रार्थना सभाएं

दरबरा सिंह ने कहा कि क्रिसमस पर्व को लेकर लोग अंदर की खुशी को कम ना होने दें. भले ही खुशी को बाहर प्रदर्शित ना कर सकें. प्रार्थना सभाओं में भीड़ ना जुटे इसके लिए चर्च में ऑनलाइन प्रार्थना सभा पहले से की जा रही हैं. वही वर्चुअल इबादत भी की जा रही है. प्रार्थना सभाओं में कम ही लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जा रही है. चर्चों में 100 लोगों से ज्यादा को अनुमति नहीं दी जाएगी, वहीं उनके बैठने की व्यवस्था भी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही की जाएगी.

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