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कोरोना से बचाव और वैक्सीनेशन को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ी है: जिला कलेक्टर - Ajmer News

अजमेर के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए चल रहे कार्यों को लेकर ईटीवी भारत ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोर कमेटी के साथ ग्रामीण जनप्रतिनिधि भी मोर्चा संभाल रहे हैं.

Ajmer District Collector,  Corona awareness
अजमेर जिला कलेक्टर
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Published : May 14, 2021, 7:58 PM IST

अजमेर. कोरोना की दूसरी लहर इस बार ग्रामीण क्षेत्रों पर भारी पड़ रही है. अजमेर जिले के शहरी ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य हो रहे हैं. ईटीवी भारत ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए चल रहे कार्यों को लेकर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से विशेष बातचीत की.

अजमेर जिला कलेक्टर से खास बातचीत

अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन की पालना करवाने के साथ डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है. कोरोना के सर्वे में प्रारंभिक लक्षण वाले मरीजों को सर्वे टीम मेडिकल किट भी दे रहे हैं. ग्रामीण स्तर पर कोर कमेटी बनाकर कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं, जिनकी लगातार मॉनिटरिंग विकास अधिकारी, तहसीलदार और एसडीएम स्तर पर हो रही है.

पढ़ें- कोरोना को हल्के में न लें...गर्भवती डॉक्टर के सांस थमने से पहले दिए संदेश को CM गहलोत ने किया शेयर

उन्होंने बताया कि डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान मिलने वाले कोरोना मरीजों को समय पर इलाज मिल रहा है. उन्हें घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है ताकि वो जल्दी ठीक हो सके. ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई है. ग्रामीण जन अनुशासन का पालन कर रहे हैं. कई जगहों पर गांव में लोगों ने संक्रमण को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगा दी है ताकि बाहर का कोई व्यक्ति गांव में ना आ सके. कई ग्रामीणों ने शादियां स्थगित कर दी. ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ी है और वे कोविड प्रोटोकॉल का अनुसरण कर रहे हैं. इससे निश्चित रूप से कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में मदद मिलेगी.

ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन के सवाल पर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि वैक्सीनेशन को लेकर सभी ग्रामीण जनप्रतिनिधियों का पूर्ण सहयोग मिल रहा है. ग्रामीण जनप्रनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में ग्रामीणों से समझाइश कर उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित कर रहे हैं. यही वजह है कि अजमेर के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक 4 लाख से ज्यादा लोगों के वैक्सीन लग चुकी है. कर्मचारी और जनप्रतिनिधि डोर-टू-डोर जाकर ग्रामीणों को प्रेरित कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले 1 महीने से कोरोना संक्रमण में वृद्धि हो रही है, इसलिए ग्रामीणों में भी इस बात का संदेश पहुंच गया है कि कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन कारगर है. यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां भी वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं वहां जल्द ही वैक्सीन खत्म हो रही है. वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ी है.

ग्रामीण क्षेत्रों में आइसोलेशन सेंटर नहीं होने के सवाल पर कलेक्टर पुरोहित ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोर कमेटियां है. वैसे ग्रामीण होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे हैं, वहां परिजन उनकी अच्छे से देखभाल कर सकते हैं. इसके साथ ही ब्लॉक स्तर पर आइसोलेशन सेंटर की सुविधा है. कोरोना के कम लक्षण वाले लोगों को घर पर आइसोलेट किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पंच, सरपंच और पंचायती राज से जुड़े कर्मचारी सभी पूर्ण सहयोग दे रहे हैं.

पढ़ें- खबर का असर: मंत्री के निर्देश पर सहकारी कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वॉरियर्स घोषित करवाने के लिए प्रक्रिया शुरू

कंसल्टेशन कोविड केयर सेंटर के बारे में कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि जिले में 45 सेंटर हैं, जहां ओपीडी और आईपीडी दोनों की सुविधा है. सेंटर पर मरीजों को भर्ती करना है, उन्हें दवाई लेनी है या घर पर ही होम क्वॉरेंटाइन पर रखना है यह देखा जाता है. दूसरे सेंटर पर ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा भी रखी गई है.

जिले में कई जगह समाजसेवी संस्थाओं की ओर से आइसोलेशन सेंटर खोले गए हैं, जहां आवास, भोजन और इलाज की सुविधा के साथ ऑक्सीजन की व्यवस्था भी रखी गई है. निश्चित रूप से उन लोगों को आइसोलेशन सेंटर में जाने से राहत मिलेगी, जिनके पास घर में क्वॉरेंटाइन होने की जगह नहीं है या कोई देखभाल करने वाला नहीं है.

अजमेर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने ईटीवी भारत के माध्यम से आमजन को संदेश देते हुए कहा कि कोरोना से बचने के लिए मूलमंत्र यही है कि लोग मास्क लगाए, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें और अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोएं.

अजमेर. कोरोना की दूसरी लहर इस बार ग्रामीण क्षेत्रों पर भारी पड़ रही है. अजमेर जिले के शहरी ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य हो रहे हैं. ईटीवी भारत ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए चल रहे कार्यों को लेकर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से विशेष बातचीत की.

अजमेर जिला कलेक्टर से खास बातचीत

अजमेर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन की पालना करवाने के साथ डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है. कोरोना के सर्वे में प्रारंभिक लक्षण वाले मरीजों को सर्वे टीम मेडिकल किट भी दे रहे हैं. ग्रामीण स्तर पर कोर कमेटी बनाकर कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं, जिनकी लगातार मॉनिटरिंग विकास अधिकारी, तहसीलदार और एसडीएम स्तर पर हो रही है.

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उन्होंने बताया कि डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान मिलने वाले कोरोना मरीजों को समय पर इलाज मिल रहा है. उन्हें घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है ताकि वो जल्दी ठीक हो सके. ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई है. ग्रामीण जन अनुशासन का पालन कर रहे हैं. कई जगहों पर गांव में लोगों ने संक्रमण को रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगा दी है ताकि बाहर का कोई व्यक्ति गांव में ना आ सके. कई ग्रामीणों ने शादियां स्थगित कर दी. ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ी है और वे कोविड प्रोटोकॉल का अनुसरण कर रहे हैं. इससे निश्चित रूप से कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में मदद मिलेगी.

ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन के सवाल पर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि वैक्सीनेशन को लेकर सभी ग्रामीण जनप्रतिनिधियों का पूर्ण सहयोग मिल रहा है. ग्रामीण जनप्रनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में ग्रामीणों से समझाइश कर उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित कर रहे हैं. यही वजह है कि अजमेर के ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक 4 लाख से ज्यादा लोगों के वैक्सीन लग चुकी है. कर्मचारी और जनप्रतिनिधि डोर-टू-डोर जाकर ग्रामीणों को प्रेरित कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले 1 महीने से कोरोना संक्रमण में वृद्धि हो रही है, इसलिए ग्रामीणों में भी इस बात का संदेश पहुंच गया है कि कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन कारगर है. यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां भी वैक्सीनेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं वहां जल्द ही वैक्सीन खत्म हो रही है. वैक्सीनेशन के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ी है.

ग्रामीण क्षेत्रों में आइसोलेशन सेंटर नहीं होने के सवाल पर कलेक्टर पुरोहित ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोर कमेटियां है. वैसे ग्रामीण होम क्वॉरेंटाइन में रह रहे हैं, वहां परिजन उनकी अच्छे से देखभाल कर सकते हैं. इसके साथ ही ब्लॉक स्तर पर आइसोलेशन सेंटर की सुविधा है. कोरोना के कम लक्षण वाले लोगों को घर पर आइसोलेट किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पंच, सरपंच और पंचायती राज से जुड़े कर्मचारी सभी पूर्ण सहयोग दे रहे हैं.

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कंसल्टेशन कोविड केयर सेंटर के बारे में कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि जिले में 45 सेंटर हैं, जहां ओपीडी और आईपीडी दोनों की सुविधा है. सेंटर पर मरीजों को भर्ती करना है, उन्हें दवाई लेनी है या घर पर ही होम क्वॉरेंटाइन पर रखना है यह देखा जाता है. दूसरे सेंटर पर ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सुविधा भी रखी गई है.

जिले में कई जगह समाजसेवी संस्थाओं की ओर से आइसोलेशन सेंटर खोले गए हैं, जहां आवास, भोजन और इलाज की सुविधा के साथ ऑक्सीजन की व्यवस्था भी रखी गई है. निश्चित रूप से उन लोगों को आइसोलेशन सेंटर में जाने से राहत मिलेगी, जिनके पास घर में क्वॉरेंटाइन होने की जगह नहीं है या कोई देखभाल करने वाला नहीं है.

अजमेर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने ईटीवी भारत के माध्यम से आमजन को संदेश देते हुए कहा कि कोरोना से बचने के लिए मूलमंत्र यही है कि लोग मास्क लगाए, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें और अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोएं.

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