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अजमेर: उर्स के समापन से पहले गुरुवार को आयोजित हुई वार्षिक सभा, समाज में फैली कुरीतियों को लेकर हुई चर्चा

अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 809 वें उर्स के समापन से पहले गुरुवार को वार्षिक सभा आयोजित हुई. इसमें समाज में फैली कुरीतियों को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान दरगाह के दीवान ने कहा कि अब सभी धर्म गुरुओं और समाज सेवकों को इस प्रथा को रोकने के लिए कदम बढ़ाना होगा

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Published : Feb 19, 2021, 8:00 AM IST

Ajmer News, ख्वाजा की दरगाह, वार्षिक सभा आयोजित
अजमेर में उर्स के समापन से पहले वार्षिक सभा आयोजित

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 809 वें उर्स के समापन की पूर्व संध्या पर गुरुवार को वार्षिक सभा आयोजित हुई. इसमें देश भर की प्रमुख दरगाह के सजदा नशीन सूफी और धर्म प्रमुख शामिल हुए. इस दौरान संबोधित करते हुए ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने कहा कि वर्तमान समाज में कई कुरीतियां फैली हुई हैं, जिनके कारण परिवारिक व्यवस्था की हालत चिंताजनक हो गई है.

पढ़ें: बीकानेर: विश्व मायड़ भाषा दिवस पर कविता पाठ का आयोजन, उठी राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता की मांग

दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने कहा कि बेटियों की शादी को भव्य और महंगा बनाने के लिए कई माता-पिता अपनी पारिवारिक मजबूरियों और आर्थिक स्थिति को नजरअंदाज कर कर्ज के बोझ के तले दब जाते हैं, जो आगे चलकर उनके लिए काफी तकलीफदेह बन जाता है. समाज में हमने शादियों को एक कंपटीशन की तरह बना दिया है, जिसमें महंगी और भव्य शादियां करने वाले तो तारीफ पाते हैं, लेकिन जो लोग ऐसा नहीं कर पाते, उनकी बेटियों को जिंदगी भर रिश्तेदारों के ताने सुनने पड़ते हैं. यही वजह है कि कई बेटियां शादी से वंचित रह जाती हैं. वहीं, कुछ बेटियों के माता-पिता कर्ज के बोझ तले दबे होने के कारण आत्महत्या कर लेते हैं.

अजमेर में उर्स के समापन से पहले वार्षिक सभा आयोजित

पढ़ें: थर्ड ग्रेड टीचर, काम फर्स्ट ग्रेड: जब स्कूल देख DC ने कहा, 'बहुत बढ़िया लवानिया साहब, काश मैं छोटा होता और आपके स्कूल में पढ़ता'

दरगाह के दीवान ने कहा कि अब सभी धर्म गुरुओं और समाज सेवकों को इस प्रथा को रोकने के लिए कदम बढ़ाना होगा. समाज के प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वो दहेज को पूरी तरह से ना कह कर इस प्रथा पर विराम लगा दे. इसके अलावा दरगाह दीवान ने सभी देशवासियों से कोरोना से सतर्क रहने की भी अपील की है. उन्होंने कहा कि हालांकि देश में वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है, फिर भी सभी को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता का पूरी तरह से पालन करना होगा. तभी कोरोना को हराया जा सकता है. दरगाह दीवान ने कोरोना के खात्मे के लिए ख्वाजा साहब से दुआ की है.

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 809 वें उर्स के समापन की पूर्व संध्या पर गुरुवार को वार्षिक सभा आयोजित हुई. इसमें देश भर की प्रमुख दरगाह के सजदा नशीन सूफी और धर्म प्रमुख शामिल हुए. इस दौरान संबोधित करते हुए ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने कहा कि वर्तमान समाज में कई कुरीतियां फैली हुई हैं, जिनके कारण परिवारिक व्यवस्था की हालत चिंताजनक हो गई है.

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दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने कहा कि बेटियों की शादी को भव्य और महंगा बनाने के लिए कई माता-पिता अपनी पारिवारिक मजबूरियों और आर्थिक स्थिति को नजरअंदाज कर कर्ज के बोझ के तले दब जाते हैं, जो आगे चलकर उनके लिए काफी तकलीफदेह बन जाता है. समाज में हमने शादियों को एक कंपटीशन की तरह बना दिया है, जिसमें महंगी और भव्य शादियां करने वाले तो तारीफ पाते हैं, लेकिन जो लोग ऐसा नहीं कर पाते, उनकी बेटियों को जिंदगी भर रिश्तेदारों के ताने सुनने पड़ते हैं. यही वजह है कि कई बेटियां शादी से वंचित रह जाती हैं. वहीं, कुछ बेटियों के माता-पिता कर्ज के बोझ तले दबे होने के कारण आत्महत्या कर लेते हैं.

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दरगाह के दीवान ने कहा कि अब सभी धर्म गुरुओं और समाज सेवकों को इस प्रथा को रोकने के लिए कदम बढ़ाना होगा. समाज के प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वो दहेज को पूरी तरह से ना कह कर इस प्रथा पर विराम लगा दे. इसके अलावा दरगाह दीवान ने सभी देशवासियों से कोरोना से सतर्क रहने की भी अपील की है. उन्होंने कहा कि हालांकि देश में वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है, फिर भी सभी को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता का पूरी तरह से पालन करना होगा. तभी कोरोना को हराया जा सकता है. दरगाह दीवान ने कोरोना के खात्मे के लिए ख्वाजा साहब से दुआ की है.

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