अजमेर. देश में 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की केंद्र सरकार की योजना में अजमेर शहर भी शामिल है. कोरोना के दौर में अजमेर में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत 100 प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहे हैं. खास बात यह कि राजस्थान सरकार भी स्मार्ट सिटी की परियोजना को गति देने की दिशा में रुचि दिखा रही है. यही वजह है कि अजमेर शहर में कई प्रोजेक्ट धरातल पर मूर्त रूप ले चुके हैं.
स्मार्ट सिटी योजना अजमेर शहर के लिए वरदान साबित हो रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत अजमेर शहर को स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र सरकार से 996.05 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं. इनमें 909.67 करोड़ के कार्य के आदेश हो चुके हैं और विभिन्न प्रोजेक्ट में 280.31 करोड़ रुपए व्यय भी किया जा चुका है. धरातल पर प्रोजेक्ट को आकार दिया जा रहा है. इनमे कई ऐसे बड़े विकास कार्य हैं जिनसे अजमेर के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. स्मार्ट सिटी के माध्यम से कहीं विरासत को संरक्षित किया जा रहा है. वहीं पर्यटकों को कुछ दिन अजमेर में रोकने के लिए नए पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं.
ग्रीन अजमेर बनाने के लिए पार्क आदि बनाए जा रहे हैं जबकि बेहत्तर स्वास्थ के उद्देश्य से ओपन जिम भी बनाए गए हैं. कला संस्कृति, पुस्तकालय, चिकित्सा, यातायात, सीवेज सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कार्य जारी है. अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के चीफ इंजीनियर अविनाश शर्मा ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत शहर की जरूरत को देखते हुए सभी प्रोजेक्ट तैयार किए गए. शर्मा ने बताया कि स्मार्ट सिटी के लिए 930 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है. इसमें 50 फीसदी केंद्र सरकार, 30 फीसदी राज्य सरकार, 10 फीसदी नगर निगम और 10 फीसदी अर्बन डेवलपमेंट का है.
730 करोड़ से होंगे 15 बड़े कार्य
स्मार्ट सिटी पर योजना के तहत 15 बड़े कार्य हैं जिनकी लागत 730 करोड़ हैं. इनमें एलिवेटेड रोड, मेडिसिन एवं पीडियाट्रिक ब्लॉक के निर्माण, पाथवे, सिक्स लाइन रोड, लेक फ्रंट के कार्य है. उन्होंने बताया कि अजमेर की सबसे बड़ी समस्या पानी के निकासी की थी. 1995 से सीवरेज का काम शुरू किया गया था. इस बीच 4 संस्थाओं ने सीवेज का काम किया लेकिन वह पूरा नहीं हो पाया. अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से सीवेज का काम भी किया जा रहा है.
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शहर की मूल जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अजमेर स्मार्ट सिटी के तहत 13 वार्डों को स्मार्ट बनाया जा रहा है ताकि भविष्य में इन वार्डों की तर्ज पर ही शेष वार्डों को विकसित करने की कवायद होगी. शर्मा ने बताया कि अजमेर शहर स्मार्ट सिटी में सलेक्ट हुआ था तब अजमेर की रैंकिंग 55 थी. यह खुशी की बात है कि आज रैंकिंग अंडर 20 हो गई है.
तीर्थ नगरी अजमेर की ऐतिहासिक रूप से भी अपनी अलग पहचान है. यहां की विरासत में भी स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत निखार आ गया है. अकबर के किले के समीप पशु चिकित्सालय के पास यहां पार्क और पार्किंग विकसित की जा रही है. अजमेर के जायके को एक ही छत के नीचे लाने के लिए अरबन हाट में 'मसाला चौक' बनाया जा रहा है. अजमेर के बीच स्थित आनासागर झील के चारों और नए पर्यटन स्थल विकसित किए गए हैं जहां मिनी बर्ड सेंचुरी, लेक फ्रंट व्यू, पाथवे, म्यूजिकल फाउंटेन, फूड कोट पर्यटक ओके कदमों को रोकने के लिए बनाए गए हैं.
इनडोर स्टेडियम, स्पोर्ट्स कांपलेक्स बनेंगे
वहीं खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से इनडोर स्टेडियम, स्पोर्ट्स कांपलेक्स आदि का निर्माण किया जा रहा है. अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के चीफ इंजीनियर अविनाश शर्मा ने बताया कि 56 करोड़ से 34 कार्य पूरे हो चुके हैं. 63 कार्य 823 करोड़ के किये जा रहे हैं. 25 करोड़ के तीन कार्य के लिए टेंडर होने हैं. उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र को दृष्टिगत रखते हुए अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड समय पर कार्य पूर्ण करेगी.
वर्ष 2016 के बाद से 2018 तक अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में ही रहा है. केवल एलिवेटेड रोड पर ही फोकस किया गया. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद गहलोत सरकार ने स्मार्ट सिटी परियोजना में रुचि दिखाई है. स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजेक्ट की समीक्षा की और मौके पर जाकर कार्यों का अवलोकन भी किया. इसके बाद स्मार्ट सिटी के कार्यों को जैसे पंख लग गए. स्मार्ट सिटी की स्वीकृत सभी प्रोजेक्ट को मिल गई है. अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से प्रत्येक सप्ताह एक प्रोजेक्ट को पूरा करने का दावा भी किया जा रहा है.
अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि अजमेर के लिए सौभाग्य की बात है कि उसे स्मार्ट सिटी की सौगात मिली. चौधरी ने कहा कि सभी प्रोजेक्ट पर कार्य में गति देखने को मिल रही है. अजमेर शहर के विकास के लिए स्मार्ट सिटी वरदान साबित हो रही है. धरातल पर काम दिखने लगा है अब वह दिन भी दूर नहीं, जब अजमेर आने वाले पर्यटकों को शहर की छवि स्मार्ट होती हुई नजर आएगी.