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अजमेर: सामूहिक बाल सभा का आयोजन, छात्राओं ने दिखाया अपना हुनर - ajmer latest news

अजमेर में सेंट्रल गर्ल्स स्कूल की तरफ से एक अनोखी पहल शुरू की गई है. जहां अभिभावकों को उनके बच्चों की प्रतिभा दिखाने के लिए स्कूल प्रशासन की ओर से सामूहिक बाल सभा का आयोजन किया गया. जिसमें छात्राओं ने विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेकर शानदार प्रस्तुति दी.

अजमेर में बाल सभा का आयोजन, Children's assembly organized in Ajmer
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Published : Oct 19, 2019, 8:34 PM IST

अजमेर. शहर में शुक्रवार को सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में सामूहिक बाल सभा का आयोजन किया गया. इस आयोजन में सामूहिक बालसभा में छात्राओं ने शानदार प्रस्तुति पेश की. वहीं शालाओं में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन करने और अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह सामूहिक बालसभा का आयोजन किया गया था.

सामूहिक बाल सभा का हुआ आयोजन

अजमेर में चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में सामूहिक बाल सभा में छात्राओं ने विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेकर शानदार प्रस्तुति दी. छात्राओं ने एकल, सामूहिक नृत्य और गीत की प्रस्तुति दी. वहीं कविता पाठ में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया.

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इस अवसर पर उनके प्रदर्शन को देखने और सरहाने के लिए शिक्षक और शाला समिति के सदस्य मौजूद थे, लेकिन अभिभावकों की संख्या ना के बराबर थी. शाला की प्रचार्य गीता ने कहा कि विद्यालयों में महीने के दूसरे या अंतिम सप्ताह में शनिवार को सामूहिक बालसभा के आयोजन का प्रवधान है. विद्यार्थियों की विभिन्न गतिविधियों के साथ अभिभावकों को विद्यालयों की योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है. साथ ही अभिभावकों को उनके बच्चे की परफॉर्मन्स से भी अवगत करवाया जाता है.

सामूहिक बाल सभा में अभिभावकों की अनुपस्थिति कम रहने से स्पष्ठ है कि अभिभावक भी स्कूल में दाखिला करवाने के बाद बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए है. प्रचार्या गीता ने आगे बताया कि अनुपस्थित अभिभावकों से संपर्क साधकर उन्हें विद्यालय बुलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि बालसभा अभिभावकों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना की विद्यार्थियों के लिए है. कई विद्यार्थी स्कूल नही आते है या उन्हें किसी रोजगार से जोड़ लिया जाता है. ऐसे में बच्चों के भविष्य के लिए यह बाधाएं ठीक नही है.

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अभिभावक जब तक अपने बच्चों की जानकारी नियमित रूप से विद्यालय से नही लेंगे. तब तक विद्यार्थियों के परिणाम बहत्तर नही आ सकते है. इसका दूसरा पहलू यह भी है कि विद्यार्थी यदि पढ़ाई में कमजोर है, तो अभिभावकों से उस पर चर्चा कर उसकी जड़ तक पहुचने भी मदद मिलती है. वहीं अभिभावकों की अनुपस्थिति से सामूहिक बाल सभाएं महज औपचारिकता बनकर रह गई है. ऐसे में अभिभावकों की उपस्थिति रहेगी तभी सामूहिक बाल सभा की सार्थकता सिद्ध हो पाएगी.

अजमेर. शहर में शुक्रवार को सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में सामूहिक बाल सभा का आयोजन किया गया. इस आयोजन में सामूहिक बालसभा में छात्राओं ने शानदार प्रस्तुति पेश की. वहीं शालाओं में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन करने और अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह सामूहिक बालसभा का आयोजन किया गया था.

सामूहिक बाल सभा का हुआ आयोजन

अजमेर में चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में सामूहिक बाल सभा में छात्राओं ने विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेकर शानदार प्रस्तुति दी. छात्राओं ने एकल, सामूहिक नृत्य और गीत की प्रस्तुति दी. वहीं कविता पाठ में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया.

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इस अवसर पर उनके प्रदर्शन को देखने और सरहाने के लिए शिक्षक और शाला समिति के सदस्य मौजूद थे, लेकिन अभिभावकों की संख्या ना के बराबर थी. शाला की प्रचार्य गीता ने कहा कि विद्यालयों में महीने के दूसरे या अंतिम सप्ताह में शनिवार को सामूहिक बालसभा के आयोजन का प्रवधान है. विद्यार्थियों की विभिन्न गतिविधियों के साथ अभिभावकों को विद्यालयों की योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है. साथ ही अभिभावकों को उनके बच्चे की परफॉर्मन्स से भी अवगत करवाया जाता है.

सामूहिक बाल सभा में अभिभावकों की अनुपस्थिति कम रहने से स्पष्ठ है कि अभिभावक भी स्कूल में दाखिला करवाने के बाद बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए है. प्रचार्या गीता ने आगे बताया कि अनुपस्थित अभिभावकों से संपर्क साधकर उन्हें विद्यालय बुलाया जाएगा. उन्होंने बताया कि बालसभा अभिभावकों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना की विद्यार्थियों के लिए है. कई विद्यार्थी स्कूल नही आते है या उन्हें किसी रोजगार से जोड़ लिया जाता है. ऐसे में बच्चों के भविष्य के लिए यह बाधाएं ठीक नही है.

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अभिभावक जब तक अपने बच्चों की जानकारी नियमित रूप से विद्यालय से नही लेंगे. तब तक विद्यार्थियों के परिणाम बहत्तर नही आ सकते है. इसका दूसरा पहलू यह भी है कि विद्यार्थी यदि पढ़ाई में कमजोर है, तो अभिभावकों से उस पर चर्चा कर उसकी जड़ तक पहुचने भी मदद मिलती है. वहीं अभिभावकों की अनुपस्थिति से सामूहिक बाल सभाएं महज औपचारिकता बनकर रह गई है. ऐसे में अभिभावकों की उपस्थिति रहेगी तभी सामूहिक बाल सभा की सार्थकता सिद्ध हो पाएगी.

Intro:अजमेर। अजमेर में सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में सामूहिक बाल सभा का आयोजन हुआ। सामूहिक बालसभा में छात्राओं ने शानदार प्रस्तुति दी। खास बात यह कि सामूहिक बालसभा में अभिभावकों की संख्या बहुत ही कम रही। शालाओं में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन करने एवं अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सामूहिक बालसभा के आयोजन शुरू किए गए थे। 

अजमेर में चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में सामूहिक बाल सभा में छात्राओं ने विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेकर शानदार प्रस्तुति दी। छात्राओं ने एकल, सामूहिक नृत्य और गीत की प्रस्तुति दी। वही कविता पाठ में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर उनके प्रदर्शन को देखने और सरहाने के लिए शिक्षक और शाला समिति के सदस्य तो थे लेकिन अभिभावकों की संख्या ना के बराबर थी। शाला की प्रचार्य गीता बताती है कि विद्यालयों में महीने के दूसरे या अंतिम सप्ताह में शनिवार को सामूहिक बालसभा के आयोजन का प्रवधान है। विद्यार्थियों की विभिन्न गतिविधियों के साथ अभिभावकों को विद्यालयों की योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही अभिभावकों को उनके बच्चे की परफॉर्मन्स से भी अवगत करवाया जाता है ...
बाइट- गीता - प्राचार्या 
सामूहिक बाल सभा में अभिभावकों की अनुपस्थिति कम रहने से स्पष्ठ है कि अभिभावक भी स्कूल में दाखिला करवाने के बाद बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए है। प्रचार्या गीता ने बताया कि अनुपस्थित अभिभावकों से संपर्क साधकर उन्हें विद्यालय बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बालसभा अभिभावकों के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी विद्यार्थियों के लिए है। कई विद्यार्थी स्कूल नही आते या उन्हें किसी रोजगार से जोड़ लिया जाता है। ऐसे में बच्चों के भविष्य के लिए यह बाधाएं ठीक नही है। अभिभावक जब तक अपने बच्चों की जानकारी नियमित रूप से विद्यालय से नही लेंगे तब तक विद्यार्थियों के परिणाम बहत्तर नही आ सकते। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि विद्यार्थी यदि पढ़ाई में कमजोर है तो अभिभावकों से उस पर चर्चा कर उसकी जड़ तक पहुचने भी मदद मिलती है ...
बाइट- गीता - प्रचार्या 
 अभिभावकों की अनुपस्थिति से सामूहिक बाल सभाएं महज औपचारिकता बन रही है। अभिभावकों की उपस्थिति रहेगी तभी सामूहिक बाल सभा की सार्थकता सिद्ध हो पाएगी। 

Body:प्रियांक शर्मा
अजमेर
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