अजमेर. एनबीएच (नेशनल एक्रेरेडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स) में देश के 12 मेडिकल कालेजों को शामिल किया गया है. इसमें अजमेर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भी एक है. इसके तहत मरीजों को त्वरीत गुणवत्तापूर्ण मेडिकल सहायता उपलब्ध होगी. इसके लिए समस्त विभाग अध्यक्ष, वरिष्ठ चिकित्सकों, चिकित्सकों एवं रेजिडेंट को 3 दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अगले छह माह तक एनबीएच सुविधाएं जेएलएन मेडिकल कॉलेज में मिलेगी.
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जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि किसी भी अस्पताल के लिए मरीजों की समय पर केयर महत्वपूर्ण होती है. एनबीएच से अधिस्वीकृत होने के बाद केंद्र और राज्य की योजनाओं में जेएलएन मेडिकल कॉलेज को भी 10 प्रतिशत का इंसेंटिव मिलेगा. अस्पताल की बेहतरी के लिए भी अच्छा है इससे मरीजों के लिए उपकरण और अन्य दवाइयों की खरीद हुई हो पाएगी.
डॉ. सिंह ने दावा किया कि अगले 6 महीने में जेएलएन मेडिकल कॉलेज को एनबीएच में अधिस्वीकरण मिल जाएगा. नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. जीएल मीणा ने बताया कि नेशनल प्रोडक्ट काउंसिल और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के संयुक्त प्रयास से एनबीएच परियोजना की शुरूआत की गई है. इसका उद्देश्य मेडिकल सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण बनाना है. इसके लिए देश में 12 मेडिकल कॉलेज को चिन्हित किया गया है.
मेडिकल कॉलेज के माध्यम से क्वालिटी कल्चर विकसित करने का यह प्रोग्राम है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा महत्वपूर्ण रहेगी. इसलिए गुणवत्ता को ही व्यवहार में बदलना है. उन्होंने बताया कि एशियाई उत्पादकता संगठन टोक्यो जापान की ओर से गुणवत्ता सुधार के लिए क्षमता निर्माण और हेड होल्डिंग सपोर्ट के लिए प्रदर्शन परियोजना में वित्त पोषण सहायता प्रदान की गई है.
डॉ. जीएल मीणा अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज से ही 1996 बैच से हैं. डॉ. मीणा ने बताया कि एनबीएच के अंतर्गत एक मरीजों की सुरक्षा और दूसरा हॉस्पिटल मैनेजमेंट में सुधार करना है. मसलन अस्पताल में कोई मरीज आए तो उसे संतोष मिले. चिकित्सक मरीज और मरीज के परिजन अपनी-अपनी जिम्मेदारी को समझें. उन्होंने कहा कि जेएलएन मेडिकल कॉलेज के मैनेजमेंट ने जिस तरह से एनबीएच को लेकर उत्साह दिखाया है, मुझे उम्मीद है कि जेएलएन मेडिकल कॉलेज को भविष्य में स्थाई एनबीएस कार्यक्रम मिल सके और यह पूरे देश में एक उदाहरण बने.