अजमेर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने बुधवार को अजमेर की प्राचीनतम धरोहर की रक्षा के लिए अपनी विभिन्न मांगों के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन सौंपा है.
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रेवेन्यू बोर्ड का विघटन नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
महासंघ एकीकृत की अजमेर जिला अध्यक्ष कांति कुमार शर्मा ने बताया कि वर्तमान में अशोक गहलोत सरकार रेवेन्यू बोर्ड का गठन कर प्राचीन धरोहरों को अजमेर से छीनना चाहती है. राज्य सरकार के इस कदम से अजमेर की अर्थव्यवस्था खतरे में पड़ जाएगी. राजस्थान सरकार के मुख्य शासन सचिव निरंजन आर्य जो खुद भी अजमेर के कलेक्टर रह चुके हैं. राजस्व मंडल का विघटन कर इस ऐतिहासिक धरोहर को अजमेर से जुदा करने का प्रयास कर रहे हैं. उनकी इस हरकत की वजह से कर्मचारी संगठनों में काफी रोष है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ अजमेर ने सरकार से मांग की है कि वह रेवेन्यू बोर्ड का विघटन करने का फैसला तुरंत निरस्त करें.
बीसलपुर के पानी पर सिर्फ अजमेर का हक
कांति कुमार शर्मा ने कहा कि बीसलपुर बांध का निर्माण अजमेर वासियों को पेयजल की समस्या से निजात दिलाने के लिए किया गया था. परन्तु राजस्थान सरकार ने अजमेर के इस हक को छीन कर कर यह पानी भी सिंचाई के लिए जयपुर और टोंक जिले को दे दिया. जो कि अजमेर के हितों के साथ कुठाराघात है. एकीकृत महासंघ ने मांग की है कि बीसलपुर बांध का पानी समुचित मात्रा में अजमेर की जनता के लिए उपयोग किया जाए.
रेलवे स्टेशन और रेलवे के निजीकरण का विरोध
शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि केंद्र सरकार ने अभी हाल ही में रेलवे का निजीकरण किया है. इसके तहत अजमेर की प्राचीनतम धरोहर अजमेर रेलवे स्टेशन का भी निजीकरण करते हुए इसे देश के उद्योगपतियों को सौंपने की तैयारी की जा रही है. केंद्र सरकार का यह फैसला अजमेर की धरोहर और प्राचीनतम फैसलों के खिलाफ है. यदि अजमेर रेलवे स्टेशन का निजीकरण किया जाता है तो इससे अजमेर की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे.
उग्र आंदोलन की चेतावनी
कांति कुमार शर्मा ने राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि दोनों सरकारें कर्मचारी संगठनों की इन तीन मुख्य मांगों पर ध्यान नहीं देती हैं तो राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत और अन्य सभी कर्मचारी संगठन मिलकर केंद्र और राज्य सरकार का जमकर विरोध करेंगे. इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी सरकारों की ही होगी.
प्रवासी डॉक्टरों ने बढ़ाया मदद का हाथ
यूएसए में रह रहे प्रवासी डॉक्टरों ने कोरोना में मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. 170 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उन्होंने अजमेर के लिए भिजवाए हैं. आरपीएससी चेयरमैन भूपेंद्र यादव ने कहा कि वे जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अजमेर के छात्र रहे हैं. यहां से पढ़ कर निकले पूर्व छात्रों का एक संगठन है. यह सभी छात्र वर्तमान में विभिन्न स्थानों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस संगठन के माध्यम से यूएसए में रहने वाले पूर्व मेडिकल छात्रों ने अपने शहर के लिए 170 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भिजवाए हैं.