अजमेर. नगर निगम के आग्रह पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांधी भवन में पार्षदों और उनके परिजनों के लिए वैक्सीनेशन कैम्प आयोजित किया था. कैम्प में कांग्रेस के कई पार्षद और उनके परिजन वैक्सीन से वंचित रह गए. कांग्रेस पार्षदों ने वैक्सीनेशन शिविर में पक्षपात का आरोप लगाया है.
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कांग्रेसी पार्षदों का आरोप है कि वैक्सीनेशन से पहले पार्षद और उनके परिजनों की लिस्टिंग नहीं की गई. जिस कारण बीजेपी पार्षदों ने स्वयं और परिजन के अलावा अपने मिलने वालों को बुलाकर वैक्सीन लगवाई. जबकि वैक्सीनेशन शिविर में 300 जनों के वैक्सीनेशन की ही व्यवस्था थी. वैक्सीनेशन शिविर के शुरुआत में ही अनियमितता देखी गई. नगर निगम की ओर से पार्षदों को वैक्सीनेशन के लिए सूचना करवाई गई थी. कांग्रेसी महिला पार्षद द्रोपदी देवी ने बताया कि पार्षद जब वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे तो कहा गया कि 18 वर्ष की उम्र से 44 वर्ष तक के लोगों को वैक्सीन लगेगी.
विरोध के बाद पार्षदों और उनके परिजनों के वैक्सीन लगना शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि कई कांग्रेस के पार्षद और उनके परिजन को वैक्सीन नहीं लग पाया है. अगर इस तरह की ही व्यवस्था करनी थी तो पार्षदों और उनके परिजनों को वैक्सीनेशन के लिए क्यों बुलाया गया. उन्होंने बताया कि कांग्रेसी पार्षद नकुल खंडेलवाल अपने पिता को वैक्सीन के लिए लेकर आया था. लेकिन शिविर में वैक्सीन खत्म हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लेकर लोग जागरूक हो गए हैं और वैक्सीन लगवाना चाहते हैं.
सरकार की भी मंशा है कि सबको वैक्सीन लगे. इसलिए नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में वैक्सीन शिविर आयोजित करने चाहिए. कांग्रेसी पार्षद नकुल खंडेलवाल ने आरोप लगाया कि पार्षदों और उनके परिजनों के वैक्सीन लगाए जाने के लिए लगाए गए शिविर में पक्षपात किया गया है. बीजेपी पार्षदों ने परिजनों के अलावा अपने वार्ड से मिलने वालों को बुलाकर वैक्सीन लगवाए. जिस कारण वैक्सीन खत्म हो गई. खंडेलवाल ने कहा कि वैक्सीनेशन करवाने वाले लोगों के नाम रजिस्टर में दर्ज हैं. मामले की जांच कर उपयुक्त कार्रवाई होनी चाहिए. वार्ड 12 से कांग्रेसी महिला पार्षद के पुत्र वाहिद खान ने बताया कि वैक्सीन लगवाने के लिए आए थे लेकिन शिविर में वैक्सीन खत्म हो गई. उन्होंने कहा कि इस तरह के गड़बड़ झाले से बेहतर है कि वैक्सीन शिविर वार्डवार लगने चाहिए.