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अजमेर कृषि विभाग ने जिले में खरीफ की फसल के लिए लक्ष्य का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा

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Published : Jun 3, 2021, 10:47 PM IST

अजमेर कृषि विभाग ने साल 2021 के लिए खरीफ की फसल को लेकर लक्ष्य निर्धारित कर लिया है. विभाग ने जिले में 4 लाख 29 हजार 600 हेक्टेयर बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें जायद और खरीफ की फसलों की बुआई हो चुकी है.

Ajmer Agriculture Department , Kharif crop
अजमेर कृषि विभाग ने जिले में खरीफ की फसल के लिए लक्ष्य का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा

अजमेर. जिले में खरीफ की फसल को लेकर कृषि विभाग ने साल 2021 के लिए लक्ष्य निर्धारित कर लिए हैं. विभाग के अनुसार जिले में 4 लाख 29 हजार 600 हेक्टेयर बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 5,000 हेक्टेयर भूमि पर जायद और खरीफ की फसलों की बुआई हो चुकी है.

अजमेर कृषि विभाग की ओर से निर्धारित किए गए के प्रस्ताव को मुख्यालय भेजा गया है. अजमेर कृषि विभाग के उपनिदेशक हरजी राम चौधरी ने बताया कि जिले में खरीफ की फसल के लिए कोई लक्ष्य मुख्यालय की ओर से नहीं मिला है. अजमेर कृषि विभाग की ओर से मुख्यालय खरीफ की फसल के लक्ष्य का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा गया है.

उन्होंने बताया कि खरीफ की फसल साल 2021 के लक्ष्य के मुताबिक जिले में सर्वाधिक बुवाई की जाने वाली फसल ज्वार है. जिले में ज्वार की फसल 1 लाख 44 हजार 800 हेक्टेयर भूमि पर बुआई का लक्ष्य रखा गया है. दूसरे नंबर पर जिले में मूंग की बुआई 1 लाख 14 हजार 500 हेक्टेयर भूमि पर बुवाई का लक्ष्य है.

अजमेर कृषि विभाग ने जिले में खरीफ की फसल के लिए लक्ष्य का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा

इस प्रकार बाजरा 63 हजार 500 हेक्टेयर, मक्का 21 हजार हेक्टेयर, मौठ 200 हेक्टेयर, उड़द 46 हजार 500 हेक्टेयर, चवला- 500 हेक्टेयर, मूंगफली -2 हजार हेक्टेयर, तिल - 9 हजार 500 हेक्टेयर, सोयाबीन- 10 हेक्टेयर, अरंडी- 70 हेक्टेयर, गन्ना- 20 हेक्टेयर, कपास- 15 हजार हेक्टेयर, ग्वार - 12 हजार हेक्टेयर शामिल है.

पढ़ें- BSF के ऑपरेशन से बड़ा खुलासा, पाइप से पहुंचाई जा रही थी भारत-पाक सीमा पर हेरोइन की खेप

चौधरी ने बताया कि कुल 4 लाख 29 हजार 600 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रस्ताव मुख्यालय भेजा है. इसमें कम और ज्यादा हेक्टेयर होने की भी संभावना है. उन्होंने बताया कि इस बार मानसून की बारिश जल्द आने के समाचार है इससे किसानों में काफी उत्साह है. जायद की फसल में सब्जियां और खरीफ की फसलों में मूंगफली और कपास के लिए 5 हजार हेक्टेयर भूमि पर बुवाई हो चुकी है. उन्होंने बताया कि प्री मानसून बारिश से जहां कपास की बुवाई नहीं हो रही थी वहां अभी बुवाई शुरू हो गई है. आगामी बारिश किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी ऐसी आशा की जा रही है.

अजमेर. जिले में खरीफ की फसल को लेकर कृषि विभाग ने साल 2021 के लिए लक्ष्य निर्धारित कर लिए हैं. विभाग के अनुसार जिले में 4 लाख 29 हजार 600 हेक्टेयर बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 5,000 हेक्टेयर भूमि पर जायद और खरीफ की फसलों की बुआई हो चुकी है.

अजमेर कृषि विभाग की ओर से निर्धारित किए गए के प्रस्ताव को मुख्यालय भेजा गया है. अजमेर कृषि विभाग के उपनिदेशक हरजी राम चौधरी ने बताया कि जिले में खरीफ की फसल के लिए कोई लक्ष्य मुख्यालय की ओर से नहीं मिला है. अजमेर कृषि विभाग की ओर से मुख्यालय खरीफ की फसल के लक्ष्य का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा गया है.

उन्होंने बताया कि खरीफ की फसल साल 2021 के लक्ष्य के मुताबिक जिले में सर्वाधिक बुवाई की जाने वाली फसल ज्वार है. जिले में ज्वार की फसल 1 लाख 44 हजार 800 हेक्टेयर भूमि पर बुआई का लक्ष्य रखा गया है. दूसरे नंबर पर जिले में मूंग की बुआई 1 लाख 14 हजार 500 हेक्टेयर भूमि पर बुवाई का लक्ष्य है.

अजमेर कृषि विभाग ने जिले में खरीफ की फसल के लिए लक्ष्य का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा

इस प्रकार बाजरा 63 हजार 500 हेक्टेयर, मक्का 21 हजार हेक्टेयर, मौठ 200 हेक्टेयर, उड़द 46 हजार 500 हेक्टेयर, चवला- 500 हेक्टेयर, मूंगफली -2 हजार हेक्टेयर, तिल - 9 हजार 500 हेक्टेयर, सोयाबीन- 10 हेक्टेयर, अरंडी- 70 हेक्टेयर, गन्ना- 20 हेक्टेयर, कपास- 15 हजार हेक्टेयर, ग्वार - 12 हजार हेक्टेयर शामिल है.

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चौधरी ने बताया कि कुल 4 लाख 29 हजार 600 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की फसल की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रस्ताव मुख्यालय भेजा है. इसमें कम और ज्यादा हेक्टेयर होने की भी संभावना है. उन्होंने बताया कि इस बार मानसून की बारिश जल्द आने के समाचार है इससे किसानों में काफी उत्साह है. जायद की फसल में सब्जियां और खरीफ की फसलों में मूंगफली और कपास के लिए 5 हजार हेक्टेयर भूमि पर बुवाई हो चुकी है. उन्होंने बताया कि प्री मानसून बारिश से जहां कपास की बुवाई नहीं हो रही थी वहां अभी बुवाई शुरू हो गई है. आगामी बारिश किसानों के लिए फायदेमंद रहेगी ऐसी आशा की जा रही है.

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