अजमेर. राजस्थान राजस्व मंडल के विखंडन और विकेंद्रीकृत होने की सुगबुगाहट से मामला फिर से तूल पकड़ चुका है. राजस्थान राजस्व अभिभाषक संघ की साधारण सभा की बैठक में वकीलों ने 2 दिन के कार्य बहिष्कार की घोषणा की (Advocacy union will boycott two days work) है. वहीं जनप्रतिनिधियों और आमजन का समर्थन जुटाने में अभिभाषक संघ जुट गया है.
राजस्थान राजस्व मंडल के विखंडन को लेकर अभिभाषक संघ ने मोर्चा खोल दिया है. अभिभाषक संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह नरूका ने बताया कि राजस्थान जिले में अजमेर का विलय सशर्त हुआ था. जबकि अजमेर की ओर से राजधानी बनाने का दावा किया गया था. उन्होंने कहा कि राव कमीशन के अनुशंसा पर अजमेर को कई महत्वपूर्ण सरकारी विभाग मिले. इनमें किसान पक्षकारों की एकमात्र सर्वोच्च न्यायालय राजस्थान राजस्व मंडल भी शामिल है. इसके अलावा राजस्थान लोक सेवा आयोग, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान आयुर्वेद निदेशालय शामिल हैं.
नरूका ने कहा कि 2021 में भी राज्य सरकार ने राजस्व मंडल के प्रशासनिक कार्य को जयपुर ले जाने और आयुक्तालय बनाने को लेकर प्रस्ताव लिया था. उस वक्त अभिभाषक संघ, अजमेर के समस्त जनप्रतिनिधियों और आमजन ने इसका विरोध किया था. उन्होंने बताया कि जयपुर में आयुक्तालय को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर बैठक आयोजित की गई है. उन्होंने कहा कि राजस्व मंडल अभिभाषक संघ इस बैठक का पुरजोर विरोध करता है. साथ ही अभिभाषक संघ ने गुरुवार तक कार्य बहिष्कार की भी घोषणा की है. उन्होंने बताया कि वकीलों को कांग्रेस, बीजेपी के नेताओं सहित सामाजिक और कर्मचारी संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है.
राजस्थान अभिभाषक संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह नरूका ने बताया कि भविष्य में राजस्व मंडल का विखंडन न हो इसके लिए अभिभाषक संघ आंदोलन के साथ अजमेर के समस्त जनप्रतिनिधियों और आमजन से समर्थन भी जुटा रहा है. जिससे राज्य सरकार से यह स्पष्ट बातचीत हो कि राव कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर अजमेर को राजधानी नहीं बनाए जाने की एवज में मिले महत्वपूर्ण सरकारी महकमो का विखंडन और विकेंद्रीकृत न हो. इसके लिए अजमेर में जनांदोलन किया जाएगा.