अजमेर. संभाग के 2 जिले रेड जोन में आ चुके हैं, तो वहीं 2 जिले ऑरेंज जोन में हैं. इन्हें ग्रीन जोन में लाने के लिए जिला प्रशासन और महत्वपूर्ण व ठोस कदम उठा रहा है. गुरुवार को चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और मुख्य सचिव की ओर से तमाम जिला मुख्यालय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रवासी मजदूरों के साथ ही अन्य चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर बातचीत की गई.
इस मौके पर सभी को दिशा निर्देश दिए गए कि राजस्थान में लगातार बढ़ रहे मामलों पर लगाम लगाने के लिए चिकित्सा विभाग के साथ पुलिस प्रशासन को भी कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है.
इसके साथ ही राजस्थान से सटीक सभी सीमाओं को सील कर दिया जाए, जिससे कि कोई भी प्रवासी मजदूर पलायन ना कर सके. जहां अजमेर में लगातार अन्य राज्यों से अब भी मजदूर पैदल चलकर पहुंच रहा है, जो एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं.
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अजमेर संभागीय आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर जिला और नागौर रेड जोन में है. वहीं भीलवाड़ा और टोंक ऑरेंज जोन में है. जहां कम से कम कोरोना वायरस के मामले आए इसको लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं. प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकते हुए उनके नियमित पास बनवाने की व्यवस्था की जा रही है.
मीणा ने बताया कि अजमेर में फंसे जायरीन को लेकर भी अन्य राज्यों से संपर्क साधा जा रहा है, जिससे कि उन्हें सकुशल अपने घर पर पहुंचाया जा सके. इसके साथ ही अजमेर में फंसे मजदूरों को भी अपने घर भेजने के लिए लगातार पास बनाए जा रहे हैं.