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अजमेर सेंट्रल जेल में बंदियों से वसूली का 'खेल', एसीबी ने किया भंडाफोड़ - अपराध समाचार

अजमेर की सेंट्रल जेल में चल रही अवैध वसूली मामले में शुक्रवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बड़ा खुलासा किया है. एसीबी की संभाग स्तरीय 7 टीमों ने शुक्रवार को पूरे दिन अजमेर में कार्रवाई करते हुए 4 जेल कर्मचारियों के साथ ही 2 कैदियों और एक कैदी के रिश्तेदार को गिरफ्तार किया है. वहीं इस मामले में अभी कुछ और जेल कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में जताई जा रही है. जिनकी जांच की जा रही है.

अजमेर सेंट्रल जेल में बंदियों से वसूली का 'खेल'...एसीबी ने किया भंडाफोड़
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Published : Jul 19, 2019, 10:54 PM IST

अजमेर. सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के लिए भले ही इस स्थान को सुधार ग्रह का नाम दिया जाता हो, लेकिन इसकी सच्चाई का खुलासा हुआ है कि सेंट्रल जेल में जेल विभाग के कर्मचारी और अधिकारी साथ मिलकर भ्रष्टाचार के अपराध की स्क्रिप्ट लिखी जा रही थी. जेल की ऊंची दीवारों के पीछे लिखी जा रही इस अपराध की कहानी के किरदारों में कुख्यात अपराधियों के साथ ही जेल के कर्मचारियों की भूमिका की जानकारी ने ही एसीबी के कान खड़े कर दिए.

मामले की तस्दीक हुई तो अजमेर सेंट्रल जेल सहित मामले से जुड़े संदिग्ध के ठिकानों पर अजमेर व जयपुर एसीबी सहित सात टीमों ने छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया. फिर जो सच सामने आया वह चौंकाने वाला था.

अजमेर सेंट्रल जेल में बंदियों से वसूली का 'खेल'...एसीबी ने किया भंडाफोड़

अजमेर एसीबी एसपी राजीव प्रचार के अनुसार जेल में प्रतिबंधित सामान ले जाने के इस खेल की कीमत हर महीने लगभग 25 लाख रुपये की थी. एसीबी की कार्रवाई के दौरान जेल में ही कैदियों के पास से मोबाइल फोन भी बरामद किए गए. एसीबी एसपी राजीव प्रचार के अनुसार इस मामले में जेल कर्मचारी संजय सिंह, केसाराम, प्रधान और अरुण सिंह के साथ ही हत्या के मामले में सजा काट रहे शैतान सिंह और पैरोल पर रिहा किए गए दीपक उर्फ सन्नी के साथ ही शैतान सिंह के एक रिश्तेदार को भी गिरफ्तार किया है.

एसपी पचार के अनुसार यह सभी आरोप जेल में आने वाले कैदियों से डरा धमका कर वसूली के साथ ही उनके पास प्रतिबंधित सामान पहुंचाने के नाम पर अवैध वसूली किया करते थे. अधिकांश वसूली नगदी में की जाती थी. लेकिन कई बार यह वसूली बैंक खातों के माध्यम से भी की गई जिसके सबूत एसीपी के हाथों में लगे हैं.

अजमेर. सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के लिए भले ही इस स्थान को सुधार ग्रह का नाम दिया जाता हो, लेकिन इसकी सच्चाई का खुलासा हुआ है कि सेंट्रल जेल में जेल विभाग के कर्मचारी और अधिकारी साथ मिलकर भ्रष्टाचार के अपराध की स्क्रिप्ट लिखी जा रही थी. जेल की ऊंची दीवारों के पीछे लिखी जा रही इस अपराध की कहानी के किरदारों में कुख्यात अपराधियों के साथ ही जेल के कर्मचारियों की भूमिका की जानकारी ने ही एसीबी के कान खड़े कर दिए.

मामले की तस्दीक हुई तो अजमेर सेंट्रल जेल सहित मामले से जुड़े संदिग्ध के ठिकानों पर अजमेर व जयपुर एसीबी सहित सात टीमों ने छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया. फिर जो सच सामने आया वह चौंकाने वाला था.

अजमेर सेंट्रल जेल में बंदियों से वसूली का 'खेल'...एसीबी ने किया भंडाफोड़

अजमेर एसीबी एसपी राजीव प्रचार के अनुसार जेल में प्रतिबंधित सामान ले जाने के इस खेल की कीमत हर महीने लगभग 25 लाख रुपये की थी. एसीबी की कार्रवाई के दौरान जेल में ही कैदियों के पास से मोबाइल फोन भी बरामद किए गए. एसीबी एसपी राजीव प्रचार के अनुसार इस मामले में जेल कर्मचारी संजय सिंह, केसाराम, प्रधान और अरुण सिंह के साथ ही हत्या के मामले में सजा काट रहे शैतान सिंह और पैरोल पर रिहा किए गए दीपक उर्फ सन्नी के साथ ही शैतान सिंह के एक रिश्तेदार को भी गिरफ्तार किया है.

एसपी पचार के अनुसार यह सभी आरोप जेल में आने वाले कैदियों से डरा धमका कर वसूली के साथ ही उनके पास प्रतिबंधित सामान पहुंचाने के नाम पर अवैध वसूली किया करते थे. अधिकांश वसूली नगदी में की जाती थी. लेकिन कई बार यह वसूली बैंक खातों के माध्यम से भी की गई जिसके सबूत एसीपी के हाथों में लगे हैं.

Intro:अजमेर की सेंट्रल जेल में चल रही अवैध वसूली मामले में आज भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बड़ा खुलासा किया है एसीबी की संभाग स्तरीय 7 टीमों ने आज पूरे दिन अजमेर में कार्रवाई करते हुए 4 जेल कर्मचारियों के साथ ही 2 कैदियों और एक कैदी के रिश्तेदार को गिरफ्तार किया है


Body:मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में अभी कुछ और जेल कर्मचारियों व अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में जताई जा रही है जिनकी जांच की जा रही है


अजमेर की सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के लिए भले ही इस स्थान को सुधार ग्रह का नाम दिया जाता हो लेकिन आज इस सच्चाई का खुलासा हुआ है कि सेंट्रल जेल में जेल विभाग के कर्मचारी और अधिकारी साथ मिलकर भ्रष्टाचार के अपराध की स्क्रिप्ट लिखी जा रही थी जेल की ऊंची दीवारों के पीछे लिखी जा रही इस अपराध की कहानी के किरदारों में कुख्यात अपराधियों के साथ ही जेल के कर्मचारियों की भूमिका की जानकारी ने ही एसीबी के कान खड़े कर दिए

मामले की तस्दीक हुई तो आज अजमेर सेंट्रल जेल सहित मामले से जुड़े संदिग्ध के ठिकानों पर अजमेर व जयपुर एसीबी सहित सात टीमों ने छापामार कार्यवाही को अंजाम दिया फिर जो सच सामने आया वह चौंकाने वाला था


अजमेर एसीबी एसपी राजीव प्रचार के अनुसार जेल में प्रतिबंधित सामान ले जाने के इस खेल की कीमत हर महीने लगभग 25 लाख रुपये की थी एसीबी की कार्रवाई के दौरान जेल में ही कैदियों के पास से मोबाइल फोन भी बरामद किए गए


Conclusion:एसीबी एसपी राजीव प्रचार के अनुसार इस मामले में आज जेल कर्मचारी संजय सिंह, केसाराम ,प्रधान और अरुण सिंह के साथ ही हत्या के मामले में सजा काट रहे शैतान सिंह व पैरोल पर रिहा किए गए दीपक उर्फ सन्नी के साथ ही शैतान सिंह के एक रिश्तेदार को भी गिरफ्तार किया है

पचार के अनुसार यह सभी आरोप जेल में आने वाले कैदियों से डरा धमका कर वसूली के साथ ही उनके पास प्रतिबंधित सामान पहुंचाने के नाम पर अवैध वसूली किया करते थे अधिकांश वसूली नगदी में की जाती थी लेकिन कई बार यह वसूली बैंक खातों के माध्यम से भी की गई जिसके सबूत एसीपी के हाथों में लगे हैं


बाईट-राजीव पचार एसपी एसीबी
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