अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें उर्स की शुरुआत 19 या 20 फरवरी से झंडे की रस्म के साथ अनौपचारिक शुरुआत होगी. यह कहना है ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के प्रमुख जैनुवल आबेदीन के पुत्र नसरुद्दीन अली खान का.
बता दें, कि उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में देशभर के लोग शामिल होते हैं. जहां झंडे की रस्म के साथ उसकी अनौपचारिक रूप से शुरुआत हो जाती है, जिसे भीलवाड़ा के गौरी परिवार द्वारा निभाई जाती है. वहीं, नसरूद्दीन अली खान ने जानकारी देते हुए बताया कि 808वां उर्स का झंडा 19 या 20 फरवरी की शाम दरगाह के बुलंद दरवाजे पर ढोल ताशों के साथ चढ़ाया जाएगा.
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वहीं 24 फरवरी को ख्वाजा की मजार पर पेश होने वाला साल भर का संदल (चंदन) को भी उतारा जाएगा, चांद रात होते ही 24 फरवरी को महरौली से पैदल आने वाले कलंदर दरगाह शरीफ में हैरतअंगेज कारनामे के साथ छड़ी का निशान पेश करेंगे और इसी दिन सुबह आस्ताने शरीफ खुलने के साथ ही दरगाह का जन्नती दरवाजा भी जायरीनों के लिए खोल दिया जाएगा.
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दरअसल, रजब माह का चांद दिखते ही उर्स की रस्में शुरू हो जाती है और जन्नती दरवाजा खोल दिए जाते है. साथ ही चांद नहीं दिखने पर जन्नती दरवाजा फिर से बंद कर दिया जाएगा. जो कि 25 फरवरी को पुनः खोला जाएगा. चांद दिखने के साथ रोजाना रात को दरगाह के महफिल खाने में दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान की सदारत में शाही कव्वाल कव्वाली पेश की जाएगी.