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अजमेरः ख्वाजा गरीब नवाज का 808वां उर्स, 19 या 20 फरवरी को होगी झंडे की रस्म अदाएगी

अजमेर में स्थित सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज के 808वें उर्स की शुरुआत 19 या 20 फरवरी से झंडे की रस्म के साथ अनौपचारिक शुरुआत होगी. साथ ही 24 फरवरी को ख्वाजा की मजार पर पेश होने वाला साल भर का संदल (चंदन) को भी उतारा जाएगा.

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ख्वाजा गरीब नवाज का 808वां उर्स
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Published : Jan 21, 2020, 12:48 PM IST

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें उर्स की शुरुआत 19 या 20 फरवरी से झंडे की रस्म के साथ अनौपचारिक शुरुआत होगी. यह कहना है ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के प्रमुख जैनुवल आबेदीन के पुत्र नसरुद्दीन अली खान का.

ख्वाजा गरीब नवाज का 808वां उर्स

बता दें, कि उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में देशभर के लोग शामिल होते हैं. जहां झंडे की रस्म के साथ उसकी अनौपचारिक रूप से शुरुआत हो जाती है, जिसे भीलवाड़ा के गौरी परिवार द्वारा निभाई जाती है. वहीं, नसरूद्दीन अली खान ने जानकारी देते हुए बताया कि 808वां उर्स का झंडा 19 या 20 फरवरी की शाम दरगाह के बुलंद दरवाजे पर ढोल ताशों के साथ चढ़ाया जाएगा.

पढ़ेंः अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज के 808वें उर्स मेले को लेकर समीक्षा बैठक

वहीं 24 फरवरी को ख्वाजा की मजार पर पेश होने वाला साल भर का संदल (चंदन) को भी उतारा जाएगा, चांद रात होते ही 24 फरवरी को महरौली से पैदल आने वाले कलंदर दरगाह शरीफ में हैरतअंगेज कारनामे के साथ छड़ी का निशान पेश करेंगे और इसी दिन सुबह आस्ताने शरीफ खुलने के साथ ही दरगाह का जन्नती दरवाजा भी जायरीनों के लिए खोल दिया जाएगा.

पढ़ेंः सूफी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह में बड़ा उर्स, अजमेर शरीफ से आई चादर

दरअसल, रजब माह का चांद दिखते ही उर्स की रस्में शुरू हो जाती है और जन्नती दरवाजा खोल दिए जाते है. साथ ही चांद नहीं दिखने पर जन्नती दरवाजा फिर से बंद कर दिया जाएगा. जो कि 25 फरवरी को पुनः खोला जाएगा. चांद दिखने के साथ रोजाना रात को दरगाह के महफिल खाने में दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान की सदारत में शाही कव्वाल कव्वाली पेश की जाएगी.

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 808वें उर्स की शुरुआत 19 या 20 फरवरी से झंडे की रस्म के साथ अनौपचारिक शुरुआत होगी. यह कहना है ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के प्रमुख जैनुवल आबेदीन के पुत्र नसरुद्दीन अली खान का.

ख्वाजा गरीब नवाज का 808वां उर्स

बता दें, कि उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में देशभर के लोग शामिल होते हैं. जहां झंडे की रस्म के साथ उसकी अनौपचारिक रूप से शुरुआत हो जाती है, जिसे भीलवाड़ा के गौरी परिवार द्वारा निभाई जाती है. वहीं, नसरूद्दीन अली खान ने जानकारी देते हुए बताया कि 808वां उर्स का झंडा 19 या 20 फरवरी की शाम दरगाह के बुलंद दरवाजे पर ढोल ताशों के साथ चढ़ाया जाएगा.

पढ़ेंः अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज के 808वें उर्स मेले को लेकर समीक्षा बैठक

वहीं 24 फरवरी को ख्वाजा की मजार पर पेश होने वाला साल भर का संदल (चंदन) को भी उतारा जाएगा, चांद रात होते ही 24 फरवरी को महरौली से पैदल आने वाले कलंदर दरगाह शरीफ में हैरतअंगेज कारनामे के साथ छड़ी का निशान पेश करेंगे और इसी दिन सुबह आस्ताने शरीफ खुलने के साथ ही दरगाह का जन्नती दरवाजा भी जायरीनों के लिए खोल दिया जाएगा.

पढ़ेंः सूफी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह में बड़ा उर्स, अजमेर शरीफ से आई चादर

दरअसल, रजब माह का चांद दिखते ही उर्स की रस्में शुरू हो जाती है और जन्नती दरवाजा खोल दिए जाते है. साथ ही चांद नहीं दिखने पर जन्नती दरवाजा फिर से बंद कर दिया जाएगा. जो कि 25 फरवरी को पुनः खोला जाएगा. चांद दिखने के साथ रोजाना रात को दरगाह के महफिल खाने में दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान की सदारत में शाही कव्वाल कव्वाली पेश की जाएगी.

Intro:अजमेर/ सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 808 व उर्स की शुरुआत 19 या 20 फरवरी से झंडे की रस्म के साथ अनौपचारिक शुरुआत होगी यह कहना है ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के प्रमुख जैनुवल आबेदीन के पुत्र नसरुद्दीन अली खान का उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में देशभर के लोग शामिल होते हैं जहाँ झंडे की रस्म के साथ उसकी अनौपचारिक रूप से शुरुआत हो जाती है जिसे भीलवाड़ा के गौरी परिवार द्वारा निभाई जाती है


नसरूद्दीन अली खान ने जानकारी देते हुए बताया कि 808 व उर्स का झंडा 19 या 20 फरवरी की शाम दरगाह के बुलंद दरवाजे पर ढोल ताशों के साथ चढ़ाया जाएगा , 24 फ़रवरी को ख्वाजा की मजार पर पेश होने वाला साल भर का संदल (चंदन) को भी उतारा जाएगा, चांद रात होते ही 24 फरवरी को महरौली से पैदल आने वाले कलंदर दरगाह शरीफ में हैरतअंगेज कारनामे के साथ छड़ी का निशान पेश करेंगे और इसी दिन सुबह आस्ताने शरीफ खुलने के साथ ही दरगाह का जन्नती दरवाजा भी जायरीनों के लिए खोल दिया जाएगा



रजब माह का चांद दिखा तो उर्स की रस्में शुरू हो जाएगी और जन्नती दरवाजा छठी के कुल की रस्म तक खुला रहेगा चांद नहीं दिखने पर जन्नती दरवाजा फिर से बंद कर दिया जाएगा जो कि 25 फरवरी को पुनः खोला जाएगा चांद दिखने के साथ रोजाना रात को दरगाह के महफिल खाने में दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान की सदारत में शाही कव्वाल कव्वाली पेश करेंगे देर रात को दरगाह दीवान के द्वारा गुस्ल की रस्म को भी अदा किया जाएगा


छठी का कुल 2 या 3 मार्च को होगा बड़े कुल की रस्म को 5 मार्च को अदा किया जाएगा जहां कुल की रस्म के साथ ही ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स की अनौपचारिक रूप से समापन होगा






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